बनारस में करप्शन चरम पर है. यहां के पेंशन ऑफिस में पैसा दिए बिना काम नहीं होता है तो यहां की सेंट्रल यूनिवर्सिटी में स्कॉलरशिप भी पहुंच और पैसे के बल पर मिलती है'. अरे भई ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि सीरियल 'रुक जाना नहीं' में बनारस के बारे में यह कहा जा रहा है. सीरियल बनाने वालों ने बनारस के बारे में फैक्ट्स जाने बगैर ही यहां के लोगों को करप्ट दिखा दिया है और बताया है कि यहां के यूनिवर्सिटी से लेकर ऑफिसेस में करप्शन का बोलबाला है. यही नहीं अस्सी को भी पुलिस थाना बता दिया गया है. एक नेशनल चैनल पर शाम 6.30 बजे प्रसारित होने वाले सीरियल में हर रोज इसी तरह से बनारस को दिखाया जा रहा है और यहां की छवि बिगाड़ी जा रही है.


VARANASI: अभी एक महीने पहले ही 'रुक जाना नहीं' सीरियल शुरू हुआ है। इसमें दिखाया गया है कि एक फैमिली बाराबंकी से बनारस आ जाती है। यहां आने के बाद उन्हें हर जगह करप्शन का सामना करना पड़ता है। सांची जो सीरियल की मेन कैरेक्टर है, उसे बनारस की यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिल जाता है। जब वो यहां पहुंचती है तो देखती है कि यहां लड़कियों के साथ रैगिंग हो रही है। स्टूडेंट लीडर शराब पीते हैं और ये लीडर हर वक्त बस गुंडागर्दी ही करते रहते हैं। जब सांची की  स्कॉलरशिप लेने की बारी आती है तो उसे साफ मना कर दिया जाता है। लेकिन जब स्टूडेंट लीडर अपनी पावर का इस्तेमाल करता है तो तुरन्त स्कॉलरशिप मिल जाती है। दूसरी ओर सांची बनारस के पेंशन ऑफिस में जब अपने पापा की पेंशन लेने जाती है तो उससे पैसे देने के लिए कहा जाता है। सांची सीरियल में करप्शन के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करती है और अपने गट्स पर सारे काम कराती है। हूबहू बीएचयू जैसी बिल्डिंग
हालांकि इस सीरियल में बीएचयू का नाम नहीं लिया गया है। लेकिन बनारस के नाम पर यूनिवर्सिटी का जो कैम्पस दिखाया जा रहा है वो बिल्कुल बीएचयू के जैसा ही दिखता है। बिल्डिंग हूबहू बीएचयू के बिल्डिंग के कलर की हैं। साथ ही बीएचयू का लोगो भी इस्तेमाल किया गया है। इसमें दिखाए जा रहे हॉस्टल भी बीएचयू के हॉस्टल की तरह हैं। जिसने भी बीएचयू को देखा हो वो देखकर साफ समझ सकता है। सीरियल में यूनिवर्सिटी के नाम पर पूर्वांचल यूनिवर्सिटी का नाम यूज किया गया है। "हमने सीरियल की शूटिंग के लिए कोई परमिशन नहीं ली गयी। लेकिन सीरियल में इस तरह से बीएचयू को दिखाया जा रहा है तो गलत है। हम बीएचयू की ओर से मानहानि का दावा करेंगे और सीरियल के प्रॉडक्शन टीम से लिखित जवाब मांगेगे."  राजेश सिंह, चेयरमैन पीपीपी सेल, बीएचयू

Posted By: Inextlive