Sedentary lifestyle poor diet over weight results in health problems like diabetes.

इंटरनेशनल डायबिटीक फेडरेशन (आईडीएफ) के लेटेस्ट डाटा के मुताबिक वल्र्ड में डायबिटीज के सबसे ज्यादा करीब 5 करोड़ पेशेंट्स इंडिया में हैं. आईडीएफ के अकॉर्डिंग साल के अंत तक करीब 7 परसेंट इंडियन एडल्ट डायबिटीज की चपेट में होंगे.
What is Diabetes?

डायबिटीज कोई डिसीज नहीं है बल्कि यह ऐसी बॉडी कंडीशन है जहां पैंक्रियाज ग्लैंड्स में इंसुलिन हॉर्मोंस का प्रॉपर प्रोडक्शन नहीं होता है. इंसुलिन बॉडी सेल्स को ग्लूकोज एब्जार्ब करने में हेल्प करती है ताकि वह इसे एनर्जी में कन्वर्ट कर सके. डायबिटीज ब्लड में ग्लूकोज को बढ़ाता है इसलिए इसे ब्लड शुगर भी कहते हैं.
Types of diabetes
डायबिटीज तीन तरह ही होती है... 
Diabetes Mellitus Type 1
 यह तब होता है जब बॉडी के सेल्स इंसुलिन का प्रोडक्शन नहीं कर पाते है.
Diabetes Mellitus Type 2
इसमें बॉडी तो सफिशिएंट इंसुलिन का प्रोडक्शन करती है लेकिन सेल्स इसका यूटिलाइज नहीं कर पाते.
Diabetes Insipidus
 इस कंडीशन में बहुत ज्यादा यूरीन बाहर आता है. यह जनरली किडनी और पिट्यूटरी ग्लैंड के डैमेज होने से होता है.
Diabetes affects many organs

डायबिटीज केवल ब्लड शुगर लेवल को ही अफेक्ट नहीं करता बल्कि लम्बे वक्त के बाद यह हार्ट, किडनी, आईज और आर्टरीज पर भी असर डालता है. इसकी वजह से हार्ट अटैक, किडनी फेल्योर, ब्लाइंडनेस, स्ट्रोक, कॉम्प्लेक्स फुट इन्फेक्शन और आर्टरीज ब्लॉकेज की प्रॉब्लम्स आती है.
Symptoms of diabetes:
•आंखों से धुंधला दिखाई देना.
•बहुत तेज प्यास लगना.
•तेजी से वेट लॉस होना.
•कट्स होने पर घाव बहुत धीमे भरना.
•पैरों का सुन्न होना.
Cause of Diabetes:

•Hereditary
यह एक से दूसरे जेनरेशन में ट्रांसफर होता है. अगर मदर डायबिटीक है तो रिस्क के चांसेज 2 से 3% तक होते हैं. अगर फादर है तो चांसेज बढ़ जाते हैं, अगर दोनों हैं तो बच्चे में डायबिटीज के ज्यादा चांसेज हैं.
•Age
हालांकि यह किसी एज में हो सकता है लेकिन 80% केसेज 50 की उम्र के बाद ही आते हैं.
•Obesity and fat distribution

ओवरवेट होने से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ जाता है.
•Stress
फिजिकल इंजरी या इमोशनल डिस्टर्बेंस भी डायबिटीज की शुरुआती वजहों के लिए जिम्मेदार होता है.

Precautions:

•डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज पर खास ध्यान रखें
•30 से 45 मिनट तक बिस्क वॉक करें.
•डायबिटिक आइडेंटिटी हमेशा अपने साथ रखें.
•मंथली वेट चेकअप और इयर्ली हर्ट चेकअप कराएं
•हमेशा हार्ड शोल वाले शूज या स्लीपर पहनें.
-डॉ. ब्रिज मोहन,डायबिटोलॉजिस्ट,कानपुर
 
Are you Pre-diabetic?
प्री-डायबिटीज नॉर्मल और डायबिटीज स्टेज के बीच का स्टेज है. यह डायबिटीज का अलार्मिंग साइन है.

Symptoms:

प्री-डायबिटीज के सिम्पटम्स डायबिटीज जैसे ही होते हैं.
People in risk zone
 अगर आप प्री-डायबिटिक होने के साथ ओवरवेट हैं, फैमिली में कोई डायबिटिकहै या आप डिप्रेशन में रहते हों तो अलर्ट हो जाएं. आप में डायबिटीज के चांसेज ज्यादा हैं.
Causes: सही वजह का अभी पता नही है लेकिन ओवरवेट, बॉडी में फैटी टिश्यू और सिडेंटरी लाइफ स्टाइल को इसका रिलेटिंग फैक्टर माना जाता है.
Prevention: अपनी डाइट में लो फैट और लो कैरोजी के साथ ताजे फल और सब्जियां शामिल करें. फिजिकली एक्टिव रहें. वॉक के लिए जाएं, ज्यादा से ज्यादा स्टेयर्स का यूज करें. आधा घंटा वक्त एक्सरसाइज के लिए निकालें.  आइडियल बॉडी वेट गेन करें.
Doctor says

‘डायबिटीज किसी को भी किसी उम्र में हो सकता है लेकिन अगर आपकी उम्र  45 से ज्यादा हैं तो आपको अपना चेकअप रेग्युलर कराना चाहिए.’
-डॉ. ब्रिज मोहन, डायबिटोलॉजिस्ट

45+ Alert : Go for regular check up

1.Weight: Every regular visit
2.Blood pressure: Every regular visit
3.Haemoglobin A1c: Every 3—6 months
4.Cholesterol: Usually once a year
5.Triglycerides: Usually once a year (a type of blood fat)
6.Foot check: At least once a year
7.Dilated eye exam: Usually once a year
8.Urine micro albumin: Once a year (a kidney test)
9.Blood glucose: Every regular visit
Follow the healthy lifestyle
‘दूसरी हेल्थ प्रॉब्लम्स के कम्पैरिजन में डायबिटीज के पेशेंट के लिए अच्छी बात यह है कि यह बहुत स्लो प्रोग्रेस करता है. अगर आप खुद को लेकर अलर्ट हैं तो अलार्मिंग सिचुएशन कभी नहीं आएगी. इसके अलावा डायबिटीज को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता. इसे हेल्दी लाइफस्टाइल से मैनेज किया जा सकता है.’
-डॉ. नंदिनी रस्तोगी, फिजीशियन एंड डायबिटोलॉजिस्ट

Posted By: Surabhi Yadav