RANCHI : राज्य के पुराने व खंडहर में तब्दील हो चुके स्कूल भवनों को ध्वस्त किया जाएगा। इसके तहत स्कूल परिसर में मौजूद अनुपयोगी भवन या पुराने निर्माण जिससे कभी भी कोई अप्रिय घटना हो सकती है अथवा जिसकी वजह से न्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने में भी समस्या आ रही है उसे तोड़ा जाएगा। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से इस बाबत सभी डीईओ और डीएसई को जर्जर स्कूल भवन की सूची तैयार कर उपलब्ध कराने को कहा गया है।

इंजीनियर्स को मिला निर्देश

राज्य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह ने सभी सहायक और कनीय अभियंताओं को आदेश दिया है कि वे सभी जर्जर भवनों की सूची राज्य कार्यालय को जमा कराना सुनिश्चित करें। मालूम हो कि राज्य के लगभग हर जिले के करीब दस प्रतिशत स्कूल परिसर में जर्जर भवन हैं। इससे बच्चों की सुरक्षा के साथ साथ खेल के मैदान के क्षेत्र भी प्रभावित हो रहे हैं।

भवन का वैल्यूशन व खर्च वहन की भी समीक्षा

वार्षिक कार्य योजना एवं बजट विभाग द्वारा तैयार प्रस्ताव की समीक्षा के क्रम में स्कूलों में मौजूद पुरानी जर्जर एवं अनुपयोगी भवन को तोड़ने का निर्देश प्रधान सचिव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा जारी किया गया है। इसके लिए पहले उन भवनों की सेल्वेज वैल्यू निकाली जाएगी और फिर बिल्डिंग को तोड़ने में होने वाले खर्च वहन की भी समीक्षा होगी।

सूची तैयार पर हो सकता बदलाव

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा आदेश जारी किए जाने के बाद कई कई जिलों में जर्जर स्कूल भवनों की सूची तैयार भी कर ली गयी है। लेकिन, स्कूलों के मर्जर होने की स्थिति में अब बदलाव भी संभव हैं। इसको ध्यान में रखते हुए एक बार फिर से नयी लिस्ट की समीक्षा की जा रही है।

वर्जन

विभाग के द्वारा निर्णय लिया गया है कि पुराने व खंडहर में तब्दील हो चुके स्कूली भवनों व परिसर में मौजूद अन्य निर्माण को ध्वस्त करना है। सूची तैयार है और स्कूलों के मर्जर के बाद फिर से समीक्षा की जा रही है।

रजनीकांत वर्मा

डीईओ, रांची

Posted By: Inextlive