8 नवंबर 2016 का दिन। रात 8 बजे के करीब पीएम मोदी की 500 और 1000 के नोट बंदी की घोषणा ने पूरे देश में खलबली मचा दी। इन नोटों को बंद करने के साथ 2000 और 500 का नया नोट शुरू करने का ऐलान किया गया। वहीं बड़े नोटों के अचानक बंद होने से लोगों के होश उड़ गए। हर कोई सोचने लगा जुगाड़ कि कैसे उसके पास 500 और 1000 के बड़े नोटों में जमा पूंजी को भुनवाया जाए। इसके बाद शुरू हुई जद्दोजहद पीएम के बताए निर्देशों पर अपने पैसों को कैश कराने की। अब यहां आई लोगों के पास कैसी-कैसी मुश्‍किलें और इनका निकाला गया कैसा जुगाड़ आइए जानें।


ऐसी हुई समस्या


श्रीनिवास, तेलंगाना के एक छोटे से गांव का किसान। अपने जेब से बैंक से मिले 2000 के नोटों का गुच्छा निकालता है। 2-2 हजार के नोटों के ये 10,000 रुपये थे। इतना पैसा हाथ में होने के बावजूद ये उसके किसी काम का नहीं था। उसके इतने बड़े नोट को कोई फुटकर नहीं कर रहा था। करता भी कैसे, हर किसी के पास छोटे नोटों की कमी जो थी। फिर भला कौन फुटकर करेगा 2000 का बड़ा नोट। इन पैसों से अब वो न तो एक कप चाय ही पी सकता था, न ही कुछ खा सकता था और न ही बस की टिकट खरीद सकता था। आखिर में जब वो इन पैसों को लेकर घर पहुंचा तो बड़े नोट होने की वजह से उसकी पत्नी भी उसपर भड़क गई। इसके बाद नजर दौड़ी यहीं के करीबी मेडचाल जिले में। यहां भी बैंकों के बाहर लंबी कतारें नजर आईं। कतारों में लंच बॉक्स और पानी की बोतल लेकर कुछ महिलाएं सुबह से अपना नंबर आने के इंतजार में लगी थीं। लाइन में खड़ी हुसैनी बी ने बताया कि वो अपने छोटे-छोटे बच्चों को घर पर अकेला छोड़कर आईं हैं। घर पर खाने तक के पैसे नहीं बचे हैं, तो इतनी मेहनत तो करनी ही पड़ेगी। इस तरह की कई समस्याएं सुनने को मिलेंगी आपको उन लोगों के मुंह से जो बैंकों के बाहर लंबी कतारों में लगे हैं पुराने नोटों को बदलवाने के लिए। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने नोट बंदी की खबर सुनते ही अपने करोड़ों रुपयों को ठिकाने लगाने का जुगाड़ लगा लिया। आइए देखें क्या किया इन्होंने। अस्पताल के मालिक ने किया ऐसा जुगाड़ अदीलाबाद जिले में एक जाना-माना अस्पताल। इस अस्पताल के लिए ये कहा जाता है कि यहां कमाई तो 10 करोड़ के फिगर में होती है, लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न सिर्फ 27 लाख का फाइल किया जाता है। इनका कैश हमेशा रियल स्टेट में इन्वेस्ट होता है। 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा होते ही इनके पास ढेरों में रखे 500 और 1000 के नोटों की कोई कीमत नहीं रह गई। अब अस्पताल के डॉक्टर हाथ में 2 करोड़ रुपये लेकर यहां और वहां दौड़ लगाने लगे। अगले दिन सुबह इन्होंने एक जुगाड़ लगा लिया। ज्वैलर्स ने किया ये

इस समय पूरे देश के ज्वैलर्स पर सरकार की सख्त नजरें हैं। कारण है कि पीएम की घोषणा के बाद ऐसा सुनने को मिला कि लोग तुरंत अपनी मोटी रकम लेकर सर्राफा बाजार की ओर दौड़े हैं। ऐसे में कई ज्वैलर्स शॉप पर तो सरकार ने रेड भी कर दी, जो ब्लैक मनी को भुनाने में लगे थे। वहीं अब सुनने को मिल रहा है कि कई ज्वैलर्स ने तो अपने जेवर अंडर ग्राउंड कर दिए हैं। इससे वो अपने दोस्तों और करीबियों की मदद कर रहे हैं।Business News inextlive from Business News Desk

Posted By: Ruchi D Sharma