करीब 420.000 करोड़ रूपये 80 अरब डालर का कारोबार करने वाले टाटा ग्रुप को अपना नया बॉस 2011 में ही मिला. जी हां हम बात कर रहे हैं 2011 की टॉप बिजनैस खबर की है जिसमें सबसे आगे हैं टाटा के नए 'रतन' की खबर.


टाटा संस के डाइरेक्टर साइरस मिस्त्री अब ग्रुप के चेयरमैन होंगे. बॉस के रुप में वो अपना कार्य दिसम्बर 2012 से संभालेंगे. अभी उन्हे कंपनी का डिप्टी चेयरमैन बनाया गया है, फिलवक्त वह अगले एक वर्ष तक रतन टाटाके साथ काम करेंगे. गौरतलब है कि  रतन टाटा दिसंबर 2012 में रिटायर हो रहे हैं, जिसके कारण कंपनी की बागडोर किसके हाथों में सौंपी जाएगी, इस की खोज चल रही थी. आपको बता दें कि टाटा समूह के अध्यक्ष बनने वाले मिस्त्री टाटा संस में सबसे अधिक 18 प्रतिशत की भागेदारी रखने वाले शापुरजी भालोन के बेटे हैं. वह टाटा होल्डिंग के डाइरेक्टर के पोस्ट पर हैं.आखिर सायरस कौन हैं?


इम्पीरियल कॉलेज लंदन से इंजिनियरिंग की डिग्री लेने वाले सायरस ने परिवार के कंस्ट्रक्शन कारोबार से शुरुआत की थी. पहले ही दिन पिता ने उन्हें लक्ष्य बता दिया. यह था- इंजिनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन कारोबार बढ़ाना. लक्ष्य हासिल करने के लिए सायरस ने पश्चिम एशिया क्षेत्र पर फोकस दिया और इसमें सफल रहे.

कंस्ट्रक्शन कंपनी एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को खरीदना भी सायरस की बड़ी सफलता थी. यह कंपनी भारत और विदेश में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट पर काम करती है. कंपनी का अधिग्रहण उस वक्त किया गया, जब भारत में कंस्ट्रक्शन बूम था.एफकॉन्स का चेयरमैन होने के नाते सायरस ने कई प्रॉजेक्ट संभाले. एफकॉन्स ने दिल्ली मेट्रो प्रॉजेक्ट में भी भूमिका निभाई. इस सिलसिले में सायरस कई बार दिल्ली आए.जिन लोगों ने उनके साथ काम किया है, उनका कहना है कि सायरस के पास सीधे काम करने का तजुर्बा है. वह लंबे वक्त की रणनीतिक दिशा दे सकते हैं. सायरस 'टेलिस्कोप और माइक्रोस्कोप' दोनों ही स्तर पर काम करने की काबिलियत रखते हैं.

Posted By: Kushal Mishra