क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के तत्वावधान में आयोजित इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट(आइआइटी सीजन 6) के विजेताओं को बुधवार को समारोह कर सम्मानित किया गया. नमन विद्या स्कूल हजारीबाग में हुए समारोह में एनसीसी हजारीबाग के ग्रुप कमांडर सैफ खान के हाथों बच्चों को सम्मानित किया गया. मौके पर जय ¨हद उद्घोष के साथ संबोधन की शुरुआत करते हुए ग्रुप कमांडर ने स्टूडेंट्स को हमेशा नया करने व टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान रखने का सुझाव दिया. कार्यक्रम में उन्होंने कॉम्पटीशन में क्लास 6 के टॉपर नमन विद्या स्कूल के शशांक शेखर पांडा, पिता चंद्रशेखर पांडा और इसी स्कूल की क्लास 9 के टॉपर कुमार आदर्श, पिता दीपक कुमार को 12-12 हजार रुपए का चेक दिया. वहीं, बरही में आयोजित समारोह में बरही स्थित प्रोजेक्ट ग‌र्ल्स हाई स्कूल की थर्ड टॉपर राधिका कुमारी को तीन हजार रुपए का चेक दिया गया. कार्यक्रम के दौरान नमन विद्या स्कूल सभागार में स्कूल परिवार व स्टूडेंट्स ने जमकर खुशी मनाई. क्लास 5 के स्टूडेंट्स ने फूलों का गुलदस्ता व हेडमास्टर राजवंश ने स्वागत भाषण दिया. ज्ञात हो कि दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के तत्वावधान में आईआईटी सीजन 6 नेशनल लेवल पर सितंबर में आयोजित किया गया था. हजारों की संख्या में देश भर के स्टूडेंट्स ने भाग लिया. मौके पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रांची के संपादक के अलावा दैनिक जागरण हजारीबाग की टीम मौजूद थी.

खुद को आंकने का मौका

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के आइआइटी में देश भर में पांच से 10 क्लास में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स पार्टिसिपेट करते हैं. ओमआर शीट पर परीक्षा का आयोजन ¨हदी ओर अंग्रेजी विकल्प के रूप में होता है. ओमआर शीट आधारित इस परीक्षा में स्टूडेंट्स को अपनी क्षमता आकलन में सुविधा होती है. आइआइटी का मकसद हर स्टूडेंट का सही विश्लेषण करना है. ताकि वो अपनी पसंद का करियर चुन सकें.

आंख का डॉक्टर बनना है: शशांक

जीनियस का पुरस्कार पाने के बाद दैनिक जागरण आईनेक्स्ट से बातचीत करते हुए शशांक पांडा ने बताया कि वे आंख का डॉक्टर बनना चाहते हैं. आज छोटी उम्र में ही बच्चों को चश्मा लगाना पड़ रहा है. इनमें मैं भी हूं, मैं चाहता हूं कि इस दिशा में काम कर इन परेशानियों को दूर कर सकूं. दैनिक जागरण से सम्मान पाकर बेहद खुशी हो रही है. इसी प्रतियोगिता से काफी कुछ सीखने को मिला.

आइएएस बनना है लक्ष्य: कुमार आदर्श

क्लास 9 के आदर्श का लक्ष्य आइएएस बनना है. उन्होंने बताया कि सामाजिक कार्य नेता बनकर ही नहीं, बल्कि पदाधिकारी बनकर भी किए जा सकते हैं. एक आइएएस में क्षमता हो तो वह व्यवस्था परिवर्तन कर सकता है. मेरे लिए यह सम्मान बेहद खास है. मेरी कोशिश है कि जीवन में हर दिन कुछ नया सीखूं.

पुलिस में जाकर करना है समाज सेवा: राधिका कुमारी

बरही में सम्मान पाने वाली राधिका कुमारी ने कहा कि मुझे मेरे माता-पिता ने बेहतर शिक्षा देने का हर प्रयास किया है. आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद भी पढ़ाई को लेकर कभी मना नहीं किया. मुझे पुलिस में जाकर समाज सेवा करना है. बरही जैसे रूरल एरिया में भी दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने इतना बड़ा कॉम्पटीशन कराया. बच्चों को एक बेहतर मंच दिया.

Posted By: Prabhat Gopal Jha