प्रदेश में अगस्त 2018 तक एनडीपीएस एक्ट में 793 मामले दर्ज । 50 प्रतिशत से ज्यादा मामले अकेले दून में दर्ज हुए।


pavan.nautiyal@inext.co.inDEHRADUN : देवभूमि में नशे का दानव लगातार अपने पांव फैला रहा है। प्रदेश में इसी वर्ष अगस्त माह तक एनडीपीएस एक्ट के 793 मामले दर्ज हुए है। 832 नशा तस्कर पुलिस के फंदे में आ चुके। 5 करोड़ से ज्यादा का नशा बरामद किया गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि 5 करोड़ का नशा पकड़ा गया तो कितना लोगों की नसों में घोला जा चुका होगा। सबसे चौंकाने वाले मामले देहरादून में सामने आए हैं। दून में पूरे प्रदेश का 50 प्रतिशत से ज्यादा का नशे का सामान बरामद हो चुका है। देहरादून नशे की राजधानी


देहरादून नशे की भी राजधानी बन चुकी है। दून में पूरे प्रदेश के 50 प्रतिशत से भी ज्यादा मामले दर्ज हैं। प्रदेश भर मेंं 793 मामले दर्ज हुए हैं जिनमें से 397 नशे के मामले अकेले दून से सामने आये हैं। इतना ही नहीं प्रदेश भर में गिरफ्तार किए 827 में से 404 अकेले देहरादून से गिरफ्तार किए गए हैं। दून में सबसे ज्यादा पकड़े जाने वाला नशे का सामान डोडा अफीम है। जिसकी मात्रा 104.77 किग्रा है। इसके अलावा चरस की खपत 65.42 और स्मैक की 2.139 किग्रा में है। यूपी से लेकर एमपी तक बैठे नशे के सौदागरों के टारगेट में दून के स्कूलों में पढऩे वाले स्टूडेंट्स हैं। 5.81 करोड़ का नशा बरामदप्रदेश भर में नशे का सामान भारी मात्रा में बेचा जा रहा है। जिसकी बरामदगी इसकी बानगी है। अब तक प्रदेश में 5 करोड़ 81 लाख 49 हजार 315 का माल बरामद किया जा चुका है। सबसे ज्यादा देहरादून में 2 करोड़ 84 लाख से ज्यादा जबकि यूएसनगर में 1 करोड़ 41 लाख से ज्यादा का माल बरामद किया गया है। 100 करोड़ का अवैध कारोबारपुलिस ने नशे के सामान को पकडऩे के लिए एंटी ड्रग्स फोर्स का भी गठन किया है। ऐसे में प्रदेश भर में नशे के सामान की बरामदगी लगातार सामने आ रही है। सवाल ये है कि जब 5 करोड़ से ज्यादा का माल पुलिस बरामद कर चुकी है तो फिर कई ऐसे नशा तस्कर दून में सक्रिय होंगे जो पुलिस की गिरफ्त से अभी बाहर हैं। एक आंकलन के मुताबिक अकेले दून में हर वर्ष मादक पदार्थों का 100 करोड़ से अधिक अवैध कारोबार हो रहा है।रुद्रप्रयाग में एक भी मामला दर्ज नहीं

उत्तराखंड में जहां सभी जनपदों में रुद्रप्रयाग एक मात्र जिला है जहां एक भी मामला नशे का सामने नहीं आया है। बागेश्वर में 1 मामला सामने आया, जिसमें 2.06 किग्रा चरस बरामद की गई है। पिथौरागढ़ में 5 और चमोली में 9 मामले सामने आए। नशे के कारोबार में दानी जिलों में ज्यादा सामने आ चुके हैं, जबकि पहाड़ी जिलों में अभी नशे का जाल नहीं पहुंचा है।कहां कितने केस दज397 - देहरादून152 - यूएसनगर69 - हरिद्वार20 - अल्मोड़ा19 - उत्तरकाशी12 - टिहरी50 - नैनीताल39 - चम्पावत20 - पौड़ी9 - चमोली5 -  पिथौरागढ1 - बागेश्वरनशे के खिलाफ सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई पलायन, बेरोजगारी और बच्चों के पैरेंट्स की पकड़ से बाहर होने की वजह से नशे का कारोबार फल फूल रहा है। जिसे रोकने के लिए सरकारें कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है।डा. मुकुल शर्मा, साइकोलॉजिस्ट नशा रोकने के लिए एंटी ड्रग्स फोर्स का किया है गठननशे के कारोबार को रोकने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है। जब से एंटी ड्रग्स फोर्स का गठन हुआ है। कार्रवाई में बढ़ोत्तरी हुई है। अशोक कुमार, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर

Posted By: Mukul Kumar