- डीएम ने दिए निर्देश, रुटीन प्रक्रिया में हो ऐसे सेंटर्स की जांच

- कहा, पकड़े गए आरोपियों पर की जाएगी कड़ी कार्रवाई

Meerut : ये बहुत ही शर्मनाक बात है कि बाहर से आई टीम ने अपने शहर में हो रहे गोरखधंधे का पर्दाफाश किया। डिपार्टमेंट के अधिकारियों को इस बात को लेकर शर्मिदगी होनी चाहिए। साथ उन्हें इस पर प्रॉपर एक ड्राइव चलानी चाहिए। ये बातें डीएम ने आई नेक्स्ट रिपोर्टर से गर्भपात स्कैंडल के पर्दाफाश होने के बाद किए सवाल के बाद कहीं। उन्होंने पूरे स्वास्थ्य डिपार्टमेंट के डॉक्टर्स और अधिकारियों की जमकर क्लास ली। साथ ही ऐसे डॉक्टर्स और क्लीनिक पर कड़ी कार्रवाई के आदेश भी जारी किए।

हेल्थ डिपार्टमेंट की क्लास

हरियाणा हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से की गई छापेमारी के बाद मेरठ का हेल्थ डिपार्टमेंट समेत पूरा प्रशासनिक अमला भी हैरान है। डीएम की ओर से बुधवार को पूरे हेल्थ डिपार्टमेंट की क्लास ली गई। फटकार लगाते हुए कहा कि दूसरे राज्यों की पुलिस और हेल्थ डिपार्टमेंट छापा मारकर कार्रवाई कर देती है और यहां के डिपार्टमेंट को भनक तक नहीं लगती। डिपार्टमेंट के अधिकारियों से कहा अगर यहां के डिपार्टमेंट की ओर से कार्रवाई होती तो सोसायटी में एक बेहतर मैसेज जाता, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

प्रॉपर ड्राइव के आदेश

डीएम ने पूरे हेल्थ डिपार्टमेंट को ऐसे सेंटर्स पर प्रॉपर ड्राइव चलाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके लिए हेल्थ डिपार्टमेंट के डॉक्टर्स की टीम बनाई जाएगी। जो अलग-अलग दिन जाकर औचक निरीक्षण करेगी। इस बारे में डीएम बताया कि डिपार्टमेंट की ओर से पहले भी कार्रवाई की गई थी लेकिन इस मामले में अब प्रोपर ड्राइव चलाने की काफी जरुरत है।

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मेरठ की ये है स्थिति

हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार मेरठ में 68 अल्ट्रा साउंड सेंटर्स खुले हुए हैं। ये सभी रजिस्टर्ड सेंटर्स हैं। अधिकारियों की मानें तो अल्ट्रा साउंड मशीन तब तक किसी डीलर से नहीं मिल सकती जब तक हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से लाइसेंस नहीं मिल जाता है। वहीं गाइनी और अल्ट्रा साउंड हॉस्पिटल की संख्या 92 हैं। जेनेटिक परामर्श केंद्रों की बात करें तो उनकी संख्या 24 है।

नहीं होती है कमेटी की मीटिंग

इस पूरे स्कैंडल पर नजर रखने के लिए पीएनडीटी कमेटी का गठन किया जाता है। जिसका अध्यक्ष डीएम होता है। इसमें आठ मेंबर्स भी होते हैं। जिसमें एक गाइनी, एक रेडियोलॉजिस्ट,एक बाल रोग विशेषज्ञ, 1 सूचना विभाग, एक कोर्ट से और तीन एनजीओ के लोग शामिल होते हैं। इस कमेटी की आखिरी मीटिंग 30 मार्च को हुई थी। अब 24 जुलाई को मीटिंग रखी गई है। ताज्जुब की बात तो ये है कि ये मीटिंग हर महीने एक बार होनी चाहिए, लेकिन अधिकारियों और डिपार्टमेंट की लापरवाही और ढीले रवैये के कारण नहीं होती है।

ये बहुत ही शर्मनाक बात है। बाहर से आई टीम ने इस एक्टिीविटी को अंजाम दिया। वैसे मुकदमा दर्ज हो गया है। हमारी ओर से कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस मामले में हमारी और हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से प्रॉपर ड्राइव चलाई जाएगी।

- पंकज यादव, डीएम, मेरठ

हमारी ओर से पहले कार्रवाई की गई है। हमारा डिपार्टमेंट इस तरह के मामलों में काफी एक्टिव है। अब और ज्यादा एक्टिवनेस दिखाई जाएगी और प्रॉपर ड्राइव चलाकर कार्रवाई की जाएगी।

- डॉ। रमेश चंद्रा, सीएमओ, मेरठ

सुरभि परिवार ने किया धरना प्रदर्शन

Meerut : पानीपत से आई हेल्थ डिर्पाटमेंट की टीम द्वारा अवैध रूप से गर्भपात कराने वालों के स्कैंडल का पर्दाफाश करने के बाद बुधवार को सामाजिक संगठनों ने डीएम कार्यालय पर आक्रोश जताता। सुरभि परिवार ने डीएम ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया और डीएम को ज्ञापन भी सौंपा। सुरभि परिवार के दिनेश तलवार ने मांग की बेटियों को मारने वालों पर रासुका लगाई जाए। उन्होंने डीएम से कहा कि जिस तरह से अल्ट्रा साउंड सेंटर काम कर रहे हैं वो हेल्थ डिपार्टमेंट की सबसे बड़ी लापरवाही है। उन्होंने कहा कि 11 जुलाई को जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन भी करेंगे।

Posted By: Inextlive