देश के कुछ जिलों में 1 जनवरी 2015 से डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर स्कीम लागू होने जा रही है. इसके बाद सब्सिडी सीधे खाते में ही आएगी और लोगों को सिलेंडर की डिलेवरी होने पर सिलेंडर के बाजार भाव का भुगतान करना होगा. यदि उपभोक्‍ताओं ने अपने गैस कनेक्शन को बैंक खाते से लिंक नहीं कराया तो आने वाले समय में सिलेंडर महंगा पड़ेगा. विस्तृत जानकारी के लिए उपभोक्ता 18002333555 डॉयल कर‍के अपने सारे सवालों का जवाब पा सकते हैं.

लिंक कराएं गैस कनेक्शन
अब मोदी सरकार ने आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म करके गैस कनेक्शन को बैंक खाते से जोड़ने की योजना बनाई है. इस योजना को डायरेक्टर बेनिफिट ट्रांसफर ऑफ एलपीजी (डीबीटीएल) नाम दिया गया है. जो एक जनवरी से कुछ प्रदेशों में लागू हो जाएगी. इसलिए इस योजना के तहत सब्िसडी का लाभ पाने के लिए उपभोक्ताओं को अपना एलपीजी कनेक्शन बैंक से लिंक कराना होगा. खाता लिंक कराने के लिए 30 जून अंतिम तिथि रखी गई है. जून तक भी जो उपभोक्ता अपना गैस कनेक्शन बैंक खाते से लिंक नहीं करा पाए तो माना जाएगा कि उन्हें सब्सिडी की जरूरत नहीं है. आगे उन्हें बाजार भाव से ही गैस खरीदनी होगी.

 

30 जून तक होगा समय
बैंक खाता लिंक कराने के लिए उपभोक्ताओं को तीन मौके दिए गए हैं. पहला, वे 31 दिसंबर तक कनेक्शन को खाते से लिंक करवा लें. इसके बाद दूसरा पीरियड जनवरी से 31 मार्च तक रखा गया है. हालांकि इस दौरान उपभोक्ता को सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर मिलता रहेगा. इस पीरियड में भी उसने बैंक खाते से गैस कनेक्शन लिंक नहीं कराया तो 1 अप्रैल से 30 जून तक रहेगा पार्किंग पिरियड शुरू हो जाएगा. जिसमें खाता लिंक कराने का एक अंतिम सशर्त मौका होगा कि इस दौरान उपभोक्ता को नॉन सब्सिडी वाला सिलेंडर लेना पड़ेगा, लेकिन उसकी सब्सिडी गैस कंपनी के पास जमा रहेगी.

 

गैस डीलर को दे जानकारी
गैस कंपनियों के मुताबिक कि अगर उपभोक्ता के पास आधार कार्ड है तो वह यह आधार नंबर गैस डीलर और बैंक को देकर अपने रसोई गैस कनेक्शन को इस स्कीम से जोड़ सकते हैं. इसके साथ ही जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं वे उपभोक्ता बैंक खाते की जानकारी गैस डीलर को देकर या 17 अंक वाला एलपीजी आईडी नंबर भी बैंक को देकर इस योजना से जुड़ सकते हैं और सब्िसडी वाले सिलेंडर का लाभ पा सकते हैं.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh