अगर आप किसी मुसीबत में है और पुलिस की मदद चाहते हैं तो आप क्या करेंगे? जाहिर है पुलिस कंट्रोल रूम यानि 100 नंबर पर फोन करके पुलिस को मदद के लिए बुलाएंगे लेकिन ऐसा करने से पहले होशियार हो जाएं. क्योंकि हो सकता है कि आपकी इस हरकत से आपके नजदीकी थाने के थानेदार या बीट के दरोगा को बुरा लग जाए. आप भी सोच रहे होंगे पुलिस कंट्रोल रूम में फोन करने पर थानेदार या दरोगा को क्यों बुरा लगेगा. लेकिन ऐसा है जनाब. दरअसल शनिवार को ऐसा ही वाकिया हुआ जैतपुरा के रमेश बदला हुआ नाम के साथ. रमेश का सम्पत्ति को लेकर पट्टीदारों से विवाद चल रहा था. इसी बीच उसने 100 नंबर पर सूचना दे दी. लेकिन रमेश को अपनी इस गलती का खामियाजा पूरा दिन थाने में बैठकर गुजारना पड़ा. मदद की आस लगाये रमेश को एसओ ने डपटते हुए कहा कि 100 नम्बर पर क्यों फोन क्यों किया? बेचारे की मदद की जगह फजीहत हो गई.


VARANASI: जैतपुरा के रहने वाले रमेश का घर के एक कमरे को लेकर पट्टीदारों से विवाद चल रहा था। इसी को लेकर पट्टीदारों ने शनिवार को कमरे पर ताला जड़ दिया। रमेश घर पहुंचा तो दोनों पक्षों में मारपीट की नौबत आ गई। इसे देखते हुए रमेश ने इसकी सूचना 100 नंबर पर दे दी्। सूचना मिलने के थोड़ी देर बाद ही पुलिस के दो जवान रमेश के साथ दूसरे पक्ष के लोगों को उठाकर थाने ले गए। सुबह लगभग 10 बजे थाने में पहुंचे रमेश को पूरा दिन उसके परिवार वालों से मिलने नहीं दिया गया। देर शाम थानेदार थाने पहुंचे और रमेश को बुलाकर पूछताछ करने लगे। रमेश ने कहा कि मैंने तो 100 नंबर पर सिर्फ सूचना दी थी तो मुझे पूरा दिन आपने क्यों थाने पर बैठाये रखा। ये सुन थानेदार भड़क गए और उन्होंने जवाब दिया कि तुमने मुझे फोन न करके 100 नंबर पर फोन क्यों किया? अगर ऐसा करोगे तो थाने में तो समय बिताना ही पड़ेगा।फास्ट है कंट्रोल रूम
भले ही थानेदार या बीट के दरोगा कंट्रोल रुम में फोन करने से भड़क रहे हो लेकिन असल में कंट्रोल रूम है बहुत फास्ट। इस रियलिटी को चेक करने के लिए आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने भी जनरल पब्लिक बनकर पुलिस कंट्रोल रूम में फोन करके मदद मांगी। लेकिन जिस फुर्ती से सूचना मिलते ही कंट्रोल रूम ने पास में मौजूद पुलिस कर्मी को मौके पर भेजा वो चौंकाने वाला था।हमने किया चेककंट्रोल रूम की तेजी को जांचने के लिए आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने सिटी के दो अलग-अलग स्पॉट्स से कंट्रोल रूम फोन कर पुलिस कंट्रोल रूम की स्पीड को चेक किया। पहला स्पॉट था कैंट स्टेशन के बाहर लगा जाम और दूसरा स्पॉट था हरिश्चन्द्र डिग्री कॉलेज, मैदागिन के बाहर बेतरतीब ढंग से खड़ी गाडिय़ों के चलते लगने वाला जाम। दोनों स्पॉट्स पर जाम की खबर मिलते ही कंट्रोल रूम ने पास में मौजूद पुलिसकर्मी को झट से स्पॉट पर पहुंचने को कहा। ये सुनते ही पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे और जाम खुलवाने में जुट गए।Spot-1प्लेस- कैंट स्टेशन के बाहर की रोडटाइम- दोपहर के 3 बजकर 34 मिनट वजह- बेढंग तरीके से ऑटो व बसेज खड़ा होने से जाम लगनारिपोर्टर- हेलो सर, मैं कैंट स्टेशन के बाहर से बोल रहा हूं।कंट्रोल रूम- जी बोलें।रिपोर्टर- सर, कैंट स्टेशन के बाहर रोड साइड बेतरतीब ढंग से ऑटो व बसेज लगी हैं। इस कारण जाम लगा है। धूप में बहुत परेशान हूं।


कंट्रोल रूम- क्यों वहां कोई पुलिस वाला नहीं है क्या?रिपोर्टर- सर, मुझे तो नहीं दिख रहा है, हो सकता है कि पुलिस वाला चौराहे पर हो।कंट्रोल रूम- अच्छा रुकिये, मैं चेक कराता हूं। ठीक है।रिपोर्टर- ठीक है सर।कंट्रोल रुम- वैसे मैं आपका शुभ नाम जान सकता हूं। रिपोर्टर- जी सर मेरा नाम हैSpot-2प्लेस- हरिश्चन्द्र डिग्री कॉलेज, मैदागिनटाइम- दोपहर के 1 बजकर 24 मिनटवजह- कॉलेज के बाहर इललीगल पार्किंग होने के कारण लगा जामरिपोर्टर- सर, मैं मैदागिन हरिश्चन्द्र कॉलेज के बाहर से बोल रहा हूं।कंट्रोल रुम- जी बताएं, क्या दिक्कत है?रिपोर्टर- सर दिक्कत तो कोई नहीं बस कॉलेज के बाहर कई जीप, ट्रैक्टर और बस लगी है। इससे रोड बिल्कुल ब्लॉक हो गई है और जाम लगा है।कंट्रोल रूम- अच्छा रुकिये मैं भेजता हूं किसी को।(लगभग तीन मिनट बाद ही फैन्टम दस्ते की बाइक मौके पर पहुंची और गाडिय़ों को हटवाते हुए जाम खुलवा दिया.)आईजी का असर है ये

अगर आपको ये लग रहा है कि कंट्रोल रूम हमेशा इतना फास्ट था तो आप गलत सोच रहे हैं, दरअसल पिछले दिनों आईजी बृजभूषण शर्मा कंट्रोल रूम ने कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया था और वहां मिली खामियों को जल्द दूर करने का निर्देश देते हुए कंट्रोल रूम को फास्ट होने को कहा। बस इसी के बाद से कंट्रोल रूम अपने असल रंग में लौट आया। नहीं तो इससे पहले पिछले दिनों शिवपुर में चेन स्नैचिंग और चोलापुर में लूट के बाद सूचना 100 नंबर पर देने के काफी देर बाद पुलिस मौके पर पहुंची थी।Report by: Gopal Mishra

Posted By: Inextlive