- सावन के पहले दिन शिवालयों में उमड़ा शिवभक्तों का सैलाब

GORAKHPUR : हर-हर महादेव ओम नम: शिवाय बम भोले सैटर्डे को पूरा शहर शिव भक्तों के उद्घोष से गूंज उठा। सावन के पहले दिन हर तरफ भोले भंडारी के भक्तों की धूम रही। शिवालयों में पौ फटने से पहले ही भक्तों की लंबी कतारें लग चुकी थीं। महादेव झारखंडी, मुक्तेश्वर नाथ मंदिर और अन्य शिवालयों पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भांग, धतूरा, बेलपत्र और गाय के दूध की जबरदस्त डिमांड रही। सावन के सोमवार को होने वाली भारी भीड़ को कंट्रोल करने के लिए जिला प्रशासन, जीएमसी और पुलिस मुस्तैद है।

होगी हर हरकत पर नजर

सावन के दौरान भक्तों की भारी भीड़ को कंट्रोल करने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लगाई गई है। बड़ी संख्या में पुलिस-पीएसी के जवान तैनात हैं। महादेव झारखंडी मंदिर में आगामी सोमवार को होने वाली भीड़ को देखते हुए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए एसएसपी ने हर शिवालय में सुरक्षा के कड़े इंतजाम के निर्देश भी जारी कर दिए हैं।

क्या है 16 सोमवार का महत्व

पं। शरद चंद्र मिश्र ने बताया कि सोमवार का संबंध भगवान शिव से है। सोमवार के स्वामी चंद्रमा हैं। चंद्रमा भगवान शिव के ललाट में स्थित है इसलिए सोमवार को पूजा अर्चना से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न होते हैं। यद्यपि वर्ष के सभी सोमवार को भगवान शिव की आराधना होती है परंतु श्रावण के सोमवार का विशिष्ट महत्व है। इसी माह में पार्वती ने शिव जी को प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी इसलिए यह महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इस वर्ष श्रावण महीने में चार सोमवार क्रमश 3 अगस्त, 10 अगस्त, 17 अगस्त और 24 अगस्त को है। चारों सोमवार के दिन विशिष्ट योग बन रहा है। पहले सोमवार को अमृत नाम का औदायिक योग है। दूसरे सोमवार को आनंद योग है। तीसरे सोमवार को ध्वज योग और चौथे सोमवार को पद्म नाम का महायोग है। इसलिए चारों सोमवार के दिन व्रत और पूजन का अत्यंत महत्व रहेगा। पहले सोमवार के पूजा से समृद्घि, दूसरे सोमवार के व्रत से मनोकामना की पूर्ति, तीसरे सोमवार के व्रत से समस्त दुखों का निवारण और चौथे सोमवार के व्रत से पापों का क्षय एवं भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

Posted By: Inextlive