पॉल्यूशन से तीन गुना तक बढ़ी बीमारियां
- स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर की रिपोर्ट ने फिर पॉल्यूशन से होने वाली बीमारियों पर खड़े किए सवाल
>kanpur@inext.co.in KANPUR:पॉल्यूशन को लेकर ग्रीनपीस की रिपोर्ट के बाद अमेरिका के हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट की स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2019 रिपोर्ट आई है. इस रिपोर्ट ने देश में पॉल्यूशन से होने वाली मौतों का आंकड़ा दिया है. साथ ही इस बात का जिक्र भी किया है कि पॉल्यूशन का असर किन बीमारियों पर तेजी से बढ़ रहा है. जिसमें खुलासा हुआ है कि देश में बीमारी से होने वाली मौतों का तीसरा बड़ा फैक्टर पॉल्यूशन ही है. वहीं कानपुर की बात करें तो यह देश के सर्वाधिक पॉल्यूटेड सिटीज में शुमार है. ऐसे में पॉल्यूशन के कानपुराइट्स की हेल्थ पर इफेक्ट्स भी काफी ज्यादा पड़े हैं. बीते 8 सालों की ही बात करें तो कानपुर में सीओपीडी यानी क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज के केसेस तीन गुना तक बढ़े हैं. मेडिकल कालेज के एमएल चेस्ट हास्पिटल में ही सीओपीडी के 500 नए पेशेंट्स हर महीने सामने आते हैं. यही हाल अस्थमा का भी है. बच्चों से लेकर युवाओं की हेल्थ पर पॉल्यूशन का असर काफी ज्यादा है.
पॉल्यूशन से इन बीमारियों का ज्यादा खतरा- हार्ट डिजीज, क्रोनिक रेस्पेरेटरी डिजीज, लंग्स इंफेक्शन, लंग्स कैंसर, डायबिटीज, अस्थमाअमेरिका के हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीटयूट की स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर की रिपोर्ट में क्या खास-
- इंडिया में बीमारियों से होने वाली मौतों में पॉल्यूशन तीसरा सबसे बड़ा फैक्टर बीमारियों से होने वाली मौतों में पॉल्यूशन का कितना रोल 49- फीसदी सीओपीडी में 22- फीसदी डायबिटीज में 22- फीसदी इस्चीमिक हार्ट डिजीज में 33- फीसदी लंग कैंसर में 15- फीसदी स्ट्रोक में आईआईटी कानपुर का डाटा- नौबस्ता, विकास नगर, चकेरी, स्वरूप नगर, सिविल लाइंस से लिए गए सैंपलों के आधार पर प्रतिदिन पॉल्यूशन की स्थिति सड़क पर धूल- 136193.9 किलो वाहनों का धुंआ-5520.8 किलो इंडस्ट्री से पॉल्यूशन- 4309.9 किलो कूड़ा जलाना-2111.9 किलो कंस्ट्रक्शन-398 किलो होटल रेस्टोरेंट- 736.5 किलो दाह संस्कार से-39 किलो ग्रीनपीस की रिपोर्ट में कानपुर में पॉल्यूशन- रिपोर्ट में कानपुर- 2017 में एवरेज पीएम 2.5 का स्तर-119.2 2018 में एवरेज पीएम 2.5 का स्तर-88.2 -- माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर मंथली एवरेज पॉल्यूशन जनवरी-218.8 फरवरी-94.2 मार्च- 67.6 अप्रैल- 55.8 मई- 70.3 जून- 91.7 जुलाई-32.3 अगस्त-36.7 सितंबर-43.1 अक्टूबर-145.1 नवंबर- 253.1 नोट- सभी आंकड़े माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर में पीएम-2.5 का मानक स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर है. -------------- वर्जन-लंग्स डिजीज बढ़ने की बड़ी वजह पॉल्यूशन है. साल दर साल इसके पेशेंट्स बढ़ रहे हैं. कई स्टडीज में इस बात की पुष्टि भी हुई है. पॉल्यूशन का असर न लंग्स से लेकर अब ब्लड सर्कुलेशन में भी है.
- डॉ. बृजेश कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, मेडिसिन डिपार्टमेंट एलएलआर हॉस्पिटल