केंद्रीय विद्यालयों के स्टूडेंट्स भी अब डिजाइनर यूनिफॉर्म पहनेंगे. सीबीएसई ने एनआईएफटी के साथ मिलकर स्टूडेंट्स की नई ड्रेस के डिजाइन पर काम शुरू कर दिया है.

SANDEEP TOMAR

MEERUT ; केंद्रीय विद्यालयों के स्टूडेंट्स भी अब डिजाइनर यूनिफॉर्म पहनेंगे। सीबीएसई ने एनआईएफटी के साथ मिलकर स्टूडेंट्स की नई ड्रेस के डिजाइन पर काम शुरू कर दिया है। 49 सालों के बाद स्टूडेंट्स को व्हाइट शर्ट और ब्लू पैंट से छुटकारा मिलेगा। फिलहाल ये नया ड्रेस कोड सिर्फ फस्र्ट क्लास के स्टूडेंट्स के लिए ही है। 2014 तक ये ड्रेस सभी क्लासेज के लिए लागू कर दी जाएगी।

निफ्ट के डिजाइनर
निफ्ट के डिजाइनर्स के साथ मिलकर केंद्रीय विद्यालय संगठन अब अपने स्टूडेंट्स के लिए डिजाइनर ड्रेस तैयार करा रहा है। ड्रेस कैसी होगी? कलर्स कौन से होंगे? अभी इन सभी बातों पर विचार चल रहा है। यूनिफॉर्म का फाइनल प्रिंट जुलाई तक आएगा।

अभी फस्र्ट क्लास
यूनिफॉर्म का नया कोड जुलाई तक आएगा। अभी ये सिर्फ फस्र्ट क्लास के स्टूडेंट्स के लिए ही लागू होगा। फस्र्ट क्लास स्टूडेंट्स के पेरेंट्स को कहा गया है कि अभी वो ड्रेस न सिलवाए। जुलाई तक ये स्टूडेंट्स सिविल डे्रस में ही स्कूल आएंगे।

पुरानों पर बर्डन नहीं
पुराने स्टूडेंट्स के पेरेंट्स पर कोई बर्डन न पड़े, इसी वजह से नया ड्रेस कोड सभी क्लासेज पर एक साथ लागू नहीं किया गया है। जो पेरेंट्स अफोर्ड कर सकते हैं, वो जुलाई में नई ड्रेस सिलवाकर पहन सकते हैं। बाकी के पेरेंट्स 2013 जुलाई तक नया ड्रेस कोड अपना सकते हैं। केवीएस की प्लानिंग 2014 तक पूरी तरह से नया ड्रेस कोड लागू करने की है।

1963 से था ये कोड
1963 में केंद्रीय विद्यालय संगठन की स्थापना हुई थी। तब से आज तक देश भर के केंद्रीय विद्यालयों में व्हाइट शर्ट-ब्लू पैंट लडक़ों के लिए व्हाइट सलवार-ब्लू कमीज लड़कियों के लिए। ये ड्रेस बीते 49 सालों से चला आ रहा था।

ड्रेस के कलर्स एनर्जेटिक होने चाहिए। ड्रेस के रंग और मैटिरियल ऐसा हो जिसका मेंटेनेंस आसान हो और हर मौसम में कंफर्टेबल हो।
- पूनम देव दत्त, सीबीएसई काउंसलर मेरठ

लाइट कलर्स में स्टूडेंट्स स्मार्ट लगते हैं। ये कलर थोड़े से क्रीएटिव होते हैं। कलर्स का स्टूडेंट्स के दिमाग पर भी बहुत फर्क पड़ता है। ड्रेस अच्छी होनी चाहिए।
- विकास सैनी, मनोवैज्ञानिक

यूनिफॉर्म के कलर से भी स्टूडेंट्स की मानसिकता पर बहुत फर्क पड़ता है। ब्राइट कलर्स से फील गुड की फिलिंग आती है। जबकि डल कलर्स से उदासी महसूस होती है।
- संजय, लैक्चरर मनोविज्ञान विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय

ड्रेस जुलाई तक चेंज हो जाएगी। अभी पेरेंट्स को नई यूनिफॉर्म बनवाने से मना कर दिया गया है। कलर्स के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है।
- जेएम सक्सेना, वाइस प्रिंसीपल केवी डोगरा लाइन

Posted By: Inextlive