-रिसाइकल प्लांट खराब होने के चलते पूल में दो दिन पुराने पानी में कराया कॉम्पटीशन, खिलाडि़यों को हुई एलर्जी

-कॉम्पटीशन से पहले खिलाडि़यों से ही साफ कराया पूल, लाइनिंग भी लगवाई

बरेली : प्रदेश स्तरीय स्वीमिंग प्रतियोगिता के लिए बरेली के स्पो‌र्ट्स स्टेडियम का चुनाव तीन माह पहले यानि फरवरी में हो गया था. खेल निदेशालय ने पूल के लिए बजट जारी कर सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे, लेकिन प्रतियोगिता वाले दिन सेटरडे को अव्यवस्थाओं से खिलाड़ी जूझते नजर आए. हैरत की बात कि पूल में दो दिन पहले भरे पानी में ही कॉॅम्पटीशन करा दिया गया, जिससे कई खिलाडि़यों को एलर्जी हो गई. वहीं खिलाडि़यों से ही पूल भी साफ कराया गया और लाइनिंग भी लगवाई गई.

खुजली-खांसी से खिलाड़ी परेशान

प्रतियोगिता स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में शाम 5 बजे से होनी थी. खिलाडि़यों ने सुबह से ही प्रैक्टिस शुरू कर दी. अन्य मंडलों से आए खिलाडि़यों को प्रैक्टिस के दौरान ही खांसी और खुजली होने लगी. खुजली की वजह से कई खिलाड़ी परेशान रहे. खिलाडि़यों ने इस बावत अपने कोच से शिकायत भी की, लेकिन कोई हल नहीं निकला.

खिलाडि़यों से कराई सफाई

स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में रिसाइकल प्लांट खराब होने के चलते प्रतियोगिता से दो दिन पहले ही सबमर्सिबल से पानी भर दिया गया था. प्रतियोगिता से एक दिन पहले फ्राइडे को रात में तेज हवा के साथ रिमझिम बारिश हुई थी. इससे पूल के पानी में धूल और पत्ते गिर जाने से पानी गंदा हो गया था. प्रतियोगिता वाले दिन अपनी कमी छिपाने के लिए विभागीय अधिकारियों ने खिलाड़यों से प्रैक्टिस के दौरान पूल से पत्ते बिनवाए और साफ-सफाई करवाई.

खिलाडि़यों ने लगवाई लाइनिंग

प्रतियोगिता के लिए पूल में लाइनिंग लगाई जाती है. लाइनिंग लगाने के लिए कर्मचारियों की कमी हुई तो अधिकारियों ने खिलाडि़यों को ही लाइनिंग लगाने के काम में लगा दिया. वहीं आरएसओ का कहना है कि किसी खिलाड़ी से लाइनिंग लगाने को कहा नहीं गया, वह अपनी मर्जी से ही लाइनिंग लगा रहे थे.

चार साल से ठप रिसाइकल प्लांट

पूल में पानी की सफाई के लिए लगा रिसाइकल प्लांट पिछले चार साल से खराब है. इसके बाद भी किसी भी अधिकारियों ने इसको सही कराने की सुध नहीं ली. शायद उन्हें खिलाडि़यों के स्वास्थ्य से कोई सरोकार नहीं है. इस साल भी सबमर्सिबल से पानी भरकर ही इतनी बड़ी प्रतियोगिता का आयोजन कर दिया गया.

5 साल तक बंद रहा था पूल

वर्ष 2012 से वर्ष 2017 तक पूल बंद रहा था. अनदेखी के चलते पूल की हालत जर्जर हो गई थी. वही पूर्व में आरएसओ लक्ष्मी शंकर सिंह ने इस ओर कोई कोई ध्यान नहीं दिया. वर्ष 2018 में मंडल स्तरीय प्रतियोगिता के दौरान भी कई अनियमितताएं पाई गई, जिस पर निदेशालय ने आरएसओ से स्पष्टीकरण मांगा था. इस वर्ष भी अव्यवस्थाओं में ही प्रतियोगिता का आगाज हो गया. जिससे खिलाडि़यों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.

खिलाडि़यों से बात

1. पानी गंदा है. दो बार स्वीमिंग करने पर ही शरीर में एलर्जी हो गई है. इससे प्रदर्शन पर असर पड़ेगा.

प्रवीन, लखनऊ

2. लाइनिंग ठीक से नहीं डाली गई है. प्रतियोगिता के दौरान लाइनिंग टूट जाने का डर है.

अंकित पूनिया, लखनऊ.

वर्जन

मुझे प्रभार मिलने के बाद से ही पूल का सौंदर्यीकरण कराने के लिए प्रयासरत हैं. रिसाइकल प्लांट खराब होने की वजह से दो दिन पहले पानी भर दिया गया था. इससे कुछ खिलाडि़यों को एलर्जी हुई है. खिलाडि़यों ने अपनी मर्जी से साफ-सफाई की है, उनसे किसी ने नहीं कहा था.

विजय कुमार, आरएसओ.

Posted By: Radhika Lala