दो बेटियों के हौसले से हारीं मुश्किलें
- शारीरिक अक्षमताओं के बावजूद पास की दसवीं की परीक्षा
- एसएलई से जूझकर भी कनिका ने हासिल किए 78.4 प्रतिशतMeerut । दिल में हौसला हो तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं होती है। मेरठ की दो बेटियों ने कुछ ऐसी ही मिसाल कायम की है। सीबीएसई 10वीं के एग्जाम में कनिका ने एसएलई जैसी गंभीर बीमारी से जूझते हुए भी 78.4 प्रतिशत अंक हासिल कर मिसाल कायम की। कनिका बताती है कि सिस्टमक ल्यूपस इरेथिमॉटोएस यानि एसएलई नामक बीमारी होने की वजह से वह सब कुछ भूल रही थी। यहां तक की अपने पेरेंट्स के बारे में भी उसे कुछ याद नही था। नौंवी क्लास में उसे पहली बार अपनी बीमारी के बारे में पता चला, लेकिन उसने हार नहीं मानी। एग्जाम से पहले उसने कोशिश करके कोर्स को दोबारा याद करना शुरू किया और सफलता हासिल की। कनिका की मदर मीरा जोशी सरकारी स्कूल में टीचर हैं जबकि पिता दिनेश चंद्र प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं।
चलने में असमर्थ15 साल की उम्र में आकांक्षा गांधी ने सेलीब्रिल पॉलसी जैसी बीमारी की वजह से चलने-फिरने में असमर्थ हैं। सीधे हाथ व पैर काम नहीं करते हैं। व्हील चेयर पर रहती है बावजूद बेहतर अंकों से दसवीं की परीक्षा पास कर मिसाल कायम की है। वह बताती है कि बचपन से ही इस बीमारी से जूझ रही, आकांक्षा के पिता संजय गांधी ने बताया कि स्कूल ने काफी सपोर्ट किया और आकांक्षा की खुद की मेहनत और जज्बे से वह यहां तक पहुंची है। आकांक्षा टीचिंग में करियर बनाना चाहती है।