- कॅट ऑफ डेट के इतर प्रमोशन पर वित्त विभाग की आपत्ति के बाद फंसा पेंच

- साख बचाने को अब सरकार यूजीसी से कर रही मिन्नतें

कॅट ऑफ डेट के इतर प्रमोशन पर वित्त विभाग की आपत्ति के बाद फंसा पेंच

- साख बचाने को अब सरकार यूजीसी से कर रही मिन्नतें

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: सरकार की एक गलती उच्च शिक्षण संस्थानों के पांच हजार शिक्षकों का पर भारी पड़ सकती है। कट ऑफ डेट के इतर प्रमोशन पाने वाले इन शिक्षकों को डिमोट किए जाने का भय सताने लगा है। क्योंकि वित्त विभाग ने इनके प्रमोशन पर आपत्ति जता दी है। अब सरकार छीछालेदर से बचने के लिए यूजीसी से मिन्नतें कर रही है कि इन शिक्षकों को डिमोट न किया जाए।

क्या है पूरा मामला

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने फ्0 जून ख्0क्0 को विवि एवं डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों के प्रमोशन के लिए यूजीसी रेगुलेशन ख्0क्0 लागू कर दिया था। इसमें कहा गया था कि फ्क् अक्टूबर ख्008 के बाद कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत प्रमोशन नए नियमों के आधार पर ही किए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने यूजीसी की निर्धारित कटऑफ डेट की जगह रेगुलेशन जारी करने की डेट को ही कटऑफ मानकर शासनादेश जारी कर दिया था।

पांच हजार का हुआ प्रमोशन

इसके तहत शासनादेश का लाभ पाकर एडेड और राजकीय कॉलेजों के करीब ख्000 शिक्षक पुराने नियमों के तहत प्रमोशन पा गए थे। वहीं स्टेट यूनिवर्सिटी के लगभग फ्000 शिक्षकों को इसके तहत प्रमोशन मिला था। वित्त विभाग ने इस मामले पर आपत्ति करते हुए कह दिया कि यूजीसी के रेगुलेशन के तहत फ्क् दिसंबर ख्008 के बाद नए नियमों के तहत प्रमोशन पाने वाले शिक्षकों को ही इसका लाभ दिया जाएगा। अब यह मामला सरकार के गले की हड्डी बन गया है। अगर सरकार फैसले से पीछे हटती है तो उसे शिक्षकों को न केवल डिमोट करना होगा बल्कि उनसे रिकवरी होगी। सबसे ज्यादा नुकसान एसोसिएट से प्रोफेसर की कैटेगरी में गए शिक्षकों को हो सकता है।

टीचर्स को उठाना होगा नुकसान

प्रमोशन के नियमों को लेकर अगर सरकार अपने फैसले से पीछे हटती है तो इसका खामियाजा टीचर्स को उठाना होगा। पुरानी नीति से प्रमोट हुए टीचर्स को डिमोट करने के बाद होने वाली रिकवरी कम से कम ब्0 हजार रुपये महीने की होगी। वहीं 8 हजार ग्रेड पे में प्रमोट हुए शिक्षकों से क्0 हजार, 7 हजार ग्रेड पे के शिक्षकों से 8 हजार रुपये प्रतिमाह तक वसूले जा सकते हैं। खास बात यह है कि मामले में संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी के कुलपति ने यूजीसी से शासनादेश पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। यूजीसी ने स्पष्ट किया था कि प्रमोशन के मामले में कटऑफ डेट वही लागू रहेगी जो आध्यादेश में है।

- निधार्रित अवधि और नियम के अन्तर्गत जो प्रमोशन पाने का हकदार है, उसे उसी डेट से प्रमोशन मिलना चाहिए।

प्रो। जीसी त्रिपाठी

प्रसिडेंट, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन

Posted By: Inextlive