-एजेंटो का रास्ता रोक रहे निवेशक, परेशान एजेंट पहुंचे एसएसपी ऑफिस

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जल्दी अमीर बनाने का लालच देकर एक और चिटफंड कंपनी फरार हो गई. शहर और आसपास के सैकड़ों लोगों को एजेंट बनाकर कंपनी करीब 20 करोड़ रुपए समेटने के बाद ऑफिस में ताला डालकर फरार हो गई. सिविल लाइंस स्थित कंपनी के ऑफिस पहुंचने पर जब ऑफिस बंद मिला तो लोगों को ठगी का अहसास हुआ. सभी पीडि़त फ्राइडे को एसएसपी से मिले और अपनी ठगी की कहानी सुनाई. जिस पर एसएसपी ने जांच के बाद कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

डायरेक्टर बनाकर लगाया चूना

इज्जतनगर के 107, बसंत विहार निवासी ऋषिराम यादव ने बताया कि वह बेरोजगार हैं. वर्ष 2010 में उसकी मुलाकात विनोद कुमार निवासी बसंत विहार से हुई. उसने 148, सिविल लाइंस चंद्र दीप बिल्डिंग ऑफिस में उसे बुलाया. वहां पर विनोद और उसके बहनोई विजय कुमार ने उसे विनायक प्रोपमार्ट इंडिया लि. कंपनी के बारे में बताया.

रुपए दोगुना करने का दिया लालच

विनोद और विजय ने उसे बताया कि वह रुपए साढ़े पांच साल में दोगुने कर वापस कर देते हैं. इन रुपए को वह जमीन व व्यापार में लगाते हैं. जिसमें रकम डूबने का खतरा नहीं रहता है. ऋषिराम को बताया कि यदि वह फील्ड वर्क करेगा तो उसे अच्छी कमाई होगी. इस पर ऋषिराम ने कंपनी एक्जीक्यूटिव मैनेजर के पद पर ज्वाइनिंग कर करीब दर्जन भर टीम वर्कर लगाकर उनसे भी रुपए जमा करवाए.

कई नाम से बनाई कंपनियां

ऋषिराम ने बताया कि विनायक दर्जन मेगा मार्ट इंडिया लि., बीआर पब्लिकेशन, कृष्ण महाराज प्रॉपर्टीज, हरित भूमि एग्रो केयर, विनायक स्पाइसिस, नवोदय इंडिया लि., निधि लि. में अच्छा काम करने वाले अलीम कुरैशी, इंतजार अहमद, रामअवतार, सर्वेश वर्मा, भूपराम व रिजवान खान को डायरेक्टर का पद दिया गया. जिसमें पूरा काम विनोद देखता था, जबकि अन्य लोगों से केवल डायरेक्टर की जगह पर हस्ताक्षर कराए जाते थे.

पेमेंट देकर जमाया भरोसा

इस दौरान कंपनी ने कई लोगों को बॉन्ड पेमेंट भी किए. जिससे लोगों को कंपनी पर विश्वास हो गया. वर्ष 2015 में विनोद और उसके बहनोई ने खुद को कंपनी से अलग कर लिया और मैच्योर बॉन्ड की देनदारियों से बचने के लिए अचानक ऑफिस बंद कर दिया. इसके बाद सभी ने मिलकर आरोपियों को तलाशा लेकिन कहीं सुराग नहीं लगा. ऋषिराम ने बताया कि कंपनी में लोगों का करीब 20 करोड़ रुपए लगा था.

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पुराने किस्से

गंगा इन्फ्रा सिटी रियल एस्टेट कंपनी भी फरार

बारादरी क्षेत्र के अरमान हाइट्स बिल्डिंग में ऑफिस चलाने वाली मैसर्स गंगा इन्फ्रा सिटी प्राइवेट लिमिटेड रियल एस्टेट कंपनी लोगों के करीब 200 करोड़ रुपए लेकर वर्ष 2018 में फरार हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने अनिल साहू की तहरीर पर 8 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की. कंपनी में सत्ताधारी पार्टी के दो विधायकों के भी रुपए लगे थे. कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश कुमार मौर्या है. इसके अलावा अजय कुमार मौर्या, दिनेश मौर्या, विश्वनाथ मौर्या, शिवनाथ मौर्या, कृष्णनाथ मौर्या, संदीप सिंह एजेंट थे. करीब 200 करोड़ रुपए समेटकर कंपनी फरार हो गई थी. बाद में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन किसी पीडि़त को अब तक रकम वापस नहीं मिल सकी.

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डीडीपुरम से भी करोड़ों रुपए ले गई थी कंपनी

देश के पांच राज्यों में 55 शाखाओं का दावा करने वाली चिट फंड कंपनी फिनोमिनल हेल्थ केयर सर्विसेज भी पब्लिक का करोड़ों रुपए समेट कर वर्ष 2018 में फरार हो चुकी है. बरेली में इसकी कर्ता-धर्ता इज्जतनगर में तैनात रेलवे के इंजीनियर की पत्‍‌नी निकली. एसएसडी प्लाजा स्थित कंपनी के ऑफिस में रुपए जमा कर रहे ग्राहक ने जब शिकायत की, तो मामला सामने आया. जांच के दौरान पता चला कि कंपनी हजारों ग्राहकों को रुपए दोगुना करने का लालच देकर करीब दो करोड़ रुपए समेट ले गई. कम्पनी की एक ब्रांच डीडीपुरम में वर्ष 2001 में बबली चक्रवर्ती और सरिता शर्मा ने खोली. जिन्होंने 9 वर्ष में रुपए डबल करने का वादा कर करीब 1000 एजेंट बना डाले. रुपए दोगुने करने के अलावा 30 हजार रुपए तक मेडिकल क्लेम भी देने का दावा कम्पनी ने किया था. बाद में कंपनी ऑफिस में ताला डालकर फरार हो गई.

वर्जन

पीडि़त लोगों ने एक कंपनी पर ठगी का आरोप लगाते हुए शिकायत की है. मामले में जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी.

मुनिराज जी, एसएसपी

Posted By: Radhika Lala