RANCHI: सिटी के लोगों के लिए मछली खाना खतरनाक हो सकता है। उनकी जान भी जा सकती है और फूड इंफेक्शन के मामले भी सामने आ सकते हैं। इसके पीछे कांके डैम में रोजाना हो रही मछलियों की मौत को बड़ी वजह माना जा रहा है। इन मरी मछलियों को बाजार में सस्ती दर पर बेचा जा रहा है जिसकी जानकारी नहीं होने पर ग्राहक आराम से इन मछलियों का सेवन कर ले रहे हैं। डाक्टरों का कहना है कि इन मछलियों के सेवन से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं और सेहत पर खतरनाक असर पड़ सकते हैं। अभी तक मछलियों की हो रही मौत के पीछे के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है और जब तक सारे जांच के बाद मछलियों की मौत का कारण साफ ना हो जाए तब तक कांके डैम की मछली का सेवन सेहत के लिए खतरनाक है।

ऑक्सीजन की कमी बड़ा कारण

डैम के पानी में सैकड़ों मछलियो की मौत के पीछे ऑक्सीजन की कमी एक बड़ा कारण हो सकती है। मरने वाली मछलियों में अधिकतर एक-डेढ़ किलोग्राम से लेकर छोटी मछलियां शामिल हैं। तेलपिया मछली भी मरी पाई गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि ऑक्सीजन के लिए हजारों मछलियां सतह के किनारे तड़पती नजर आ रही थीं लेकिन उन्हें बचाने का कोई उपाय नहीं था। आकाश में बादल होने व डैम में मछलियों की अधिकता की वजह से ऑक्सीजन की कमी होना बताया जा रहा है।

विभाग अलर्ट, कार्रवाई शुरू

मत्स्य निदेशक डॉ एचएन द्विवेदी ने जिला मत्स्य पदाधिकारी अरूप चौधरी, सुपरवाइजर आदि को स्थिति कंट्रोल करने का निर्देश दिया है। स्थिति सुधारने और ऑक्सीजन का लेवल बढ़ाने के लिए डैम के पानी में ऑक्सी मैक्स टैबलेट डाले जा रहे हैं। चूना छिड़काव और नाव चलवाए जा रहे हैं। साफ पानी भी डाला गया है।

समिति के प्रयोग तो फेल नहीं

कांके डैम में सीएमपीडीआइ की तरफ से मत्स्यजीवी सहयोग समिति द्वारा मछलियों का उत्पादन किया जा रहा है और यह घटना उन्हीं की मछलियों के साथ घटी है। जानकारों का कहना है कि डैम में जितनी मछली पालन की क्षमता है उससे अधिक मछलियों को डालकर फायदा कमाने का प्रयास किया जा रहा है। इय कारण इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।

वर्जन

ऑक्सीजन की कमी के कारण कुछ मछलियां ऊपर आ गई थीं। ज्यादा मछलियां नहीं मरी हैं लेकिन मछलियों की मौत तो हुई है। मछलियों को ऑक्सीजन मिलने लगा है और स्थिति पूरी तरह ठीक है।

बलराम, कांके डैम मत्स्यजीवी सहयोग समिति

डैम में मछलियों की अधिकता व क्लाउडी वेदर के कारण पानी में ऑक्सीजन का लेवल अचानक घट गया। डैम में बाहर से अधिक मछली खास कर तेलपिया मछली की स्टॉकिंग की गई है जो सरासर गलत है। बाहर से नालियों का पानी भी डैम में आता है। इससे डैम का पानी गंदा हो रहा है।

अरूप चौधरी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, रांची

Posted By: Inextlive