एक ही समस्या के लिए महीनों लगाते हैं चक्कर
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-डीएम दफ्तर में आने वाले फरियादियों के लिए लगी है जनसुनवाई कियॉस्क मशीन -आईजीआरएस पोर्टल पर रोजाना आते हैं औसतन दौ व डीएम दफ्तर में रोजाना आते हैं 20-25 फरियादी GORAKHPUR: योगी सरकार जहां लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। वहीं, अधिकारी योजना को नाकाम करने पर उतारू हैं। सरकार ने समस्याओं के समाधान के लिए जनशिकायत पोर्टल शुरू किया, लेकिन अधिकारी हैं कि इस पर आई शिकायतों को मनमाने तरीके से निपटारा करने लगे हैं। इसके कारण एक ही समस्या के लिए लोगों को कभी डीएम ऑफिस तो कभी आईजीआरएस पोर्टल तक गुहार लगानी पड़ रही है।आंकड़ों की मानें तो आईजीआरएस पोर्टल पर प्रतिदिन औसतन 200 शिकायतें आती हैं और डीएम के जनता दरबार में 20-25 फरियादी प्रतिदिन आते हैं। डीएम के पास आने वाले मामले के निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को फारवर्ड तो कर दिया जाता है, लेकिन संबंधित अधिकारी मामले को लटका देता है। ये सब ऐसे काम हें, जो अगर किया जाए तो एक दिन में हो जाएंगे।
1456 मामले है लंबितआईजीआरएस पोर्टल पर छह महीने में कुल 41889 शिकायतें आई हैं। इन मामलों में कुल 40365 का निस्तारित किया गया है। लेकिन इनमें से 1456 मामले का निस्तारण अभी संबंधित अधिकारियों के पास लंबित है। डीएम दफ्तर में आने वाले फरियादियों की शिकायतों में सबसे ज्यादा भूमि विवाद के मामले होते हैं। लेकिन ऐसे मामले के निस्तारण के लिए जिस तहसील क्षेत्र का मामला होता है, वह फिर से उसी तहसील के एसडीएम या तहसीलदार के पास भेज दिया जाता है। लेकिन निस्तारण के बजाय फिर से तहसील के चक्कर लगाने को मजबूर हो जाते हैं।
आख्या आने के बाद उच्च अधिकारी करते हैं फैसला आईजीएसएस पोर्टल पर आने वाले शिकायतों की फेहरिस्त में एक से बढ़कर एक शिकायतें आती हैं। शिकायतों के निस्तारण के लिए चार सदस्यीय टीम काम कर रही है। ट्रांसर्फर आख्या आने के बाद अनुमोदन के लिए संबंधित अधिकारी द्वारा किया जाता है। उसके बाद निस्तारण के लिए फिर से उच्च अधिकारियों के पास मामले को भेजा जाता है। आईजीआरएस पोर्टल पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण तो संबंधित अधिकारियों द्वारा कर दिया जाता है। लेकिन ग्राउंड लेवल पर पीडि़त को न्याय नहीं ि1मल पाता है। 15- 30 दिन में हो जाता है निस्तारणआईजीआरएस पोर्टल पर आने वाले शिकायत के निस्तारण में 15 से 30 दिन का वक्त लग जाता है। मामले के निस्तारण के लिए निर्धारित समय रहता है। निस्तारण, लंबित और डिफाल्टर शिकायतों को संबंधित विभागों के विभागाध्यक्षों से प्रतिदिन गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के लिए आईजीआरएस पोर्टल पर आने वाले मामले के ट्रांसफर करने वाले कर्मचारी संबंधित विभाग के अधिकारियों से वार्ता कर उसे सही अंजाम तक पहुंचाने का काम करते हैं।
केस वन प्रधानमंत्री आवास के लिए डीएम ऑफिस का चक्कर लगा रही प्रभावती देवी बताती हैं कि वह सिटी के वार्ड नंबर 2 में रहती हैं। प्रधानमंत्री आवास के निर्माण के लिए पहली किस्त पचास हजार रुपए प्राप्त हो चुका है, लेकिन दूसरी किस्त के लिए चक्कर लगाना पड़ रहा है। केस टू सिटी के रिनाउंड स्कूल के एक छात्र ने इस बात की शिकायत मुख्यमंत्री से की है कि स्कूल में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए सरकार कार्य कर रही है। लेकिन स्कूल के टीचर्स बच्चों को पढ़ाने के बजाय स्कूल में टालमटोल करते हैं। इस मामले की जांच डीआईओएस को ट्रांसफर किया गया है। जिसका निस्तारण अभी तक नहीं हो सका है। संदर्भ के प्रकार - समस्त- निस्तारित - डिफाल्टर -लंबित मुख्यमंत्री संदर्भ - 2302 2194 17 91जिलाधिकारी संदर्भ - 8630 7838 26 766
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संदर्भ- 3824 3609 0 215 संपूर्ण समाधान दिवस - 10021 9721 15 285 सीएससी, लोकवाणी संदर्भ- 18 16 1 1 भारत सरकार, पीजी पोर्टल संदर्भ-1002 962 0 40 ऑनलाइन प्राप्त संदर्भ- 11452 11447 5 0 शासन, राजस्व परिषद, निदेशालय संदर्भ- 42 40 0 2 मंडलायुक्त संदर्भ- 53 43 4 6 एंटी भू-माफिया संदर्भ- 2406 2356 0 50 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन संदर्भ- 2139 2139 0 0 --------------- कुल संदर्भ - 41889 निस्तारित संदर्भ - 40,365 लंबित संदर्भ- 1456 वर्जन आईजीआरएस पर आने वाली शिकायत हो या फिर जनता दरबार में आने वाले शिकायत कत्र्ता, उनकी समस्या के समाधान के लिए संबंधित विभाग को निर्देशित किया जाता है। लेकिन जो न्यायालय में मामले विचाराधीन होते हैं। उन्हीं मामलों का निस्तारण प्रशासनिक स्तर पर नहीं हो पाता है। के विजयेंद्र पांडियन, डीएम