-शहर में विकास के प्रोजेक्ट के काम हुए सुस्त

-चुनाव में बिजी हुए अफसर, समस्याएं लेकर भटक रही पब्लिक

बरेली. लोकसभा चुनाव 2019 के लिए लागू हुई आचार संहिता से शहर के विकास के चार बड़े प्रोजेक्ट अगले एक माह के लिए अटक गए हैं. आचार संहिता से शहर विकास के जो चार प्रोजेक्ट अटके हैं, उनकी लागत 139 करोड़ से भी ज्यादा है. इनमें चौपुला और सैटेलाइट फ्लाईओवर का काम अभी हाल में शुरू हुआ था. इज्जतनगर फ्लाईओवर का काम 90 फीसदी पूरा हो चुका है. लेकिन यह फिर एक महीने के लिए टल गया है. स्मार्ट सिटी योजना के तहत शील चौराहे से सिलेक्शन प्वाइंट तक बनने वाली आदर्श सड़क पर भी आचार संहिता का ग्रहण लग गया है. ये सभी प्रोजेक्ट शहर के विकास के लिए बेहद जरूरी हैं, लेकिन आचार संहिता लागू होने से बीच में आए पेंच की वजह से अब इनका काम अगले एक माह के लिए रुक गया है. इसके अलावा अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों के चुनाव ड्यूटी में लग जाने से पब्लिक के रोजमर्रा के काम भी प्रभावित हो रहे हैं. अधिकारी उन्हें चुनाव बाद आने की बात कह टाल रहे हैं.

प्रोजेक्ट 1

सैटेलाइट फ्लाईओवर

26 करोड़ की लागत से बनने वाला सैटेलाइट फ्लाईओवर फरवरी में शुरू हुआ था. सैटेलाइट चौराहे से लखनऊ रोड तक बनने वाले इस पुल का काम दो साल में पूरा होना था, लेकिन अभी इसका काम पूरी तरह अटक गया है. इस चौराहे पर हैवी ट्रैफिक होने से यहां अक्सर जाम लगा रहता है.

प्रोजेक्ट 2

चौपुला फ्लाईओवर

फरवरी के आखिरी में 59 करोड़ के इस फ्लाईओवर के लिए सर्विस रोड का निर्माण ही शुरू हो सका है. इसका निर्माण दो साल में पूरा होना है, फिलहाल काम बेहद धीमी रफ्तार से चल रहा है. चौपुला चौराहा पर दिन में कई बार लगने वाले जाम में लोग फंसे रहते हैं. शहर के अलावा बदायूं और आगरा की ओर से आने वाले लोगों को भी जाम से जूझना पड़ता है.

प्रोजेक्ट 3

इज्जतनगर फ्लाईओवर

इज्जतनगर में आईवीआरआई रोड रेलवे क्रासिंग पर 54 करोड़ की लागत से बन रहे इस फ्लाईओवर निर्माण में सेतु निगम अपने हिस्से का काम पूरा कर चुका है. रेलवे के हिस्से का काम ही बाकी रह गया है. फ्लाईओवर का काम पूरा न होने के चलते लोगों को पिछले करीब एक साल से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

प्रोजेक्ट 4

आदर्श रोड

करीब 4 करोड़ की लागत से नगर निगम ने राजेंद्र नगर शील चौराहा से सिलेक्शन प्वॉइंट तिराहा तक की सड़क को आदर्श रोड बनाने का काम दिसंबर 2018 में शुरू तो कर दिया, लेकिन अब तक सड़क के चौड़ीकरण का काम भी पूरा नहीं हो सका है. रोड पर ही निर्माण सामग्री के ढेर लगे हैं, जिससे आए दिन लोग गिरकर चुटैल हो रहे हैं. अधबने डिवाइडर की सरिया से कभी भी बड़ा हादसा भी हो सकता है.

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साफ सफाई पर भी ब्रेक

आचार संहिता लागू होने के बाद शिकायतों का निस्तारण पर भी बे्रक लग गया है. 10 मार्च यानी आचार संहिता के बाद नगर निगम में साफ सफाई, पेयजल और निर्माण से संबंधित 37 शिकायतें आ चुकी हैं, लेकिन निस्तारण एक का भी नहीं हुआ. परेशान लोग शिकायतें लेकर आए दिन नगर निगम पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें समाधान नहीं मिल पा रहा है.

डूडा ऑफिस से लौट रहे खाली हाथ

आचार संहिता से पहले शहरी आवास योजना के लिए धड़ल्ले से रजिस्ट्रेशन हो रहे थे, लेकिन अब इस पर भी ब्रेक लग गया है. आचार संहिता लगने के बाद 15 से 20 आवेदन आए, जिन्हें अधिकारियों ने आचार संहिता लागू होने का हवाला दे हुए वापस कर दिया. इसके चलते लोगों को डूडा ऑफिस से खाली हाथ लौटना पड़ रहा है.

मनमानी फीस वसूली से राहत नहीं

निजी स्कूलों की फीस वसूली का मामला करीब पिछले एक साल से चल रहा है, लेकिन अभी तक प्रशासन कोई अहम फैसला नहीं ले पाया है. फैसले के लिए दूसरी बैठक होने ही वाली थी कि तब तक आचार संहिता लग गई. जिसकी वजह से डीएम चुनाव में बिजी हो गए. अब स्कूलों का नया सेशन 1 अप्रैल से शुरू हो जाएगा. पेरेंट्स को फिर मनमानी फीस देकर बच्चों का एडमिशन कराना होगा. इससे पेरेंट्स भी परेशान है.

वर्जन

वीरेंद्र सिंह, डीएम

Posted By: Radhika Lala