-हर रोज 40 मिनट तेज टहलना जरूरी

-ज्यादा दवाएं खाने, तनाव रखने से कम उम्र में बुढ़ापे की बीमारियां

LUCKNOW: डायबिटीज होने पर भी व्यक्ति अच्छी जिंदगी जी सकता है। इंसुलिन लेना शुरू किया है तो वह जीवन भर लेनी पड़े ऐसा भी नहीं है। शुगर लेवल सामान्य होने पर डॉक्टर की सलाह से इसे लेना बंद किया जा सकता है। छोटी छोटी समस्याएं होने पर दवाएं लेने और तनाव रखने पर कम उम्र में ही बुढ़ापे की समस्याएं हो सकती है। ये दिमाग की समस्याओं को बढ़ाती हैं। एसीपी इंडिया चैप्टर की ओर से मेडिसिन 2018 कांफ्रेंस में रविवार को डॉक्टर्स ने यह जानकारी दी।

कोट-

खाने में कम कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट लें

डायबिटीज का इलाज ही पर्याप्त नहीं है। लाइफ स्टाइल भी नार्मल रहनी जरूरी है। डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए मरीज की क्वालिटी ऑफ लाइफ बेहतर होनी चाहिए। मरीज खुश और संतुष्ट रहने भी जरूरी हैं। भारतीय खाने में करीब 80 फीसद कार्बोहाइड्रेट होता है जबकि एक स्वस्थ व्यक्ति को उसके खाने में 65 फीसद कार्बोहाइड्रेट की ही जरूरत होती है। दवाएं ऐसी हों जो कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को कम करें। रात के खाने के दो घंटे बाद शुगर जरूर चेक करें इस समय ब्लड शुगर सबसे अधिक होता है।

डॉ। अनुज महेश्वरी

इंसुलिन हमेशा लेना पड़े यह जरूरी नहीं

डायबिटीज की समस्या को इंसुलिन के इंजेक्शन देकर इसे नियंत्रित कर सकते हैं। यह गलत है कि एक बार इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पर इसे जीवन भर लेना पड़ता है। मरीज का ब्लड शुगर नार्मल हो जाए तो इसे छोड़ सकते हैं। आमतौर पर फिजीशियन मरीजों को इंसुलिन तब देते हैं जब सारे ऑप्शन खत्म हो जाते हैं, लेकिन हमें इसे सही समय पर शुरू कर देना चाहिए। विश्व मे पहली बार 14000 फिट की ऊंचाई पर भी मरीजों को इंसुलिन दिया जाता है।

डॉ। जतिन्द्र कुमार मुक्ता

20 मिनट तक दर्द बना रहे तो डॉक्टर्स को दिखाएं

हर चेस्ट पेन का मतलब हार्ट अटैक का दर्द नहीं होता। चेस्ट में तेज दर्द हो और वह हाथों की ओर जा रहा हो, करीब 20 मिनट तक दर्द बना रहे व कोई भी काम करने में परेशानी व सांस की कमी हो रही हो तो डॉक्टर को दिखाएं। यह दर्द हार्ट अटैक का होता है। युवाओं में विभिन्न प्रकार के फूड सप्लीमेंट हार्ट अटैक के कारण बन रहे हैं। वेट लिफ्टिंग और भारी एक्सरसाइज आम आदमी के लिये सही नही है। युवा लोगों के लिए सबसे अच्छा है कि वो एक किलोमीटर की दूरी 10 मिनट में टहलें।

डॉ। केके तलवार

योग बचाएगा दोबारा इलाज से

होलिस्टिक मेडिसिन से हम शारीरिक विकारों को दूर कस सकते हैं। मानव केवल शरीर नही है बल्कि वो माइंड और शरीर का मिश्रण है। योगा से हम मन की चंचलता, उसके विकारों को दूर कर सकते हैं। लाइफ स्टाइल से संबंधित बीमारियां सबसे ज्यादा मौत का कारण बन रही हैं। इंडो यूके स्टडी 4000 ऐसे मरीजों पर किया गया है जिनको स्टंट लग चुका था। ऐसे मरीजों को दवा के साथ योग पर भी रखा गया। इसका परिणाम यह आया कि इन मरीजों में दोबारा ब्लॉकेज की समस्या नही आई।

डॉ। एससी मनचंदा

डॉक्टर्स को दें सही जानकारी

डायबिटीज के 50 परसेंट मरीजों और हार्ट डिजीज के 24 से 27 परसेंट मरीजों को ऑस्टियो अर्थराइटिस होती है। ऑस्टियो अर्थराइटिस के 24 से 25 परसेंट मरीजों में प्री मेच्योर डेथ का भी रिस्क होता है क्योंकि ऑस्टियो अर्थराइटिस के मरीज ब्रिस्क वाकिंग नही कर सकते जबकि हार्ट और मधुमेह की दिक्कतों से बचने के लिए यह जरूरी है। ऑस्टियो अर्थराइटिस में जिन नान स्टेरॉइडल एन्टी इन्फ्लामेट्री दवाओं को दिया जाता है ऐसी दवाओं से हार्ट की बीमारी ज्यादा होती है। डॉक्टर को अपनी बीमारियों की सही जानकारी दें ताकि उन्हें ये दवाएं न दी जाएं।

डॉ। सिद्धार्थ दास

बाक्स

बांग्लादेश ने बनाई गाइडलाइंस

निपाह वायरस पर कुछ समय पहले काफी दहशत थी। एशिया में मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, इंडिया और बांग्लादेश प्रभावित हुए थे। इसके इलाज के लिए गाइडलाइंस बांग्लादेश ने बनाई थी। डॉ। एचएएम नजमुल हसन ने बताया कि इसमें 75 फीसद लोगों की मौत हो जाती है। उन्होंने कहा कि निपाह, डेंगू, चिकुनगुनिया जैसी बीमारियों को भारत और बांग्लादेश को मिलकर गाइडलाइन बनानी चाहिए। कांफ्रेंस में 1150 से अधिक डेलीगेट्स ने भाग लिया।

Posted By: Inextlive