-कसारी-मसारी में बुलडोजर से मकान ढहाए जाने के मामले में प्रशासन ने एडीए को लिखा पत्र

-तहसीलदार की जांच में पाई गई थी एडीए की जमीन, जिम्मेदारी तय करेगा प्राधिकरण

ALLAHABAD: कसारी-मसारी में बुलडोजर के जरिए ध्वस्त किए मकानों के मामले में जिला प्रशासन ने इलाहाबाद विकास प्राधिकरण को कटघरे में खड़ा कर दिया। तहसीलदार द्वारा कराई गई जमीन की जांच में पाया गया था कि मकान कब्रिस्तान नहीं बल्कि एडीए की जमीन पर बने थे। रिपोर्ट को देखते हुए डीएम संजय कुमार ने एडीए वीसी को पत्र भेजकर मामले की जांच कराने और संबंधित अधिकारी के खिलाफ जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए हैं।

आपकी जमीन और आपको नहीं है जानकारी

प्रशासन द्वारा एडीए को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि किन परिस्थिति में आपकी जमीन पर अवैध कब्जा हुआ। आपकी जमीनों पर मकान गए और इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को हुई तक नहीं। प्रशासन ने इस मामले में एडीए वीसी को मामले की जांच कराकर संबंधित अधिकारी के खिलाफ जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए हैं। पत्र में कहा गया है कि एडीए को अपनी जमीनों की सुरक्षा स्वयं करनी चाहिए। कसारी-मसारी में मकानों की ध्वस्तीकरण के मामले में सदर तहसीलदार ने सोमवार को जमीनों की नापजोख और अभिलेख मिलान कर रिपोर्ट डीएम को सौंपी थी जिसमें पाया गया कि मकान कब्रिस्तान नहीं बल्कि एडीए की अधिग्रहीत जमीन पर बने थे।

पूर्व सांसद ने चलवाए थे बुलडोजर

बता दें कि शनिवार को कसारी-मसारी में बुलडोजर आधा दर्जन मकान ढहा दिए गए थे। जिसकी जिम्मेदारी पूर्व सांसद अतीक अहमद ने ली थी। उनका कहना था कि मकान कब्रिस्तान की जमीन पर बने हैं जिस पर कब्जा हरगिज नहीं होने दिया जाएगा। इस घटना के बाद भाजपा सांसद केशव प्रसाद मौर्या और बसपा विधायक पूजा पाल ने जमकर विरोध जताया तो जिला प्रशासन ने जमीन की नापजोख कराई।

Posted By: Inextlive