दिवाली अमावस्या के दिन मनाई जाती है। 6 तारीख मंगलवार को ही रात में 10 बजकर 07 मिनट से अमावस्या तिथि लग रही है यह 7 नवम्बर दिन बुधवार को रात में 09 बजकर 19 मिनट तक रहेगी।

पूरा देश में दिवाली की धूम है। पांच दिनों तक चलने वाला दिवाली का यह त्योहार धनतेरस से शुरू होकर भैया दूज पर खत्म होता है। इस वर्ष दिवाली कार्तिक कृष्ण अमावस्या तिथि बुधवार 7 नवम्बर को है। इस दिन धन, संपदा और वैभव की देवी माता लक्ष्मी और गणपति के पूजन का विधान है।

पूजा का शुभ मुहूर्त 


6 तारीख मंगलवार को ही रात में 10 बजकर 07 मिनट से अमावस्या तिथि लग रही है, यह 7 नवम्बर दिन बुधवार को रात में 09 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। बुधवार के दिन प्रदोष काल में पूजा करना उत्तम रहेगा। शाम के समय घर में दीपक, मोमबत्तियां और लाइट जलाएं। 

पूजा की तैयारी


माता लक्ष्मी की पूजा की तैयारी में आपको खास ध्यान रखना पड़ेगा। माता लक्ष्मी को शमी का पत्ता और मजीठ की लकड़ी प्रिय है, इसलिए पूजा में इसे अवश्य चढ़ाया जाता है। माता लक्ष्मी को कटसरैया का फूल भी बहुत प्रिय है, यह बसंती रंग का होता है।

माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूजा के दौरान हवन में बेल की लकड़ी, सूखे नारियल का गोला, बिना चीनी की खीर और सफेद तिल डालना चाहिए।   

पूजा विधि


दिवाली के दिन शाम के समय स्नान करें। फिर साफ और स्वच्छ वस्त्र पहनकर अपने पूजा घर या शुद्ध स्थान पर वेदी बना लें। उस पर विष्णुप्रिया माता लक्ष्मी और गणेश जी को स्थापित करें। हमेशा गणेश जी के दाहिने भाग में माता महालक्ष्मी को स्थापित करें।

'लक्ष्म्यै नम:' 'इन्द्राय नम:' और 'कुबेराय नम:' से इनका पूजन करें। अक्षत, दूब, मिष्ठान, चंदन आदि माता लक्ष्मी को अर्पित करें। इसके बाद आप माता लक्ष्मी और गणेश जी की आरती करें। जो भी मनोकामनाएं हैं, उन्हें माता के समक्ष प्रकट करें। परिवार के सभी सदस्यों के आरती लेने के बाद प्रसाद वितरण करें।

इस दिन उद्योग-धंधों के साथ ही नए काम करने एवं पुराने व्यापार में खाता पूजन का विशेष विधान है। इस दिन आप अपने वाहनों को साफ करके उसकी भी पूजा करें।

27 दीपकों का दान


दिवाली के दिन 27 दीपकों के दान का भी विधान है, ऐसा करने से आपके पितर खुश होते हैं और आपके वंश की वृद्धि होती है। इसके लिए आपको घी के 27 दीये जलाने चाहिए और उसे घर के मुख्य स्थानों पर रखें।

ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट

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Posted By: Kartikeya Tiwari