GORAKHPUR : सुविधा खत्म होने से टैलेंट खत्म नहीं होता. अगर हौसला बुलंद है तो मंजिल खुद-ब-खुद कदम चूमने आती है. ऐसा ही कुछ हुआ है आर्चरी और जूडो के खिलाडिय़ों के साथ. जिनके सपने टूट रहे थे जब खेल निदेशालय ने गोरखपुर में प्रैक्टिस कैंप खत्म कर दिया था. मगर उनका हौसला नहीं टूटा और आखिरकार उनकी जीत हुई. प्रैक्टिस के लिए मोहताज इन खिलाडिय़ों की हिम्मत को और बढ़ाया डीडीयू यूनिवर्सिटी ने. कोच और ग्राउंड न होने के बावजूद इन खिलाडिय़ों को स्पोट्र्स काउंसिल ने यूनिवर्सिटी कैंपस में रेगुलर प्रैक्टिस की परमीशन दी है. जिससे एक बार फिर इन खिलाडिय़ों के सपनों को नई उड़ान मिली है.


मेडल के बावजूद कैंसिल किया था कैंपखेल निदेशालय खेलों को बढ़ावा देने के लिए हर सिटी में कैंप ऑर्गेनाइज करता है। सिटी के रीजनल स्टेडियम में एक दर्जन से अधिक गेम्स की रेगुलर प्रैक्टिस होती है। डिपार्टमेंट ने इस साल रीजनल स्टेडियम में आर्चरी और जूडो का कैंप कैंसिल कर दिया है। जबकि इन दोनों गेम में खिलाडिय़ों ने स्टेट लेवल और नेशनल लेवल कॉम्पटीशन में कई मेडल जीते थे। कैंप कैंसिल होने से इंडिया के लिए मेडल जीतने का सपना देख रहे इन खिलाडिय़ों का फ्यूचर अधर में लटक गया। क्योंकि कैंप कैंसिल होने से स्टेडियम में प्रैक्टिस बंद हो गई।यूनिवर्सिटी ने दी हौसलों को उड़ान


स्टेडियम में प्रैक्टिस बंद होने से खिलाड़ी काफी परेशान थे। न सिर्फ उनका सपना टूट रहा था बल्कि फ्यूचर भी अधर में लटका था। एक नई उम्मीद के साथ कुछ खिलाड़ी डीडीयू यूनिवर्सिटी के स्पोट्र्स काउंसिल के प्रेसिडेंट और सेक्रेट्री से मिले। काउंसिल के मेंबर्स ने खिलाडिय़ों के फ्यूचर और उनके हौसले को देखते हुए उन्हें कैंपस में प्रैक्टिस की परमीशन दे दी। अब एक बार फिर जूडो और आर्चरी के खिलाडिय़ों का हौसला बुलंदी पर है और वे सिटी और स्टेट के लिए मेडल जीतने के लिए कड़ी प्रैक्टिस कर रहे है।

जूडो और आर्चरी के स्टूडेंट्स रेगुलर यूनिवर्सिटी ग्राउंड में मार्निंग में प्रैक्टिस कर रहे हैं। हालांकि ये स्टूडेंट्स पहले रीजनल स्टेडियम में प्रैक्टिस करते थे। मगर वहां कैंप कैंसिल होने के बाद अब ये खिलाड़ी मेडल के लिए यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रैक्टिस कर रहे है। डॉ। हर्ष सिन्हा, प्रेसिडेंट, स्पोट्र्स काउंसिल डीडीयू यूनिवर्सिटी

Posted By: Inextlive