- सिटी में कम है 36 हजार बिजली के पोल

- 2011 में फैक्ट्री के लिए जमीन और पानी आपूर्ति के लिए जगह की गई थी चिन्हित

GORAKHPUR: जनता जब दबाव बनाती है तो सरकारी विभाग योजना की फाइल बनता है और फाइल बनते ही जब जनता शांत हो जाती है तब विभाग योजनाओं को कूडे़ के में डाल देता है। कुछ ऐसा ही ख्0क्क् में इलेक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन ने किया। सिटी में पोल की कमी की बात सामने आने पर कॉर्पोरेशन ने मोहद्दीपुर में खाली पड़ी जमीन पर पोल फैक्ट्री बनाने की योजना बनाई। फैक्ट्री तो दूर तीन साल बाद भी फैक्ट्री की फाइल पता नहीं है। वहीं सिटी पोल में पोल की कमी जस की तस बनी हुई है।

सिटी में फ्म् हजार पोल की है कमी

सिटी में बिजली सप्लाई के लिए 7भ् हजार पोल लगे हुए हैं। फिर भी सिटी की अधिकांश गलियों में तार झूल रहे हैं। यह झूलते तार कभी भी मोहल्लों में हादसा का सबब बन सकते हैं। एक जेई का कहना है कि अगर सिटी में फ्म् हजार पोल और लग जाते तो मोहल्लों में झूलते तार को टाइट किया जा सकता है।

छह माह में उत्पादन हो जाता शुरू

मोहद्दीपुर सब स्टेशन और ग्रामीण अंचल के एसई ऑफिस के बीच में इलेक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन की खाली पड़ी जमीन का जून ख्0क्क् विभागीय टीम ने सर्वे किया था। सर्वे में जमीन को चिन्हित होने के साथ रामगढ़ताल से पानी लाने के लिए रास्ता भी चिन्हित कर लिया गया था, लेकिन सर्वे के बाद ही फाइल बंद हो गई।

पोल की कमी दूर होने के साथ मिलता रोजगार

इस फैक्ट्री से सिटी में पोल की कमी तो दूर होती ही, लोगों को रोजगार भी मिलता। कॉर्पोरेशन के स्टोर अफसर का कहना है कि इस समय ग्रामीण अंचलों में राममनोहर लोहिया और राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना चल रही है। इसके तहत बरहुआं में बनने वाला पोल ग्रामीण अंचल में चला जा रहा है। जिस कारण शहर में पोल की भारी कमी हो गई। अगर यह फैक्ट्री बन गई होती तो पोल की कमी कुछ दूर हो जाती।

यहां पोल की कमी है और इसे बाहर से मंगाना पड़ता है। यहां फैक्ट्री लग जाती तो निश्चित ही पोल की किल्लत दूर हो जाती।

एसपी पांडेय एसई, महानगर विद्युत वितरण निगम

Posted By: Inextlive