-लास्ट ईयर के मुकाबले स्टूडेंट्स की संख्या का ग्राफ बढ़ा

-परिषदीय स्कूल्स के शिक्षकों ने घर-घर जाकर किया जागरूक

>BAREILLY

आम बच्चों की ही तरह दिव्यांग बच्चे भी पढ़-लिखकर कामयाबी की सीढि़यां चढ़ें। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से की गई पहल आखिरकार रंग लाई। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष परिषदीय स्कूल में दिव्यांग बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है और ऐसा होने में पूरा क्रेडिट परिषदीय स्कूल के टीचर्स को जाता है। जिन्होंने दिव्यांग बच्चों के पेरेंट्स को शिक्षा के प्रति अवेयर किया।

घर-घर जाकर किया जागरूक

कुदरत की मार झेल रहे दिव्यांग बच्चों में पढ़ाई के प्रति रूझान घटता जा रहा था। इसका प्रभाव परिषद स्कूल्स में पड़ रहा था। दिन-ब-दिन दिव्यांग बच्चों की संख्या परिषदीय स्कूल्स में कम होती जा रही थी। इस पर शासन ने नाराजगी व्यक्त की। साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग को स्कूल्स में दिव्यांगों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। शासन की सख्ती के बाद टीचर्स ने दौड़ लगाई। उन्होंने घर-घर जाकर अभिभावकों को जागरूक किया।

बढ़ गई बच्चों की तादाद

टीचर्स ने दिव्यांगों को पढ़ाने के फायदे बताए। इसका असर भी दिखा, पेरेंट्स ने अपने दिव्यांग बच्चों का परिषदीय स्कूल्स में एडमिशन करवाया। इससे दिव्यांग स्टूडेंट्स की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई। लास्ट ईयर गवर्नमेंट स्कूल में स्टूडेंटस की संख्या 276 थी, जो इस साल बढ़कर 378 हो गई। सर्व शिक्षा अभियान विकलांग की जिला कोऑर्डीनेटर शिल्पी श्रीवास्तव ने बताया विभाग की ओर भरसक प्रयास किए जा रहे हैं कि दिव्यांग स्टूडेंट्स की संख्या लगातार बढ़ती रहे।

Posted By: Inextlive