उत्‍तरी अंडमान सागर और आसपास के क्ष्‍ोत्र में अब खतरा और भी बढ़ गया है. गौरतलब है कि इन क्षेत्रों में बन रहा भारी दबाव का क्षेत्र डीप डिप्रेशन अब एक चक्रवाती तूफान में तब्‍दील हो चुका है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि हुदहुद नाम का यह तूफान बहुत जोरों के साथ्‍ा पश्चिम-उत्तार और पश्चिम की तरफ बढ़ता आ रहा है. मौसम की चेतावनी को ध्‍यान में रखते हुए आसपास के सभी लोगों को या तो तट छोड़ने या अहतियात बरतने को कहा गया है.

क्या है मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अगले 12 घंटों के भीतर इसके प्रचंड रूप अख्तियार कर लेने और 24 घंटे के अंदर सबसे प्रचंड चक्रवाती तूफान बन जाने का अनुमान लगाया गया है. विशाखापत्तानम और गोपालपुर के बीच में इस तूफान के आंध्र प्रदेश के उत्तरी तटीय इलाके और दक्षिणी ओडिशा तट पर 12 अक्टूबर की दोपहर तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है. ऐसे में आसपास के लोगों को विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है.  
1999 के फेलीन सी मचा सकता है तबाही
अनुमान है कि 1999 में आए फेलीन तूफान की तरह ही यह भी भारी तबाही मचा सकता है. गौरतलब है कि उस समय फेलीन में 10 हजार लोग हताहत हुए थे. इसके साथ ही हुदहुद की वजह से भारतीय तटीय इलाके में रहने वाली करीब एक करोड़ की आबादी पर असर हो सकता है. इसको ध्यान में रखते हुए तटीय क्षेत्र के लोगों को खास ध्यान और अहतियात बरतना होगा.
खतरनाक होता जा रहा है स्वरूप
पिछले आठ अक्टूबर से ही तूफान का रूप और भी खतरनाक होता जा रहा है. 8 अक्टूबर को सुबह 8:30 बजे इसकी रफ्तार 85 किलोमीटर प्रतिघंटा थी जो कि उसी दिन रात को करीब साढ़े 11 बजे 100 किलोमीटर प्रतिघंटा रफ्तार पर पहुंच गई. 9 अक्टूबर को सुबह करीब साढ़े पांच बजे तूफान की रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटे पहुंच गई. 9 अक्टूबर को ही शाम करीब साढ़े पांच बजे चक्रवाती तूफान हुदहुद की रफ्तार 120 किलोमीटर तक पहुंच गई जो की सबसे ज्यादा प्रचंड श्रेणी में थी. अब आशंका जताई जा रही है कि 10 अक्टूबर को सुबह साढ़े पांच बजे इसकी रफ्तार 135 किलोमीटर प्रतिघंटे होगी, जो कि शाम को अति प्रचंड होकर 145 किलोमीटर प्रतिघंटा हो जाएगी. 12 अक्टूबर को इसके 155 किलोमीटर प्रतिघंटा पहुंचने की आशंका है.

अंडमान और निकोबार में शुरू हुई तबाही
बुधवार को शक्तिशाली होने के साथ ही हुदहुद अंडमान-निकोबार पहुंचा. वहां उसने काफी तबाही मचाई. हवाएं इतनी तेज थीं कि पेड़ उखड़ गए और सड़कें कई जगहों से टूट गईं. इसके साथ ही बिजली और फोन की व्यवस्था भी ठप हो गई. तबाही को देखते हुए सरकारी तंत्र भी जोरों के साथ राहत कार्य में लगा हुआ है. इसके साथ ही वहां के लोगों को खुद भी विशेष अहतियात बरतने की जरूरत है.  
ऐसे पड़ेगा तूफान का खौफनाक असर
अगले 24 घंटों तक अधिकांश प्रभावित स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. इसकी तीव्रता भारी से लेकर अत्यधिक भारी तक हो सकती है. इसका मतलब बारिश का आंकड़ा इंच से मीटर तक पहुंच सकता है. अगले 24 घंटों तक भीषण तेज हवाएं चल सकती हैं. इसके साथ ही समुद्र के अंदर और आसपास अत्यधिक उथल-पुथल रह सकती है. लोगों को सचेत रहने की हिदायत है.
आबादी को नुकसान
झोपड़ियों को क्षति पहुंच सकती है. पेड़ गिरने से बिजली और संचार लाइनें ध्वस्त हो सकती हैं. उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा के तट पर खतरा है.11 अक्टूबर की शाम से दक्षिणी ओडिशा के तट पर भारी बारिश से लेकर अत्यधिक भारी बारिश होने का अनुमान है. विशाखापत्तानम, विजयनगरम, श्रीकाकुलम जैसे आंध्र प्रदेश के उत्तरी तटीय जिलों की भी यही स्थिति रह सकती है. इसी सुबह से आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों पर 70 किमी प्रति घंटे की तेजी वाला तूफान कहर मचा सकता है. इस तूफान की रफ्तार बढ़ती जाएगी और 12 अक्टूबर की सुबह इसकी तेजी 150 किमी प्रति घंटे को भी छू सकती है. सुबह से ही समुद्र की हलचल बढ़ती जाएगी जो 12 अक्टूबर को अपने चरम पर होगी.

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Posted By: Ruchi D Sharma