प्रिंस चार्ल्स के नाम पर इंग्लैंड और वेल्स को जोड़ने वाले एक प्रमुख सड़क पुल का नाम रखने के निर्णय पर ब्रिटेन में विवाद शुरू हो गया है। राजशाही विरोधी और वेल्स के राष्ट्रवादी ने इसके खिलाफ हल्ला बोल दिया है। दोनों पार्टीयों का नाम रखे जाने पर कहना है कि यह एक एकतरफा निर्णय है जो आने वाले समय में इंग्लैंड और वेल्स में लोगों को परेशान करेगा।


नाम बदलने पर विरोधइंग्लैंड और वेल्स को जोड़ने वाले एक प्रमुख सड़क पुल का नाम द प्रिंस ऑफ वेल्स रखने पर वेल्स राष्ट्रवादी पार्टी के नेता लेयेन वुड ने ट्वीट कर कहा कि 'क्या ये देर से किया गया अप्रैल फूल का मजाक है?' इसके बाद राजशाही विरोधी पार्टी के नेता ग्राहम स्मिथ ने इस बात का विरोध करते हुए कहा कि 'यह एकतरफा निर्णय है, जो आने वाले वर्षों में इंग्लैंड और वेल्स के लोगों को परेशान करेगा।'राष्ट्रहित में फैसलाबता दें कि जब सरकार ने इस हफ्ते सेकंड सेवरन क्रॉसिंग का नाम बदलकर प्रिंस ऑफ वेल्स ब्रिज करने की घोषणा की थी। इसपर वेल्ससचिव एल्न केर्न्स ने कहा कि 'नाम बदलने का फैसला हमारे राष्ट्र हित और सिंहासन के उत्तराधिकारी के लिए उचित है, लेकिन वेल्स में कुछ लोगों के बीच इस फैसले से नाराजगी है, हमें उनपर भी ध्यान देने की जरूरत है।'


प्रिंस चार्ल्स का परिचय

प्रिंस चार्ल्स वेल्स के राजकुमार होने के साथ महारानी एलिजाबेथ II और एडिनबर्ग के ड्यूक, राजकुमार फिलिप के बड़े बेटे हैं। वे 1952 से ही राष्ट्रमंडल शक्तियों की गद्दी के स्पष्ट उत्तराधिकारी रहे हैं। उन्होंने रॉयल नेवी मे 1971-1976 तक अपनी सेवाओं का निर्वहन किया। साल 1981 में उन्होंने लेडी डायना स्पेंसर के साथ शादी की, लेकिन 1992 में यह जोड़ी अलग हो गई, जिसके बाद उनके संबंधों को लेकर अनेक आरोप लगाये गए।

Posted By: Mukul Kumar