-डीएलडब्ल्यू तैयार कर रहा दुनिया का पहला लोको

-साल लास्ट तक इंजन आ जाएगा ट्रैक पर

VARANASI: दुनिया का पहला इको फ्रेंडली रेल इंजन बनाने की ओर डीएलडब्ल्यू ने कदम बढ़ा दिया है। डीएलडब्ल्यू भारत ही नहीं दुनिया का पहला हाइड्रोजन से चलने वाला रेल इंजन तैयार करने में जुट गया है। हाइड्रोजन से चलने वाले इस इंजन का डिजाइन तैयार हो चुका है। इस इंजन में यूज होने वाले पा‌र्ट्स और फ्यूल सेल के लिए टेंडर का प्रॉसेस जल्द ही पूरा किया जाएगा। शुरुआत में इस इंजन का यूज ट्रेंस के शंटिंग के लिए किया जाएगा। इससे हेवी वर्क नहीं लिया जाएगा। टेस्ट में सफल होने पर इसकी क्षमता में इजाफा किया जाएगा। तब इस इंजन से पैसेंजर ट्रेन को भी चलाया जा सकेगा।

दस महीने का टारगेट

हाइड्रोजन से चलने वाला 'फ्यूल सेल लोको' इस साल के लास्ट तक बनकर तैयार हो जाएगा। फिलहाल इस इंजन को दस महीने में बनाने का टारगेट रखा गया है। उम्मीद है कि इस दौरान हाइड्रोजन से दौड़ने वाला रेल इंजन बनाने में डीएलडब्ल्यू को कामयाबी मिल जाएगी। पूरी तरह से इको फ्रेंडली हाइड्रोजन इंजन से जहरीला धुंआ निकलने की बजाए पानी का उत्सर्जन होगा। जिससे पर्यावरण पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा।

फ्फ्0 हार्स पॉवर

डीएलडब्ल्यू में बनने वाले इस पहले प्रोटोटाइप इंजन की क्षमता फ्फ्0 हार्स पॉवर की होगी। इसमें फ्यूल सेल टेक्निक का यूज होगा। हालांकि टेस्टिंग सफल होने पर इस इंजन की क्षमता को और बढ़ाया जाएगा। कुल मिलाकर हाइड्रोजन से चलने वाला यह इंजन पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं होगा। एनर्जी की भी सेविंग होगी। इसके अलावा कम खर्च में तैयार होने वाला इंजन स्टार्ट रहने पर शोर भी कम करेगा। बता दें कि इंजन निर्माण के क्षेत्र में डीएलडब्ल्यू कई कीर्तिमान स्थापित कर चुका है।

इको फ्रेंडली रेल इंजन बनाने की दिशा में डीएलडब्ल्यू लगातार प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में हाइड्रोजन से चलने वाले रेल इंजन को तैयार करने का कार्य हो रहा है।

-प्रदीप कुमार, पीआरओ, डीएलडब्ल्यू

इसे कहते हैं फ्यूल सेल

डीएलडब्ल्यू में अब तक डीजल रेल इंजन बनता रहा है। जबकि इस इंजन में ईधन के रूप में हाइड्रोजन का यूज किया जाएगा। फ्यूल सेल हाइड्रोजन और ऑक्सीजन की विशेष परिस्थितियों में केमिकल रिएक्शन कराकर इस ऊर्जा को मैकेनिकल ऊर्जा में बदल देगा। इससे रेल इंजन दौड़ने लगेगा।

Posted By: Inextlive