--झारखंड सरकार के प्रोजेक्ट भवन व नेपाल हाउस सचिवालय में हर महीने 19 टन कागज की है खपत

--एक टन कागज के निर्माण में बर्बाद होते हैं 17 पेड़, 19 टन में बर्बाद हो रहे 323 पेड़

>RANCHI: व‌र्ल्ड एन्वॉयरमेंट डे के मौके पर सीएम ने कई जगहों पर पौधारोपण किया। जगह-जगह कार्यक्रम का आयोजन किया गया, लेकिन इससे परे झारखंड सरकार का सचिवालय हर दिन क्क् पेड़ निगल जा रहा है। जी हां, सेक्रेटेरिएट में हर दिन जिस रेशियो में पेपर का यूज हो रहा है, उसके निर्माण में हर दिन क्क् पेड़ों की कुर्बानी देनी पड़ रही है। ऐसे में साल में सिर्फ विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधे लगाना और उन्हें बचाने का संकल्प लेकर पर्यावरण को नहीं बचाया जा सकता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यालयों को पेपरलेस करना भी उतना ही जरूरी है, जितना पौधे लगाना और उन्हें बचाने का संकल्प लेना।

हर माह क्9 टन कागज की खपत

झारखंड सरकार के प्रोजेक्ट भवन व नेपाल हाउस स्थित कुल क्9 मंत्रालयों के कामकाज के लिए हर महीने जो स्टेशनरी खरीदी जा रही है, उसमें क्9 टन कागज होता है। इसमें फोटो कॉपी पेपर, फ्लाई लीफ, नोटबुक, नोटशीट, ऑफिस बुक, लॉग बुक और पैड शामिल हैं, जो सभी कागज के ही बने होते हैं। आंकड़ों पर गौर करें एक टन कागज के निर्माण में क्7 पेड़ बर्बाद होते हैं। इसके अनुसार क्9 टन कागज के निर्माण में लगभग फ्ख्फ् पेड़ बर्बाद हो रहे हैं। इस हिसाब से हर दिन लगभग क्क् पेड़ बर्बाद हो रहे हैं।

कहां कितने कागज की खपत

क्। फोटो कॉपी में 7म्00 केजी: झारखंड सचिवालय में हर महीेने सिर्फ फोटोकॉपी कराने के लिए ही 7म्00 किलो पेपर का यूज हो रहा है। इसमें ए-ब् व ए-फ् दोनों प्रकार के पेपर शामिल हैं। इसे बाहर से मंगवाया जा रहा है।

ख्। फाइल के लिए ख्8भ्0 केजी: झारखंड सचिवालय में फाइलों के लिए जो फ्लाई लीफ का इस्तेमाल किया जा रहा है। उसमें ख्8भ्0 किलो कागज की जरूरत पड़ती है। अलग-अलग विभागों के लिए इसकी खपत भी सेपरेट होती है।

फ्। नोटशीट में फ्800 किलो : सचिवालय में अपने विभाग के मंत्रियों, सचिवों और अधिकारियों के इस्तेमाल के लिए फ्800 किलो पीले और सफेद रंग के नोटशीट का इस्तेमाल किया जाता है।

ब्। पिऊन बुक में क्900 केजी: झारखंड सचिवालय में फाइलों को एक विभाग से दूसरे विभाग में भेजने के लिए जिस पिऊन बुक का इस्तेमाल किया जा रहा है, उसकी हर महीने सचिवालय में खपत क्900 किलो है। साथ ही विभिन्न कामों के लिए हर महीने जो रजिस्टर इस्तेमाल होते हैं, वो कुल क्900 किलो होते हैं।

भ्। लॉग बुक में 9भ्0 केजी: सचिवालय में मंत्रियों, अधिकारियों के इस्तेमाल के लिए जो गाडि़यां हैं, उसके लॉग बुक और अटेंडेंस के लिए जो रजिस्टर यूज होते हैं। उनमेंहर महीने 9भ्0 केजी कागज की खपत हो रही है।

विधानसभा के पहले सत्र में एक टन कागज का यूज

झारखंड सचिवालय ही नहीं, बल्कि झारखंड विधानसभा, स्पीकर कार्यालय और उसके विभिन्न विभागों में भी सैकड़ों किलो कागज का इस्तेमाल हो रहा है। तृतीय झारखंड विधानसभा के पहले सत्र और बजट सत्र में कुल लगभग एक टन कागज का यूज हुआ। इसमें विधानसभा सत्र के दौरान 8ख् सदस्यों को नियमित प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवालों के जवाब, मीडिया सहित अन्य कामों के लिए कागज का यूज शामिल है। हालांकि झारखंड विधानसभा को भी पेपरलेस बनाने की तैयारी सरकार कर रही है।

Posted By: Inextlive