हॉस्पिटल पहुंचे एडी हेल्थ, पर इमरजेंसी में एडमिट बच्ची का नहीं लिया हाल

रिश्वत न मिली तो एक हफ्ते से एडमिट बुजुर्ग की टूटी टांग पर नहीं चढ़ाया प्लास्टर

>BAREILLY:

बरेली में सरकारी डॉक्टर्स का मरीजों के प्रति लगातार असंवेदनशील रवैया सामने आ रहा है। थर्सडे को दो घटनाओं ने मरीजों के लिए डॉक्टर्स की मेडिकल ओथ और उनके लिए संवेदना की बातों को हवा हवाई साबित कर दिया। घटनाएं भी ऐसी जिसमें बरेली के सेहत महकमे के सबसे बड़े अधिकारी सीधे तौर पर जुड़े थे। पहली घटना ब्लड कैंसर से पीडि़त बच्ची की रही जिसे लेकर वेडनसडे को हॉस्पिटल में हंगामा मचा था। एडी हेल्थ थर्सडे को हॉस्पिटल आए मगर बीमार बच्ची का हाल लेने की उनको सुध न रही। वहीं दूसरी घटना एक बुजुर्ग से रिश्वत न मिलने पर एक हफ्ते तक उसकी टांग पर प्लास्टर न चढ़ाने को लेकर रही।

सीएमएस से पूछा हाल

वेडनसडे को फरीदपुर की क्ख् साल की बच्ची सोनम को गंभीर हालत में इमरजेंसी वार्ड लाया गया था। ब्लड कैंसर पीडि़त इस बच्ची का यूट्रस बाहर आ रहा था, जिससे उसे काफी ब्लीडिंग हुई। उसे डेढ़ घंटे तक हंगामे के बाद वेडनसडे को एडमिट किया गया था। जिसकी खबर प्रमुखता से पब्लिश हुई और डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की किरकिरी हुई। थर्सडे को एडी हेल्थ डॉ। सुबोध शर्मा हॉस्पिटल पहुंचे। लेकिन बीमार बच्ची से मिलने नहीं गए। एडी हेल्थ ने सीएमएस से उनके ऑफिस में ही बच्ची के इलाज का हाल सुन तसल्ली कर ली।

घूस नहीं तो, इलाज नहीं

स्वालेनगर निवासी भ्0 साल के बुजुर्ग रईस मियां का एक हफ्ते पहले एक्सीडेंट हुआ। जिससे उनकी टांग टूट गई। परिजनों ने उन्हें इमरजेंसी वार्ड में एडमिट कराया। लेकिन एक हफ्ते तक उनकी टूटी टांग पर प्लास्टर नहीं चढ़ाया गया। परिजनों ने वार्ड ख्7 के पार्षद अलीम खान सुल्तानी से हॉस्पिटल में बार बार रिश्वत मांगने की कंप्लेन की। पार्षद ने थर्सडे को सीएमएस ऑफिस में बैठे एडी हेल्थ व सीएमओ से भी इसकी कंप्लेन कर जबरदस्त हंगामा किया। हंगामे पर अधिकारियों ने बिना किसी पर कार्रवाई किए बुजुर्ग का प्लास्टर करने के निर्देश दिए।

Posted By: Inextlive