प्रॉपर्टी किसी और के नाम लेकिन 10 साल से उसमें रह रहा विद्युत विभाग का कैशियर

कैशियर का दावा, मकान खरीदा और किस्त भी दी

आवास-विकास की नजर में कैशियर का दावा फर्जी, शुरू की प्रॉपर्टी को बेनामी घोषित करने की प्रक्रिया

Meerut. जिस प्रॉपर्टी के फर्जी तरीके से आवंटन करने और 25 लाख रिश्वत मांगने के मामले में आवास-विकास के प्रशासनिक अधिकारी मनोहर की गिरफ्तारी हुई थी. अब उसी प्रॉपर्टी को लेकर विवाद भी शुरू हो गया है. दरअसल, उस मकान में पिछले 10-12 साल से विद्युत विभाग में कैशियर पद पर तैनात एक कर्मचारी रहता है. जिसका दावा है कि आवास उसके नाम है मगर आवास-विकास इस संपत्ति को बेनामी घोषित कर नीलाम करने की तैयारी में जुट गया है.

बेनामी संपत्ति पर अवैध कब्जा

गौरतलब है कि गत सप्ताह जागृति विहार सेक्टर 3 स्थित आवास को बेनामी न घोषित करने के नाम पर आवास-विकास के प्रशासनिक अधिकारी मनोहर ने एक प्रोपर्टी डीलर मुकेश से सौदेबाजी करते हुए 25 लाख रुपये रिश्वत मांगी थी. इस मामले में मनोहर बाबू की ऑडियो वायरल होने के बाद विभाग द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया था. मगर जिस आवास के लिए यह सौदेबाजी हो रही थी, उसमें पिछले 10-12 साल से माधवपुरम बिजलीघर में तैनात कैशियर दीपक कौशिक रह रहा है. दीपक का दावा है कि उसने यह मकान खरीदा है और आवास की किश्तें भी जमा की हैं. जबकि आवास-विकास का दावा है कि इस संपत्ति पर दीपक का अवैध कब्जा है क्योंकि उनके रिकार्ड में इस आवास का मालिक नेपाल सिंह है.

अवैध रूप से बेचने का प्रयास

दरअसल, जो ऑडियो वायरल हुआ है, उसमें भी दीपक कौशिक का भी जिक्र है. इस प्रोपर्टी को बेचने के लिए दीपक और प्रोपटी डीलर मुकेश के बीच सौदा हुआ था. मगर प्रोपर्टी आवास-विकास के रिकार्ड में नेपाल सिंह के नाम है, जो करीब 28 साल से गायब है. ऐसे में मुकेश द्वारा इस प्रॉपर्टी की फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी बनाकर मनोहर की मदद से अपने नाम पर प्रॉपर्टी कराने का प्रयास किया जा रहा था. अब मामला खुलने पर आवास-विकास प्रॉपर्टी को बेनामी घोषित करने में जुट गया है.

संपत्ति का मूल आवंटी नेपाल सिंह है. उसके अलावा यदि किसी ने प्रॉपर्टी खरीदी है तो वह आए और कागजात दिखाकर अपने नाम करा ले. विभाग के रिकार्ड में अभी तक इस प्रॉपर्टी का कोई मालिक सामने नहीं आया है इसलिए इसको नीलाम किया जाएगा.

नरेश बाबू, संपत्ति अधिकारी

इस प्रॉपर्टी को 20 साल पहले नेपाल सिंह से इमलावती देवी ने खरीदा था जिनसे मेरी माता कृष्णा देवी ने मकान खरीद लिया था. मगर अभी यह नाम नहीं कराया गया है. मुझे नहीं पता कि विवाद क्यों हुआ.

दीपक कौशिक, कैशियर, विद्युत विभाग

Posted By: Lekhchand Singh