हार्निया, पाइल्स, फीशर और मेंटल इलनेस जैसी बीमारियों की वजह है कब्ज

अनियमित खान-पान, जंक फूड, डाइट में फल-सलाद की कमी बड़ी वजह

बुजुर्गो को दिक्कत ज्यादा, हर साल बढ़ रहे मरीज, 35-40 लाख का दवा कारोबार

BAREILLY:

पिछले हफ्ते बॉलीवुड की रिलीज हुई फिल्म 'पीकू' के मेन कैरेक्टर भास्कर बनर्जी यानी अमिताभ बच्चन को कॉन्सि्टपेशन की जिस प्रॉब्लम ने सिल्वर स्क्रीन पर आपको खूब गुदगुदाया। वह प्रॉब्लम लाइफ स्टाइल व जंक फूड के चलते तेजी से सीरियस होती जा रही है। शरीर के डाइजेस्टिक सिस्टम को बिगाड़ देने वाली यह बीमारी अमूमन हर घर में किसी न किसी को अपनी चपेट में ले लेती है। वहीं इस बीमारी के इलाज पर शहर में होने वाले खर्च का आंकड़ा भी हर महीने लाखों में हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक चिंता की बात यह है कि यूथ भी इस बीमारी की जद में तेजी से आ रहा है।

हाई प्रोटीन डाइट नुकसानदेह

कब्ज की बड़ी वजह भोजन में हाई प्रोटीन डाइट का ज्यादा होना है। हाई प्रोटीन डाइट न सिर्फ देर से पचने वाला खाना है। बल्कि इससे मोशन के लिए जरूरी बल्क भी कम बनता है। बल्क कम होने से शरीर की बड़ी आंत में प्रेशर इफेक्ट कम होता है। जिससे खुलकर मोशन नहीं होता। ऐसे में डाइट में हाई प्रोटीन की बजाय फ्राइब्रस यानि फाइबर वाली चीजों के इस्तेमाल पर जोर दिया जाता है। शाकाहारी भोजन में बल्क बहुत ज्यादा बनता है। फाइबर वाली डाइट के रिसेप्टर्स से आंतों में प्रेशर इफेक्ट अधिक रहता है। जो नॉर्मल मोशन नॉमर्ल होने में मदद करता है।

इररेगुलर खान-पान वजह

डेली लाइफ में अनियमित खान-पान की बढ़ती आदत कब्ज की दिक्कत की सबसे बड़ी वजह है। डॉक्टर्स का कहना है कि ज्यादा तेल-मसाला व मिर्चदार भोजन करने से कब्ज की दिक्क्त में ब्0 परसेंट तक इजाफा होने की आशंका रहती है। वहीं जंकफूड भी कब्ज की दिक्कत की बड़ी वजह बन रहा है। जंक फूड में फाइबर न होने और प्रोटीन ज्यादा होने से कब्ज की दिक्कत बढ़ जाती है। भोजन में सलाद न लेना, फल न खाना और पानी कम पीना कब्ज होने की सिचुएशन बनाता है।

बुजुर्ग और जवान दाेनों बीमार

कब्ज की दिक्कत से सबसे ज्यादा बुजुर्ग परेशान रहते हैं। वजह बुजुर्गो का ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम उम्र बढ़ने के साथ बेहद कमजोर होता चला जाता है। इसके चलते उनका डाइजेस्टिव सिस्टम बिगड़ जाता है। वहीं डायबिटीज के मरीजों में भी कब्ज की परेशानी आम रहती है। बुजुर्गो के अलावा जवान भी तेजी से कब्ज की चपेट में आ रहे। मार्के टिंग व फील्ड से जुड़े प्रोफेशन के लोग जो खाना बाहर होटल-ढाबा में करते हैं और इसमें भी खानपान इररेगुलर होता हैं। या ऐसे लोग जिन्हें नौकरी के चलते घर से दूर अन्य शहर में रहना पड़ता है। उनमें भी कब्ज की दिक्कत आमतौर पर होती है।

दवाएं भी देती है कब्ज

बीमारियों के इलाज में यूज होने वाली कई दवाएं भी कब्ज का साइड इफेक्ट देने का काम करती हैं। खांसी के इलाज के लिए यूज होने वाले कफ सिरप से सबसे ज्यादा कब्ज होने की शिकायतें होती हैं। वजह कफ सीरप में इस्तेमाल होने वाला कोडीन आंतों के सिकुड़ने की वजह बनता है। इसी तरह ड्रग्स लेने वालों में भी बल्क के आसानी से मूव न होने से कब्ज की समस्या हो जाती है। वहीं आयरन की गोलियां भी कब्ज के होने की वजह बनती हैं।

बढ़ रहे मरीज और दवा की खपत

लाइफ स्टाइल में बदलाव के चलते इस बीमारी के शिकार पीडि़तों की तादाद में भी इजाफा होता जा रहा है। डॉक्टर्स के मुताबिक कब्ज के मरीजों के आधे से ज्यादा केसेज क्लीनिक तक नहीं आते। वजह बाजार में कब्ज की आयुर्वेदिक दवाओं व चूर्ण की भरमार होने से ज्यादातर मरीज सीधे मेडिकल स्टोर पहुंच जाते हैं। कब्ज की दिक्कतों से निजात दिलाने को दवा कंपनियां भी टीवी से लेकर अखबारों में विज्ञापन के जरिए कब्ज मरीजों को फौरन आराम देने का दावा कर रही। शहर में ही एलोपैथी व आयुर्वेद के टेबलेट, सिरप और चूर्ण की खपत का आंकड़ा बढ़ गया है। बाजार एक्सपर्ट के मुताबिक शहर में हर महीने लगभग फ्भ् से ब्भ् लाख रुपए की कब्ज की दवाएं व चूर्ण की बिक्री हो रही।

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कब्ज से होने वाली बीमारियां।

पाइल्स

हार्निया

फिशर

गुदा का आकार बढ़ जाना

मेंटल इलनेस जैसे चिड़चिड़ाहट, उलझन, गुस्सा व तनाव

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कब्ज की बड़ी वजह

मिर्च मसालेदार व तेल वाला भोजन ज्यादा

डाइट में रेशेदार भोजन व सलाद की कमी

फल को डाइट में शामिल न करना

जंक फूड का डाइट में ज्यादा इस्तेमाल

फिजिकल एक्टिविटी कम होना

रोजाना जरूरत से कम पानी पीना

शाकाहारी से ज्यादा नॉनवेज भोजन

भोजन में हाई प्रोटीन डाइट ज्यादा होने और शाकाहार कम होने से कब्ज की दिक्कत बढ़ती है। स्पाइसी व ऑयली भोजन कम करें। खाने में रेशेदार फल व सलाद का इस्तेमाल ज्यादा करें।

- डॉ। वीके धस्माना, फिजिशियन

बुजुर्गो का डाइजेस्टिव सिस्टम कमजोर होने से उनमें कब्ज की समस्या ज्यादा होती है। खान-पान अनियमित होना और जंक फूड भी कब्ज के मरीजों को हर साल लगातार बढ़ा रहा है।

- डॉ। अजय मोहन अग्रवाल, फिजिशियन

खांसी के सिरप व आयरन की गोलियों से भी कब्ज की दिक्कत बढ़ती है। इसके अलावा ड्रग्स लेने वाले भी इस बीमारी की चपेट में आते हैं। कब्ज बेहद गंभीर बीमारियों की वजह बनती है।

- डॉ। विजय सिंह, फिजिशियन

कब्ज की दवाओं की खपत हर साल तेजी से बढ़ रही है। हर महीने शहर में ही करीब फ्भ्-ब्भ् लाख रुपए की कब्ज की दवाएं बिक रही हैं। कब्ज के लिए आयुर्वेद व एलोपैथी दोनों ही दवाओं की बहुत मांग हैं।

- दुर्गेश खटवानी, प्रेसीडेंट, केमिस्ट एसोसिएशन

Posted By: Inextlive