टेंट में रुके श्रद्धालुओं की भी नहीं सुन रही थी पुलिस उन्हें बाहर भेजने पर अड़ी रही.

- कई जगह श्रद्धालुओं व पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद तीन बजे दी गई थोड़ी राहत
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PRAYAGRAJ: शनिवार की शाम अचानक श्रद्धालुओं की संख्या में फ्लो आ गया। यह देख पहले से प्लानिंग कर बैठी पुलिस एक्शन में आ गई। जगह-जगह लोहे से बने शटर नुमा बैरियर लगा दिए गए। इस बैरियर पर खड़े जवान श्रद्धालुओं को काली सड़क होते हुए मेला क्षेत्र की तरफ मोड़ने लगे। भीड़ बढ़ी तो मेला एरिया को पूरी तरह से सील कर दिया गया। चार पहिया वाहन तो दूर, बाइक पर भी पाबंदी लगा दी गई। मेला से बाहर आने पर भी पहरा बैठा दिया गया। पुलिस ने पब्लिक को झांसा देना शुरू किया। इस झांसे से परेशान श्रद्धालु रविवार को भी दिन भर झल्लाते रहे। हम बात कर रहे हैं कुंभ मेला में बसंत पंचमी स्नान पर्व पर ट्रैफिक सिस्टम व पुलिस व्यवस्था एवं परेशान श्रद्धालुओं की।

पांच से दस किमी का चक्कर
सूरज पूरी तरह से ढल चुका था। शनिवार को रात करीब 12 बज रहे थे। चारों तरफ से रेंगते हुए श्रद्धालुओं का जत्था मेला की तरफ बढ़ रहा था। काली सड़क पर पैदल चल कर थक चुके श्रद्धालु धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे। दारागंज साइड काली सड़क के पास मेन रोड पर बैरियर लगा था। पुलिस के जवान सभी को काली सड़क की तरफ मोड़ रहे थे। श्रद्धालु रेंगते हुए मेला क्षेत्र पहुंचे। यहां चारों तरफ बैरियर लगा कर खड़े जवान श्रद्धालुओं को सीधे जाने का इशारा करते रहे। उनके बताए दिशा की ओर श्रद्धालु बढ़े तो आगे फिर उन्हें रोक दिया गया। जवान कह रहे थे इधर से नहीं भाई, उधर से जाईए। भीड़ फिर पीछे लौटी तो उन्हें दोबारा उसी तरफ जाने को कहा गया। पुलिस के इस झांसे से परेशान कई श्रद्धालु झल्ला से गए। वे जवानों से बहस के मूड में आ गए। इससे ठंड में पैदल चल रहे श्रद्धालुओं का मूड पूरी तरह ऑफ नजर आया। फिलहाल सामने दिख रहे घाट तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र में घुमा-घुमा कर पांच से दस किलोमीटर टहलाया गया। कई जगह तीखी झड़प की खबर मिलते ही अधिकारियों ने अलोपीबाग फ्लाई ओवर के नीचे से लेकर मेला क्षेत्र तक कई जगह लगाए बैरियर को खुलवा दिया। इसके बाद श्रद्धालुओं ने राहत की सांस ली।

रोड पकड़ो और बाहर निकलो
किसी तरह स्नान कर लौट रहे तमाम श्रद्धालुओं को टेंट तक पहुंचने में भी लोहे के चने चबाने पड़े। पुलिस उन्हें काली सड़क का रास्ता दिखाते हुए मेला क्षेत्र से बाहर यानी सिविल लाइंस भेजने की जिद पर अड़ी थी। जबकि वे अपने टेंट की तरफ जाने की बात करते रहे। जवान उनकी सुनने को तैयार नहीं थे। इनमें से कुछ श्रद्धालु जोखिम भरे रास्ते नाली व नाला पार कर टेंट तक पहुंचे।

टूट ही गया सब्र का बांध

- एक ही रास्ते पर कई बार घूम कर पहुंचे कुछ श्रद्धालुओं के सब्र का बांध रात करीब दो बजे टूट गया।

- ओल्ड कैंट जीटी मार्ग पर तैनात जवानों से करीब दर्जन भर श्रद्धालुओं की तगड़ी बहस हुई।

- शास्त्री पुल के पास व पांटून पुल नंबर पांच छह व 13 पर भी श्रद्धालुओं को जवानों से तीखी झड़प करनी पड़ी।

- श्रद्धालुओं के मूड को देखते हुए जवानों ने उनके सामने झुकने में ही अपनी भलाई समझी

 

 

Posted By: Inextlive