क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होते ही राजधानी के विकास कायरें पर ब्रेक लग गई है. अब सिर्फ वही विकास कार्य हो सकेंगे जिनके वर्क ऑर्डर जारी हो चुके हैं. इनके अलावा जहां नए उद्घाटन हुए हैं पर उनके वर्क ऑर्डर जारी नहीं हुए वे काम भी रुक जाएंगे. सत्ता पक्ष में बैठे नेताओं के लिए यह और भी चुनौती है अब उन्हें एक आम व्यक्ति की तरह काम करना पड़ेगा. वे अब राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. आचार संहिता के कारण निगम के कई टेंडर बीच में ही लटक गए हैं. जिला प्रशासन के नए टेंडर नहीं लग पाएंगे. जो टेंडर पहले ही लगाए जा चुके हैं, वो अब आचार संहिता खत्म होने के बाद ही खुलेंगे.

स्मार्ट सिटी का काम भी रुका

रांची स्मार्ट सिटी का काम पहले से ही सुस्त चल रहा है. अब 3 महीने तक नया काम बंद हो जाएगा. हालांकि एक सप्ताह पहले ही कमांड कंट्रोल एरिया का काम अलॉट कर दिया गया है, उसका काम शुरू हो जाएगा. लेकिन इसके बाद कोई भी नया काम शुरू नहीं हो पाएगा, ना तो कोई नया टेंडर जारी होगा ना ही कोई नया काम शुरू हो पाएगा. जबकि रांची स्मार्ट सिटी में कई सारे काम पेंडिंग हैं और कई सारे कामों का टेंडर फ ाइनल प्रॉसेस में आ चुका है, बस टेंडर होना है लेकिन अब वो 3 महीने पीछे चला गया है. कोई भी नया काम यहां पर मई महीने के बाद से यानी जून महीने में ही शुरू हो पाएगा.

हरमू फ्लाईओवर

पूरे साल चर्चा में रहने वाला हरमू फ्लाईओवर का काम भी अचार संहिंता के फेर में उलझ कर रह गया है. इस फ्लाईओवर को बनाने के लिए कई बार डिजाइन में चेंज किया गया है, कई बार डिजाइन बनाने के लिए कंसल्टेंट भी बदल दिए गए लेकिन अब तीन महीने तक यह काम पूरी तरह से ठप हो जाएगा. ना तो इस फ्लाईओवर के लिए टेंडर हो पाएगा ना ही कोई नई कंसल्टेंट एजेंसी चयन की जा सकेगी. अब जून महीने के बाद से ही इस फ्लाईओवर का काम शुरू हो सकता है.

नहीं खुल पाएंगी शराब दुकानें

अब 74 दिनों तक शराब दुकानों की बंदोबस्ती भी नहीं की जाएगी. 5 मार्च को उत्पाद विभाग द्वारा शराब दुकानों की बंदोबस्ती कर दी गई, इसकी लॉटरी भी निकाल दी गई है और लोगों को 5 दिन का समय दिया गया था पैसा जमा करने के लिए. लेकिन अब आचार संहिता लगने के बाद जिन लोगों को शराब दुकान अलॉट किया गया है उनको अभी खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी. अब शराब दुकान खोलने के लिए जून तक का इंतजार करना होगा.

कई रोड-नाली के टेंडर भी फंसे

रांची नगर निगम द्वारा शहर की कई सड़कों और नालियों का टेंडर प्रॉसेस होने वाला था, लेकिन आचार संहिता होने के कारण ये सभी फं स गए. इसी तरह जिला प्रशासन द्वारा भी कई ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों पुलों का टेंडर फ ाइनल प्रॉसेस में था, जो अब जून महीने में ही हो पाएगा.

शुरू नहीं होगा तारामंडल

चिरौंदी में साइंस सिटी के पास तारामंडल लगभग बनकर तैयार है. दो महीने के अंदर इसका उद्घाटन होना था, लेकिन अब यह रुक गया. साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन काउंसिल की ओर से बनाए जा रहे इस तारामंडल का काम अब अंतिम चरण में है. इलेक्ट्रिफिकेशन का काम चल रहा है. विदेशों से मंगाए गए सभी जरूरी इक्विपमेंट्स असेंबल हो चुके हैं. विभाग और काम करने वाली एजेंसी ने तय किया था कि मार्च महीने से इस तारामंडल को आम लोगों के लिए शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन आचार संहिता के कारण मामला फंस गया. चिरौंदी में बन रहे इस तारामंडल की लागत 26 करोड़ रुपए है. 15 स्क्वॉयर मीटर में बन रहे इस तारामंडल का निर्माण नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम की देखरेख में हो रहा है. झारखंड सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी के डिपार्टमेंट के अधिकारियों को कहना है कि तारा मंडल का सिविल वर्क का काम जल्द ही पूरा होने वाला है, गुंबद का निर्माण भी पूरा हो गया है.

रिम्स एडमिनिस्ट्रेशन बिल्डिंग का उद्घाटन टला

रिम्स में सालों बाद व्यवस्था बदलने जा रही है. जहां 60 साल के बाद रिम्स की अलग एडमिनिस्ट्रेशन बिल्डिंग होगी. वहीं एक ही छत के नीचे मंत्री से लेकर अधिकारियों के बैठने की व्यवस्था होगी. इतना ही नहीं, स्टूडेंट्स सेक्शन का भी अलग आफिस होगा. इस भवन का उद्घाटन इस महीने होना था, लेकिन आचार संहिता के चक्कर में यह फंस गया. हॉस्पिटल से अलग इस बिल्डिंग का निर्माण 22 करोड़ रुपए से कराया गया है.

Posted By: Prabhat Gopal Jha