Real face of meerut police
सदैव आपकी सेवा में तत्पर होने का दंभ भरने वाली मेरठ पुलिस का असली चेहरा बेनकाब होता देखिए। देखिए कैसे वीवीआईपी इलाके कलक्ट्रेट में घुसे ट्रक से ये पुलिस वाले अवैध उगाही कर रहे हैं। दूसरी तरफ है एक डरावना चेहरा। अस्पताल के जनरल वार्ड में पड़े इस नौजवान को देखिए। पुलिस चेकिंग कर रही थी। इस युवक को रोकने के लिए एक पुलिस वाले ने अपना डंडा इसकी बाइक में अड़ा दिया। बॉबी सामने से आ रहे वाहन से टकरा गया। सडक़ पर खून से लथपथ। इस गरीब को ये पुलिस वाले अस्पताल ले आए। ये गरीब है इसलिए सिर में गंभीर चोट के बाद भी जनरल वार्ड में भर्ती है। कोई है जो इन पुलिस वालों के गुनाह की सजा तय करेगा?
घर से मत निकलना पुलिस चेकिंग कर रही है
MEERUT : बॉबी रोज की तरह गार्ड की ड्यूटी बजाकर घर लौट रहा था। उसे नहीं मालूम था कि आज उसका सामना मेरठ पुलिस से होने वाला है। बॉबी अपनी बॉक्सर बाइक से घर की तरफ बढ़ा जा रहा था। उसे नहीं पता था कि एसजीएम गार्डन के पास लालकुर्ती थाने के इंचार्ज सतीश यादव अपने अमले के साथ चेकिंग के लिए खड़े हैं। उसने पुलिस की तरफ ध्यान नहीं दिया। एक पुलिस वाले ने रफ्तार से जा रहे बॉबी की बाइक के पहिए में डंडा अड़ा दिया। बॉबी सामने आ रहे छोटे हाथी से जा टकराया। उसका सिर फट गया। वो खूनमखून हो गया। जिसने भी देखा वो यही बोला अब नहीं बचेगा।
ले गई अस्पतालइंस्पेक्टर सतीश यादव उसे अपनी निजी गाड़ी में लेकर दयानंद अस्पताल पहुंचे। बॉबी के सिर से काफी खून बह चुका था। डॉक्टर ने उसके सिर पर मरहम पट्टी की। उसे जनरल वार्ड में रख दिया। बॉबी बेहाश है। अस्पताल में सबसे पहले पहुंचने वालों में उसकी भाभी थी। चार-पांच पुलिस वाले अस्पताल में डटे थे। पुलिस के खौफ से उसके परिजन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं थे।चुप करा दिया
मीनाक्षी पुरम का रहने वाला बॉबी आबूलेन पर गाड़ी के शोरूम में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है। उसके पिता सूरजमल और उसका भाई फलों का ठिया लगाते हैं। पुलिस का कहना है कि उसके पास गाड़ी के कागज नहीं हैं। उसे रुकने का इशारा किया तो वो हड़बड़ा गया। बाइक वापस मोडऩे के चक्कर में छोटे हाथी से टकरा गया।
क्या दफा लगेगी
बॉबी इस वक्त बेहोश है। अगर वो किसी संपन्न घर से होता तो शायद इंटेंसिव केयर यूनिट में भर्ती होता। सिर की चोट का अंदाजा लगाना मुश्किल है। भगवान करे बॉबी ठीक हो जाए। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये कि बॉबी को इस हाल में पहुंचाने वाले उन पुलिस वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी। क्या इनके खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज नहीं होना चाहिए।
जेब गरम कराओ और कहीं भी चढ़ा दो
फोटो खिंचती देख पुलिस वाला डीसीएम में बैठ गया। हमने पूछा तो बोला बागपत रोड ले जा रहे हैं। हमने पीछा किया तो डीसीएम को मवाना रोड की तरफ मोड़ दिया गया। आगे जाकर फिर डीसीएम रोका। ड्राइवर और पुलिस वाला नीचे उतरा और कुछ बात करने लगा। फोटोग्राफर को देखा तो पुलिस वाले उसे थाने ले जाने की बात करने लगे। लेकिन डीसीएम वाले को वहीं से छोड़ दिया गया।
अगर हादसा होता तो
नो एंट्री में घुसने वाले ट्रक कई लोगों की जान ले चुके हैं। पुलिस वालों की शह पर ट्रक नो एंट्री में घुसते हैं। बड़ी चालाकी से इनसे वसूली की जाती है। पुलिस वालों ने पकड़े जाने के डर से अब अपने एजेंट रख लिए हैं। हर चौराहे पर इन एजेंटों से वसूली करवाते हैं और ट्रक को जाने देते हैं लोगों को कुचलने के लिए।
1. कलक्ट्रेट के पास वीवीआईपी रोड पर नो एंट्री के बावजूद घुसा ट्रक।