-नोट बंदी लागू होने के 8 दिन बाद कानपुर में दोगुने से ज्यादा घटा घातक पीएम-2.5 का स्तर

-एक हफ्ते पहले शहर में प्रदूषण का स्तर था मानक से 6 गुना ज्यादा, शहर की हवा हो गई थी जहरीली

KANPUR : 500 और 1000 के नोट की बंदी का असर आम जन-जीवन पर पड़ा है। ये तो आप पिछले कुछ दिनों से रोजाना पढ़ और देख रहे होंगे, लेकिन इसका एक फायदा भी हुआ है। जो आज आई नेक्स्ट आपको बताने जा रहा है। नोट बंदी के बाद से शहर में प्रदूषण का स्तर दोगुना तक कम हो गया है। इसके पीछे एक वजह शहर में ट्रकों की इंट्री का कम होना, कंस्ट्रक्शन के काम का प्रभावित होना, रोड पर कम गाडि़यों का दौड़ना व फैक्ट्रियों का नकदी की कमी की वजह से पूरी क्षमता से नहीं चल पाना भी बताया जा रहा है।

स्मॉग का असर भी कम

शहर में प्रदूषण का स्तर कम होने की बड़ी वजह है कि नोट बंदी के बाद कानपुर की एक हजार से ज्यादा फैक्ट्रियों में उत्पादन चौथाई से भी कम हो रहा है। इसके अलावा दिवाली के बाद जहां दिल्ली की तरफ से आए स्मॉग की वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ा था वह भी हवा की वजह से कम हो गया है।

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इन वजहों से कम हुआ प्रदूषण

- दिल्ली की तरफ से आने वाले स्मॉग में अचानक आई काफी कमी

- करेंसी की प्रॉब्लम से बड़े डीजल वाहनों की शहर में इंट्री हुई कम

- दिहाड़ी मजदूरों को करेंसी की प्रॉब्लम से फैक्ट्रियों में घटा उत्पादन

- केडीए समेत कई बड़े कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स का काम प्रभावित

- कंस्ट्रक्शंस न होने से निर्माण के दौरान उड़ने वाली धूल में कमी

- हवा की रफ्तार का ज्यादा होना, जिससे पॉल्यूशन ठहर नहीं पा रहा

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स्मॉग का असर कम होने के साथ ही कई और हानिकारक गैसेस के स्तर में कमी आई है। इसके अलावा इन दिनों खतरनाक माने जाने वाले पीएम-2.5 का स्तर भी काफी कम हुआ है। रोड पर पिछले दिनों की अपेक्षा गाडि़यों की संख्या भी कम हुई है, जो प्रदूषण को कम करने में काफी सहायक साबित हुई है।

-अनिरुद्ध दुबे, मौसम वैज्ञानिक, सीएसए।

Posted By: Inextlive