-21 अप्रैल को जू की टीम ने हिरनों को गोंडा के जंगल में छोड़ दिया

-हिरन सफारी के एरिया में बर्ड वॉचिंग बनाने की तैयारी

KANPUR : जू की पहचान के रूप में फेमस हिरन सफारी के अंदर आने वाले समय में हिरन देखने को नहीं मिलेंगे। गवर्नमेंट और जू एडमिनिस्ट्रेशन ने इस संबंध में पूरी तैयार कर ली है। अब तक तक जू से 79 हिरनों को अलग-अलग जंगलों छोड़ा जा रहा है। मंडे को भी 9 हिरनों को जू की टीम गोंडा के जंगल में छोड़ आई। जू सोर्सेज के मुताबिक हिरनों को जंगल में छोड़ने के पीछे सबसे बड़ी वजह जू में आवारा और खुंखार कुत्तों की घुसपैठ है। पहले जनवरी ख्0क्फ् में आवारा कुत्तों ने फ्क् हिरनों को मार दिया था। इस घटना के बाद ही जू ऑफिसर्स ने हिरनों को जंगल में छोड़ने का डिसीजन ले लिया था। इस डिसीजन पर पूरी तरह से अमल भी नहीं हो पाया था कि बीते दो दिनों में दो हिरन कुत्तों का शिकार बन गए। ऑफिसर्स के मुताबिक अब हिरन सफारी के पूरे एरिया को डेवलप कर बडर््स वॉचिंग प्लेस बनाने की तैयारी की जा रही है। हालांकि जू में आने वाले विजिटर्स को बाड़े के अंदर हिरन देखने को मिल जाएंगे।

जंगल में भरेंगे फर्राटा

जू डायरेक्टर कुरुविला थॉमस ने बताया कि गवर्नमेंट ने जो डिसीजन लिया है उसी के अनुरूप हिरन सफारी के हिरनों को धीरे-धीरे जंगलों में भेजा जा रहा है। जनवरी ख्0क्ब् से हिरनों को बलरामपुर, गोंडा के जंगल में छोड़ा जा रहा है। इन जंगलों में 79 हिरन छोड़े जा चुके हैं। ख्क् अप्रैल को जू की टीम 9 हिरनों को गोंडा के जंगल में छोड़कर आई है। हिरन सफारी में करीब फ्00 से ज्यादा हिरन हैं। इन सभी को जंगल भेजा जा रहा है। चित्रकूट के रानीपुर में क्म्ख् हिरन भेजे जाएंगे, जिसकी तैयारी जू प्रशासन ने कर ली है। अब ख्ब् अप्रैल को रानीपुर के जंगल में हिरन छोड़े जाएंगे।

गन से बेहोश किया जाता

जू डॉक्टर आर के सिंह ने बताया कि छोटी सी गन से हिरनों को बेहोश किया जाता है। कुछ हिरन बेहोश होने में करीब फ्0 मिनट ले लेते हैं और कुछ भ् मिनट में ही बेहोश हो जाते हैं। एक बार डोज देने के बाद करीब भ् घंटे एक्टिव मोड में नहीं आ पाते हैं।

टूटी बाउंड्रीवाल बनी जान की दुश्मन

जू में चल रहे डेवलपमेंट का काम राजकीय निर्माण निगम कर रहा है। कमला रिट्रीट और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के रेजीडेंस के पास जू की बाउंड्रीवाल बनाई जा रही है, लेकिन निगम ने जरुरी कदम नहीं उठाए जिसकी वजह से आवारा कुत्ते हिरन सफारी में पहुंच गए और बीते दो दिनों में दो हिरनों को अपना शिकार बना लिया। गवर्नमेंट इस मैटर पर निगम की भी जांच करा रही है।

'जू की हिरन सफारी में सैर करने वाले हिरन अब जंगल की सैर करेंगे। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। जून ख्0क्ब् तक हिरन जंगल में भेज दिए जाएंगे। इस पर तेजी से काम किया जा रहा है। इस एरिया में देशी व विदेशी चिडि़यों का आशियाना बनाने का प्लान बनाया गया है। झील के सूखते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

-कुरुविला थॉमस, जू डायरेक्टर

Posted By: Inextlive