PATNA: बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कानून-व्यवस्था को लेकर देश में पहला प्रयोग किया है। यह प्रयोग है प्रदेश पुलिस के आला अफसर के अधिकार को लेकर जिसे चार भागों में बांटकर अन्य प्रदेशों के लिए नजीर पेश की गई है। अलग-अलग विंग्स बनाकर प्रदेश पुलिस की कमान संभालने का यह ट्रिक न सिर्फ कानून-व्यवस्था में सुधार लाने वाला है बल्कि क्विक एक्शन से आम जनता में भी पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ाने वाला होगा। बिहार को छोड़ देश के किसी भी प्रदेश में ऐसा प्रयोग नहीं किया गया है जिससे पुलिस में बड़ा परिवर्तन आया हो।

पावर नहीं बांटते डीजीपी

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि डीजीपी का पद पाने के बाद आईपीएस पूरा पावर अपने हाथ में रखते हैं। वह इसका विकेंद्रीकरण नहीं करते हैं जिससे वह हमेशा काम में उलझे रहते हैं। काम का बोझ ऐसा होता है कि कानून व्यवस्था से लेकर पुलिस में सुधार को लेकर किसी ठोस प्लान पर काम नहीं हो पाता है। काम और फाइलों के जाल में फंसकर डीजीपी ऑफिसों में कैद होकर रह जाते हैं और फिर वह प्रदेश की पुलिस के लिए कुछ विशेष नहीं कर पाते हैं। देश के हर प्रदेश में डीजीपी के साथ यही हाल है जिसे बिहार में तोड़ने का काम किया गया है।

ऐसे किया बड़ा बदलाव

डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने प्रदेश पुलिस में बड़ा बदलाव करते हुए अपने पावर को चार सेल बनाकर बांट दिया। हर सेल में तैनात विश्वसनीय अफसरों को पावर देते हुए निर्णय लेने का अधिकार दे दिया। इसके लिए उन्होंने डीजी कंट्रोल रुम के साथ-साथ अन्य विंग्स को एक्टिव कर अफसरों की तैनाती की।

कार्रवाई के लिए लेटर काफी

बिहार पुलिस के इस बड़े बदलाव को लेकर ऐसी व्यवस्था बनाई गई है कि आप एक पत्र डीजीपी के नाम भेज देंगे तो संबंधित मामले में जांच हो जाएगी। व्यक्तिगत मामलों को छोड़ इसमें हर मामलों पर कार्रवाई होगी। पुलिस की अपराधियों के साथ संलिप्तता हो या अन्य कोई क्राइम हो उसकी सूचना देकर पब्लिक कार्रवाई करा सकती है। शिकायत करने वाले का नाम पता गुप्त रखते हुए डीजी टीम कार्रवाई करेगी।

चार प्रयोग से बड़ा बदलाव

डीजी टीम से पुलिस हेडक्वार्टर में कार्रवाई का दायरा बढ़ा है। डीजी सेल में डीजीपी के चार विश्वसनीय अफसर होंगे जो हर गोपनीय शिकायत पर कार्रवाई करने को तैयार होंगे। हर पत्र डीजीपी के सामने खोला जाएगा बस सूचना देने वाले को जानकारी सही देनी होगी। इसी तरह डीजी रेड की व्यवस्था बनाई गई जिसमें अफसरों की टीम पूरे प्रदेश में क्रास चेकिंग करेगी। इसी क्रम में डीजी बॉक्स है जो महिला सुरक्षा में बड़ी कड़ी है। यह बॉक्स कॉलेजों में घूमेगा जिसमें बेटियां छेड़खानी के साथ अन्य गोपनीय शिकायत कर कार्रवाई करा सकती हैं। बॉक्स की चाबी अफसरों के हाथ में होगी।

ऐसे काम कर रहा है नया स्ट्रक्चर

-विश्वसनीय अफसरों की टीम बनाकर नई जिम्मेदारी दी गई।

-अब पुलिस मुख्यालय के जितने भी नीतिगत निर्णय होंगे वह अकेले डीजीपी नहीं लेंगे।

-पुलिस मुख्यालय के निर्णय अब डीजी टीम लेगी।

-डीजी टीम में तैनात किए गए हैं आधा दर्जन डीजी और एडीजी।

-हर अफसर सिस्टम का हिस्सा होगा और निर्णय लेने में पूरी तरह स्वतंत्र होगा।

बिहार पुलिस में मैंने बड़ा बदलाव करते हुए देश का पहला प्रयोग किया है। इस प्रयोग में अपने पावर को बांटकर पुलिस और पब्लिक का हाथ मजबूत किया है। इस प्रयोग से आम जनता का विश्वास बढ़ा है साथ में हेडक्वार्टर में भी काम का अलग सिस्टम बना है। फ्यूचर में इस बदलाव का असर दिखेगा।

-गुप्तेश्वर पांडेय, डीजीपी, बिहार

Posted By: Inextlive