Meerut : बॉर्डर पर चीनी घुसपैठ से देश में खलबली मच गई. सभी जगह चिंता जाहिर की जाने लगी. मगर लाइफ में 'चीनीÓ की घुसपैठ पहले से हो रही है. बाजार में जिस तेजी के साथ चाइनीज प्रॉडक्ट कब्जा जमा रहे हैं उससे इंडियन प्रॉडक्ट पर खतरे के बादल लगातार गहराते जा रहे हैं. वैसे भी चीनी अगर मिठास घोलती है तो जिंदगी के लिए खतरा भी बन जाती है. इसलिए कहा जा रहा है कि लाइफ में चीनी किसी रूप में हो खतरनाक है...


'मीठे' के चक्कर में 'कड़वा' न हो जाएचीनी देश की सीमाओं को खतरे में डाल रहे हैं। बात यहीं पर खत्म नहीं होती। चाय में चीनी ज्यादा मिले तो सेहत के लिए खतरा और मार्केट में चीनी सामान से देश की इकॉनोमी पर संकट। देश की दूसरी सबसे बड़ी छावनी वाला मेरठ दिल्ली के करीब होने के और भी संवेदनशील हो जाता है। तो आइए आपको भी बताते हैं कि सिटी में चीनी की तादाद और खतरे कितने हैंमार्केट पर चाइनीज कब्जा
आप स्कूल की किताबों में स्वेदशी आंदोलन के बारे में पढ़ा होगा। आज भी देश को इस आंदोलन की जरुरत है। जी हां, मार्केट में चाइनीज प्रॉडक्ट तेजी के साथ कब्जा कर रहे हैं। सुबह होते ही हम चाइनीज टूथ ब्रश से दिनचर्या शुरू करते हैं और रात में मच्छर भगाने के लिए भी चाइनीज रैकेट यूज करते हैं। इस बीच हमारा सामना चाइनीज टेलीविजन, कंप्यूटर, मोबाइल, फर्नीचर, शोपीस, एसी, होम एप्लायंसेज से होता है। मार्केट एक्सपट्र्स मानते हैं कि लगभग 40 फीसदी शेयर चायनीज प्रॉडक्ट्स का है। मार्केट में 300 से 15 हजार रुपए तक का चाइनीज शोपीस मिल रहा है। ट्वाजय मार्केट में सब कुछ चाइनीज है। यही नहीं 1500 से एक लाख रुपए के इलेक्ट्रॉनिक्स प्रॉडक्ट्स मार्केट्स में इजीली अवेलेबल हैं। मार्केट में चाइनीज टैब, मोबाइल, लैपटॉप, आई पॉड, वीडियो गेम्स आदि सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैैं। मार्केट एक्सपर्ट बताते हैैं कि रोजाना 5 करोड़ रुपए का चाइनीज प्रॉडक्ट की सेल हो रही है.  इंडियन मार्केट चाइनीज प्रॉडक्ट की धूम इसलिए भी ज्यादा वो इंडियन प्रॉडक्ट से 30 फीसदी सस्ते भी होते हैं। 'चाइना का सामान इसलिए ज्यादा बिकता है, क्योंकि वो काफी सस्ता होता है। इसकी कॉस्ट इंडियन प्रॉडक्ट से 30 फीसदी कम होती है। लेकिन इससे इंडियन मार्केट को नुकसान भी हो रहा है.'- नवीन बत्रा, मार्केट एनालिसिस्ट चीनी से सेहत पर संकट


शुभ काम से पहले कुछ मीठा हो जाए। चॉकलेट की इस एड से आप सभी वाकिफ हैं। इंडियन कल्चर में हर शुभ काम मीठे से शुरू होता है। मिठाई की कितनी भी वैरायटी मार्केट में आ जाएं, लड्डू की अहमियत कभी कम नहीं होती। लेकिन अगर आप डायबिटीज के पेशेंट हैैं तो यहीं मीठा (चीनी) आपके लिए खतरा बन जाती है। सिटी में डायबिटीज पेशेंट की बात करें तो इनकी मौजूदा संख्या करीब छह लाख है और ये संख्या तेजी के साथ बढ़ रही है। डॉक्टर्स की मानें तो एक आदमी को एक दिन 50 ग्राम शुगर ही लेनी चाहिए। इसमें 200 कैलोरीज होती हैं। इससे ज्यादा खाने पर डायबिटीज हो सकती है। इसके बावजूद मेरठ में प्रतिदिन 1700 क्विंटल चीनी की खपत हो रही है। ऑन ऐवरेज एक व्यक्ति रोजाना 100 ग्राम चीनी कंज्यूम कर रहा है। मेरठ में इतनी चीनी की खपत लोगों की सेहत के लिए खतरनाक साबित हो रही है। इसे कंट्रोल करने की काफी जरुरत है। 'चीनी को एक नियमित मात्रा में ही खाना चाहिए। ज्यादा खाने से किडनी में प्रॉब्लम तो बढ़ती है उसके अलावा कई और खतरनाक बीमारियों का सामना भी करना पड़ सकता है। बेहतर है  दिन में 25 से 40 ग्राम तक ही चीनी का सेवन करें। ताकि पूरी जिंदगी इसका स्वाद ले सकें.'- डॉ। अनुराधा गुप्ता, लेडी आरएमओ, कैंट जनरल हॉस्पिटल देश की सुरक्षा के लिए खतरा

पिछले कुछ दिनों से चीन विवाद ने एक बार फिर से लोगों के जहन में सन 1961 की यादें ताजा कर दी है। भारतीय सीमा से 15 किलोमीटर तक की घुसपैठ ने चीनी आर्मी और सरकार ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। यही नहीं चाइनीज पैन ड्राइव हर तरह से देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। दो साल पहले आर्मी हेडक्वार्टर अपने जवानों को इस बात के लिए आगाह भी कर चुका है कि चाइनीज पेन ड्राइव का यूज न किया जाए लेकिन अभी कुछ आर्मी ऑफिसर इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। इस पेन ड्राइव में एक ऐसा सॉफ्टवेयर इनबिल्ट होता है, जिसे कंप्यूटर में लगाया जाए तो सभी तरह की फाइलों को इंटरनेट के थ्रू इनबिल्ट वेबसाइट में भेजना शुरू कर देगा। डिलीट करने के बावजूद इस पेन ड्राइव से डाटा रिमूव नहीं होता, बल्कि एक वेबसाइट के माध्यम से सेव भी किया जा सकता है। 'चीन भारत के लिए काफी खतरनाक है। अगर युद्ध होता है तो दोनों ही देशों को काफी बड़ा नुकसान होगा। वैसे भी चीन जहां खड़ा है वहां वो काफी स्ट्रांग पोजिशन में खड़ा है। भारत को इस मुद्दे को बातचीत से ही सुलझाना होगा.'- रिटायर्ड ब्रिगेडियर आरके सिंह

Posted By: Inextlive