- बेसिक शिक्षा विभाग में वर्ष 2003 की फर्जी नियुक्तियों का मामला फिर गरमा, मची खलबली

बरेली : विजिलेंस के एसपी ने बीएसए से 15 शिक्षक व कर्मचारियों का ब्यौरा तलब किया है। जिससे वर्ष 2003 की फर्जी नियुक्तियों का मामला फिर गरमा गया है। इस मामले में फंसे अफसर, शिक्षक व कर्मचारी एक बार फिर विजिलेंस की रडार पर आ गए हैं। जिससे बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली मची है।

फाइलों में दबी जांच कार्रवाई

वर्ष 2003 में 12 फर्जी शिक्षकों पर सुभाष नगर थाने दर्ज रिपोर्ट की जांच कार्रवाई में इन शिक्षकों पते फर्जी मिले और यह गायब हो गए। तत्कालीन डीएम रमारमण ने मामले की विजिलेंस जांच के निर्देश दिए। विजिलेंस ने जांच शुरू की तो तत्कालीन बीएसए एमपी सिंह कुशवाहा व दीपचंद्र प्रजापति सहित 29 शिक्षक व कर्मचारी जांच की आंच में फंसे। हालांकि सफेदपोशों के दवाब के चलते जांच कार्रवाई फाइलों में दबकर रह गई। अब विजिलेंस ने फिर से जांच शुरू कर बीएसए से 15 शिक्षकों के बारे में वर्तमान तैनाती या अवकाश प्राप्त होने की स्थिति में वर्तमान पता व फोन नंबर मांगा है। यदि किसी की मृत्यु हो गई हो तो उसका मृत्यु प्रमाण पत्र मांगा गया है। हालांकि इनमें से कुछ सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं। बीएसए तनुजा त्रिपाठी ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों को मांगी गई सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

इनके बारे में मांगी जानकारी

प्रधानाध्यापक राम स्वरुप गंगवार, इशरत अली, जंग बहादुर शर्मा, श्याम सुंदर, रघुनंदन प्रसाद, सत्यप्रकाश गंगवार सहित सहायक अध्यापक राधेश्याम रस्तोगी, अंजू गुप्ता, अशफाक, रामप्रताप गंगवार, राजपाल, अनूप कुमार, ओम प्रकाश के अलावा संबद्ध सहायक अध्यापक शाहिद खां व कर्मचारी अरुण कुमार सक्सेना का रिकार्ड मांगा है।

Posted By: Inextlive