- 80 हजार पैसेंजर्स रोजाना करते हैं सफर

- 3 हजार बसें लखनऊ से होती है रोजाना रवाना

- 500 बसें कैसरबाग से रोजाना होती है रवाना

फ्लैग- गंदी और खटारा बसों में सफर करने को मजबूर पैसेंजर्स

- परिवहन मंत्री ने बैठक कर अधिकारियों को दिए थे निर्देश

- फटी सीटें, टूटी लाइटें और कबाड़ बसों में सफर कर रहे पैसेंजर्स

- बस अड्डों पर भी चारो ओर फैली है गंदगी

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LUCKNOW: फटी सीटें, टूटी लाइटें, गंदगी का अंबार. कुछ ऐसी ही हालत है रोडवेज बसों की. यह हालात तब हैं जब हाल ही में परिवहन मंत्री ने परिवहन निगम मुख्यालय में बैठक कर अधिकारियों को यात्री सुविधाओं के साथ ही रोडवेज बसों की हालत सुधारने के लिए कड़े निर्देश दिए थे, लेकिन आलम यह है कि सिर्फ बसें ही नहीं बस अड्डों पर भी जगह-जगह कूड़े का ढेर लगा हुआ है. रोडवेज बसों के ड्राइवर और कंडक्टर्स ही बस अड्डों पर गंदगी फैला रहे हैं. निगम के अधिकारियों के अनुसार जल्द ही सभी बस अड्डों का निरीक्षण कर सफाई व्यवस्था देखी जाएगी. इस दौरान जहां गंदगी मिलेगी, वहां एआरएम प्रबंधन के विरुद्ध एक्शन भी लिया जाएगा.

रस्सियों पर टिके हैं दरवाजें

कैसरबाग बस अड्डे पर खड़ी विभिन्न डिपो की बसों की हालत बेहद खराब है. इनमें लंबी के साथ छोटी दूरी पर चलने वाली बसों की हालत बेहद जर्जर है. यूपी 23 सीजेड 5918 की बस में सीटें फट चुकी हैं. बसों के दरवाजों को पतली रस्सियों से बांध कर रोका गया है. बस के अंदर फर्श पर ही नहीं सीटों पर भी कूड़े का ढेर लगा हुआ है. यूपी 41 एटी 3778 में बस में लगे साइड मिरर को रस्सियों से बांधा गया है. बस में ना तो इंडीगेटर है और ना ही रेट्रो रिफलेक्टर. कई बसों की बॉडी कई जगह से टूट फूट गई है, जिससे इनमें चढ़ने और उतरने में भी पैसेंजर्स को चोट लगने का खतरा बना रहता है. चुनाव डयूटी से लौटी गोंडा डिपो की बस यूपी 43 टी 3281 की हालत भी बेहद जर्जर है. इस बस की खिडि़कियों में लगे शीशे टूटे हुए हैं. पैसेंजर्स की सुरक्षा के लिए खिडि़कियों में बाहर की तरफ से लगाई गई राड को रस्सियों से बांध कर रोका गया है. सफाई के नाम पर इन बसों में झाड़ू तक नहीं लगती है. पैसेंजर्स की मानें तो उन्हें कभी साफ बस में सफर करने का मौका तक नहीं मिला. इन बसों में पैसेंजर्स नाक पर हाथ रख कर सफर कर रहे हैं. सबसे खराब हालत बस अड्डों पर बने टॉयलेट की है. साफ सफाई ना होने के कारण पैसेंजर्स इनका प्रयोग नहीं करते हैं.

- परिवहन मंत्री ने किया था निरीक्षण

निगम के अधिकारियों ने बताया कि लोकसभा चुनाव के बाद परिवहन मंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वतंत्र देव सिंह पैसेंजर्स से सुविधाओं के बारे में जानने के लिए रोडवेज बसों पर जाकर उनसे फीड बैक लिया था. इस दौरान बसों की जर्जर हालत सामने आई थी. इसके बाद उन्होंने निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की और बसों की खराब कंडीशन को सुधारने, बस अड्डों पर सफाई व्यवस्था को बेहतर करने के निर्देश दिये, लेकिन निगम के अधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है. राजधानी के कैसरबाग और चारबाग बस अड्डों पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है. रोडवेज बसों के ड्राइवर और कंडक्टर्स ही बस अड्डों में खुली जगहों पर टॉयलेट कर रहे हैं.

कोट

बसों के मेंटीनेंस में तेजी लाई गई है. साथ ही फोरमैन की जिम्मेदारी भी तय की गई है. यदि किसी बस में कोई तकनीकी कमी सामने आई तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. बसों की कमियों की जानकारी ड्राइवरों से लेकर उन्हें ठीक कराया जा रहा है. बस अड्डों की सफाई के लिए पत्र लिखा गया है. चेकिंग के दौरान किसी भी बस अड्डे पर कमी मिली तो एआरएम प्रबंधन के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.

जयदीप वर्मा

मुख्य प्रधान प्रबंधक तकनीकी

परिवहन निगम

बॉक्स

प्राइवेट हाथों में सफाई का ठेका

बस अड्डों पर तैनात अधिकारियों के अनुसार सफाई की जिम्मेदारी प्राइवेट एजेंसियों को दी गई है. सफाई व्यवस्था ठीक ना होने पर उनको भुगतान की जाने वाली राशि में कटौती की जाती है. अब तक दोनों ही जगह मिलाकर तकरीबन दो लाख से अधिक की कटौती की जा चुकी है. कैसरबाग और चारबाग बस अड्डों पर गंदगी फैलाने के लिए अप्रैल से मई तक 1758 व्यक्तियों को चालान किया जा चुका है.

Posted By: Kushal Mishra