व्रत पूजा उपवास से न केवल हमारा मानसिक विकास होता है बल्कि हम अपने ऊपर नियंत्रण रखने में भी सक्षम हो जाते हैं। हम नित जीवन से हटकर जब कुछ थोड़ा अलग करते हैं तो हमारी जीवन चर्या में दिनचर्या में बदलाव आ जाता है।


आप 1 दिन भोजन ना करके किसी भूखे व्यक्ति को भोजन खिला सकते हैं। उपवास रखने पर हमें अन्य का महत्व समझ में आ जाता है।देव सेन एकादशी सी देवोत्थान एकादशी की विश्राम का महत्व विश्राम का हमारे जीवन में एक विशेष महत्व है। थका हुआ मन कोई भी विशिष्ट कार्य नहीं कर सकता है। मनुष्य का मन और तन जब तक थका हुआ है, तब तक वह घर-परिवार, समाज, राष्ट्र को अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान नहीं दे सकता। यदि तनाव दूर करने के लिए हम किसी यात्रा पर जाते हैं, तो इसका सीधा उद्देश्य आप अपने मन को विश्राम दे रहे हैं। इस चातुर्मास के विश्राम से हम भरपूर ऊर्जा के साथ अपने कार्यों में लग जाते हैं और श्रीहरि का चयन भी इसी तथ्य को दर्शाता है। हम जीवन में विश्राम और अन्य का महत्व समझें यही देश है, एकादशी का महत्व है।


12 जुलाई को देवशयनी एकादशी, जानें इस हफ्ते पड़ने वाले सभी व्रत त्योहारों के बारे में

एकादशी पर एक निश्चित विश्राम के बाद भरपूर ऊर्जा के साथ अपने कार्य क्षेत्र में लगे रहना चाहिए। चातुर्मास में आम लोगों को स्वास्थ्य का ख्याल भी रखना चाहिए।पुराणों के अनुसार चातुर्मास मी शरीर की जठराग्नि कमजोर हो जाती है, जिसकी वजह से शरीर में विभिन्न तरह के वायरस प्रवेश कर जाते हैं। चित्र मास के बीच में ही पाने वाले सावन के महीने में लोगों को खास ख्याल रखना चाहिए। व्यास करण सावन के महीने में पधार भोजन करने से बचना चाहिए। 4 में भगवान विष्णु नक्क्षत्र दर्शन के बाद जो भोजन करता है वो आप ठीक और मानसिक रूप से स्वास्थ रहता है।

Posted By: Vandana Sharma