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PATNA : पटना के हर एरिया में टेलीकॉम कंपनियों की ओर से लगाए गए अवैध मोबाइल टावरों की भरमार है. नियमों को दरकिनार कर 450 से अधिक अवैध मोबाइल टावर लगाए गए हैं. इससे निकलने रेडिएशन से लोग बीमार हो रहे हैं. जितने टावर लगाने की अनुमति मिली है उससे कई गुणा ज्यादा टावर लगाकर टेलीकॉम कंपनियां लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रही हैं. अवैध टावर लगाने की शिकायत दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के पास पिछले कई दिनों से मिल रही थी. इसके बाद हमारी टीम पटना के विभिन्न इलाकों में जाकर पड़ताल किया तो पता कि राजधानी में 450 से अधिक मोबाइल टावर अवैध रूप से लगाए गए हैं.

खतरनाक है रेडिएशन

एक्सपर्ट की माने मो मोबाइल टावरों से निकलने वाले रेडिएशन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है. रेडिएशन फैलने से कैंसर जैसी बीमारियों खतरा रहता है. रेडिएशन कैटेगरी में लो फ्रीक्वेंसी वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन को शामिल किया जाता है. जिनमें रेडियो वेव, माइक्रो वेव, इंफ्रारेड और प्रकाश की तरंगें शामिल होती हैं. सभी तरंगें बहुत लो लेवल की एनर्जी के साथ वातावरण में घूमती रहती हैं. जो शरीर में प्रवेश कर कैंसर जैसे घातक बीमारियों को जन्म देती है. साथ ही मोबाइल नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए मोबाइल कंपनियां अपने टावर के रेडियो सिग्नल को ज्यादा बूस्ट कर देती हैं. ऐसे में टावर के पास रहने वालों में बैचेनी शिकायत बढ़ती है. लोग चिड़चिड़े हो जाते हैं.

निगम नहीं कर रहा कार्रवाई

राजधानी के हर एरिया में अवैध मोबाइल टावरों के लगने की जानकारी होने के बावजूद पटना नगर निगम चुप्पी साधे हुए है. इन टावरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. निगम के अधिकारियों का कहना है कि कार्रवाई करने के लिए अवैध टावरों की सूची तैयार हो रही है.

रेडिएशन से नुकसान

-कैंसर

-ब्रेन ट्यूमर

-सिर दर्द

-चक्कर आना

-डिप्रेशन

-चिड़चिड़ापन

-थकान

क्या है नियम

टावर लगाने के लिए टेलीकॉम कंपनी को नगर निगम से अनुमति लेना आवश्यक है. मगर टेलिकॉम कंपनियां मकान मालिकों को प्रतिमाह 10 से 15 हजार रुपए का प्रलोभन देकर मकान की छतों पर टावर लगा देते हैं. नियमानुसार रिहायशी इलाके या छतों पर टावर लगाने पर रोक है.

Posted By: Manish Kumar