- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट व रेडियो सिटी की ओर से मिलेनियल्स स्पीक के दौरान युवाओं ने रखी अपनी बात.

- चुनावों में एंप्लाएमेंट होगा सबसे बड़ा मुद्दा

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LUCKNOW: इंप्लायमेंट ही चुनावों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है। जो जॉब दिलाएगा, आसानी से एजूकेशन लोन की बात करेगा, स्वरोजगार के लिए आसान ऋण दिलाने व प्रक्रिया को सरल करने की बात करेगा उसी को वोट जाएगा। ये बातें दैनिक जागरणा-आई नेक्स्ट की ओर से लालबाग स्थित शर्मा टी प्वाइंट पर आयोजित मिलेनियल्स स्पीक के दौरान युवाओं ने कहीं।

हो शिक्षा की बात
लालबाग में शर्मा टी स्टॉल पर रेडियो सिटी के आरजे मयंक ने जैसे ही रोजगार के मुद्दे पर सवाल दागा तो मेघना बोल पड़ीं कि एंप्लायमेंट की जगह एजूकेशन पर बात होनी चाहिए। जब सभी को बेहतर शिक्षा मिलेगी तो अपने आप रोजगार के रास्ते खुलेंगे। लोकसभा चुनावों में भी हमें इस पर ध्यान रखना होगा। जो पार्टी हमारे मुद्दों को ध्यान में रखेगी हमारा वोट तो उसकी को जाएगा।

बिजनेस नहीं तो रोजगार कैसे
मनिंदर जीत सिंह ने कहा कि व्यापारियों के लिए रास्ते कठिन हैं। नोटबंदी और जीएसटी ने कमर तोड़ दी है। जीएसटी की महंगी दरें लाद दी गई हैं। जब बिजनेस नहीं बढ़ेगा तो जाहिर सी बात है कि रोजगार के अवसर कम होंगे। रोजगार न होने का यह भी बहुत बड़ा कारण है। लोगों को बिजनेस करने के मौके होने चाहिए। इसमें आने वाली कठिनाइयों को भी सभी को ध्यान में रखना ही होगा। वहीं रोजगार बढ़ाने के लिए कई अन्य योजनाओं पर भी काम करना काफी जरूरी है। बिजनेस में करने में व्यापारी को जो भी रुकावटे आती हैं उसको प्राथमिकता के आधार पर सरकार को दूर करना चाहिए।

आरक्षण की न हो बात
बात बढ़ाते हुए मंजीत सिंह ने कहा कि आरक्षण के नाम पर नाकाबिल लोगों को जॉब दे दी जाती है। काबिल लोग रह जाते हैं, उन्हें जॉब नहीं मिल पाती। जिससे काबिल लोगों को जॉब मिलनी चाहिए। हमें अपनी एजूकेशन पॉलिसी स्ट्रांग रखनी होगी। ताकि सभी को बराबर एजूकेशन मिले। ऐसे में जॉब की दिक्कतें नहीं आएंगी। शिक्षा अच्छी होगी तो रोजगार मिलने में काफी आसानी होगी। इसके साथ ही रोजगारपरक शिक्षा पर भी जोर देना होगा। जिससे बेरोजगारी से निपटा जा सके।

रोजगार छीनने वालों को रखेंगे याद
चर्चा ने अब तक जोर पकड़ लिया था तभी गोलू श्रीवास्तव बोले कि सकरार रोजगार दे नहीं रही है। ऊपर से जो अपना स्वरोजगार कर रहे हैं उनसे भी रोजगार छीना जा रहा है। बड़ी संख्या में फुटपाथ पर दुकानें लगाने वालों को हटा दिया गया है। उनको अपनी रोजी रोटी के लिए सही जगह दी जानी चाहिए। जिससे उनको अपनी रोजी रोटी के लिए कही भटकना न पड़े और वे सम्मान के साथ जी सकें। इसके साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ाने होंगे। जिससे सभी को रोजगार मिल सके।

वैकेंसी तो बहुत पर भर्ती नहीं
सुशील मौर्य ने बीच में टोकते हुए कहा कि सरकारें वैकेंसी तो बहुत निकालती हैं, लेकिन फिर भी लोगों को जॉब नहीं मिल रही है। कभी टीचर्स की भर्ती कैंसिल होती है तो कभी पुलिस की भर्ती रुकती है। जो जॉब मिलने के आसार होते हैं वहीं भर्ती कैंसिल हो जाती है या कोर्ट से रोक लग जाती है। विगत कई वर्षो में कई भर्ती परीक्षाएं या तो कैंसिल हो चुकी हैं या फिर उसका कोर्ट कचेहरी के चक्कर में फंसी हुई हैं। कुल मिलाकर जॉब के मामले में कोई भी गंभीर नहीं दिखता है। सभी पहले तो बड़ी बड़ी बातें करते हैं फिर उसके बाद कोई नहीं दिखता। इसलिए सरकारों का आकलन जरूर होना चाहिए। उसकी परफॉर्मेस के आधार पर ही वोट करना होगा।

नेता जिसे चाहते दे देते हैं जॉब
रजत ने कहा कि यह सब पॉलिटिक्स है। कोई रोजगार दे नहीं रहा। जॉब उसे ही मिलती है जिसे नेता चाहते हैं। और भर्तियां केवल दिखावे के लिए निकाली जाती है। अब वोटर ये सब समझ रहे हैं। वह जब वोट डालने जायेगा तो यही सब मुद्दे उसके दिमाग में होंगे। जिसके बाद ही वह अपना वोट करेगा। मेरा तो मानना है कि जब तक लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं होंगे तब तक सरकार चाहे जो भी हो आपका भला नहीं होने वाला है। सरकार को अपना फीड बैक अपने वोट के माध्यम से हम लोगों को जरूर देना ही होगा।

रोजगार था दिखावा
प्रतीक ने कहा कि अब तक रोजगार के नाम पर आम पब्लिक के साथ छलावा ही होता रहा है। युवाओं के मुद्दे सबसे आखिर में होते हैं। लोग ये समझ रहे हैं कि जॉब क्यों नहीं मिल रहा है। नेता अपनी रोटी सेंकने के लिए कभी आरक्षण तो कभी स्किल डेवलपमेंट जैसी बात करते हैं। असल में इन सबसे हासिल कुछ होता नहीं। बेहतर एजूकेशन ही जॉब दिलाती है। यह बात सबको समझ आ रही है।

एंप्लायमेंट सबसे बड़ा मुद्दा है। ओवरआल डेवलपमेंट की बात होनी चाहिए। एजूकेशन और स्किल डेवलपमेंट पर फोकस होना चाहिए। एजूकेशन होगा और स्किल होगी तो जॉब अपने आप मिल ही जाएगी। एंप्लायमेंट का सही डेटा भी सामने नहीं आया है। यह भी सामने आना चाहिए। सीधी बात जो एंप्लायमेंट की बात करेगा उसी को वोट जाना चाहिए।
- मेघना मिश्रा

शिक्षा पर एक्पेंडीचर बढ़ना चाहिए। हर एक के लिए बेहतर शिक्षा का ऑप्शन मौजूद होना चाहिए। इससे हम हक मांग सकेंगे। सरकार ने अच्छा काम किया है।
- हरजीत सिंह

मुद्रा लोन जैसे काम पर सरकार ने काम किया है, अब जरूरत है कि सिस्टम सुधारने की। ताकि आसानी से लोन मिल सके। हमारे जैसे लोगों को ये सब ध्यान रखना होगा।
- आशुतोष

छोटे व्यापारियों के लिए बहुत समस्या है। नोटबंदी और जीएसटी ने कमरतोड़ दिया है। जीएसटी रेट घटाए जाएं। जब व्यापारियों के लिए सुविधाएं होंगी तभी जॉब क्रिएट होंगी। इस पर ध्यान होना चाहिए।
- मनिंदर जीत सिंह

आरक्षण के नाम पर रोजगार बंद होने चाहिए। लोगों को इस लायक बनाया जाए कि उन्हें आरक्षण की जरूरत ही न पड़े। जॉब हमेशा काबिल लोगों को ही मिलनी चाहिए। लोग काबिल होंगे तभी देश तरक्की करेगा।
- मंजीत सिंह

रोजगार सिर्फ कंपनियों में नहीं होता। लोग अपनी दुकान चलाते हैं, ठेला लगाते हैं, रोड किनारे दुकान लगाते हैं वह भी रोजगार है। लखनऊ में बहुत से लोगों का रोजगार छीन लिया गया। लखनऊ में लोगों के लिए यह बहुत बड़ा मामला है। हजारो लोग इससे प्रभावित हैं।
- गोलू श्रीवास्तव

सरकार को चाहिए कि एजूकेशन और हॉस्पिटल को बढ़ावा दें। यही दोनों हैं जिनसे रोजगार मिलेगा। इन पर फोकस होना चाहिए। अब पब्लिक ये सब समझती है।
- मो। नादिर

भर्तियां निकलती बहुत हैं, लेकिन ज्यादातर कैंसिल हो जाती हैं। जो स्थिरता के साथ वैकेंसी निकाले और भर्ती प्रक्रिया को पूरा भी करे। वोट उसी को जाना चाहिए।
- सुशील मौर्य

Posted By: Inextlive