अधिवक्ता पेशे के विरुद्ध काम करने पर बार एसोसिएशन ने लिया फैसला

जिला बार एसोसिएशन और मेरठ बार एसोसिएशन दोनों संस्थाओं ने खारिज की सदस्यता

Meerut। अधिवक्ता पेशे से विपरीत कार्य करना महिला अधिवक्ता को भारी पड़ गया। गुरुवार को मेरठ बार एसोसिएशन और जिला बार एसोसिएशन ने महिला अधिवक्ता दीप्ति चौधरी की सदस्यता को समाप्त कर दिया। बुधवार रात के घटनाक्रम के बाद अधिवक्ताओं की एक कमेटी की जांच रिपोर्ट के बाद बार एसो। ने यह फैसला लिया।

दरोगा प्रकरण में हुई चर्चित

20 अक्टूबर को हाइवे स्थित ब्लैक पैपर रेस्टोरेंट में खाना खाने के दौरान परतापुर थाने के दरोगा सुखपाल पंवार के साथ रेस्टारेंट संचालक मनीष पंवार का विवाद हो गया था। विवाद में महिला अधिवक्ता दीप्ति चौधरी की अहम भूमिका थी और वह दरोगा के साथ रेस्टोरेंट में पहुंची थीं।

जांच कमेटी ने दी रिपोर्ट

रेस्टोरेंट के घटनाक्रम के बाद मेरठ बार एसोसिएशन ने पूरे प्रकरण में महिला की भूमिका की पड़ताल के लिए एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने इस पूरे प्रकरण में महिला की भूमिका को पेशे के विपरीत पाया। जांच रिपोर्ट के बाद मेरठ बार एसो। और जिला बार एसो। ने महिला अधिवक्ता दीप्ति चौधरी की सदस्यता खारिज कर दी। जिला बार एसो। के अध्यक्ष राजीव कुमार नागर ने बताया कि एसोसिएशन महिला अधिवक्ता का लाइसेंस कैंसिल कराने के लिए यूपी बार काउंसिल को भी लिखेगी।

पार्षद की सुनवाई 27 को

रेस्टोरेंट संचालक मनीष पंवार के खिलाफ डकैती की धारा हटाने को लेकर सुनवाई अब 27 अक्टूबर को होगी। सीजेएम ने पुलिस की पूर्ण विवेचना केस डायरी को 27 अक्टूबर को कोर्ट में तलब किया है।

महिला अधिवक्ता को मिली जमानत

एसीजेएम कोर्ट 5 ने गुरुवार को जमानती अपराध में सुनवाई के बाद चर्चित महिला अधिवक्ता को जमानत पर रिहा कर दिया। इस दौरान कोर्ट परिसर में लोगों का हुजूम उमड़ा रहा। साथ ही बड़ी संख्या में पुलिसबल और पब्लिक मौजूद थी। बुधवार रात्रि के घटनाक्रम के बाद पुलिस ने महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गुरुवार को कोर्ट में पेश किया था।

Posted By: Inextlive