-नींबू-हरी मिर्च से तैयार 'नजरोटा' बचाता है बुरी नजरों से

-नींबू-मिर्च का शहर में है शनिवार को हजारों का कारोबार

-फ्राइडे शाम से ही तैयार हो जाते हैं ये नींबू मिर्च के नजरोटा

DEHRADUN : शनिवार को हर दुकान, प्रतिष्ठान और ऑफिस पर आपको नींबू व हरी मिर्च टंगा हुआ नजर आ जाएगा। सैटरडे को पीके की नजर रिंग रोड पर स्थित एक दुकान पर पड़ी। दुकानदार से पूछा कि ये क्यों टांग दिया है। दुकानदार का जवाब था कि हर शनिवार को दुकान के बाहर 'नजरोटा' का प्रयोग करने पर किसी की काली छाया नहीं पड़ती है। वह पिछले पांच सालों से हर शनिवार को नजरोटा का प्रयोग कर रहा है। जिसके लिए वह क्0 रुपए शनिवार को सबसे पहले खर्च करता है।

यहां भी हर तरफ नजरोटा ही

इसके बाद पीके आगे बढ़ता गया। जीएमएस रोड पर भी पीके को ज्यादातर प्रतिष्ठानों, दुकानों और ऑफिस में पीके को ताजा नींबू, मिर्च का नजरोटा टंगा हुआ मिला। पूछने पर पीके को यहां भी समान प्रतिक्रिया मिली। पीके आगे बढ़ते हुए बल्लीवाला चौक तक पहुंचा। देखा क्ख् बजे एक लड़का हाथ में नींबू व हरी मिर्च की ढेर सारी मालाएं लेकर तेजी से दौड़ रहा है। पीके ने उसको रोकने की कोशिश की नहीं वो नहीं रुका। लड़के ने जवाब दिया कि मेरी बोहनी का टाइम हो रहा है। मुहूर्त पूरा होने के बाद कोई भी नजरोटा नहीं खरीदता है। सुबह से लेकर सवा बारह बजे तक वह डेढ़ सौ से अधिक नींबू-मिर्च के नजरोटे क्0 रुपए के हिसाब से बेच चुका है।

बाइक से बेच रहा था नजरोटा

पीके थोड़ा आगे बढ़ा, चकराता रोड पर कुनाल नाम का युवा तेजी से अपनी रेड कलर की बाइक से दौड़ रहा है। अचानक उसने बाइक मोड़ दी। पीके ने उसको रोक कर कहा, भाई ये क्या हैं? कुनाल बोला ये नजरोटा है। ख्00 से अधिक बेच चुका हूं। बिक्री का टाइम है, मुझे मत रोको। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नींबू-मिर्च का नजरोटा लेकर जो युवा बेचने के लिए निकल रहा हो, वह हर रोज कितने नींबू-मिर्च बेच रहा होगा और कितने कमाई कर रहा होगा।

नींबू हरी मिर्च का खासा कारोबार

नजरोटा का शहर में जबरदस्त कारोबार है। इस कारोबार में महिला-पुरुष शनिवार के पहले दिन फ्राइडे शाम से ही इस कारोबार में जुट जाते हैं। सबसे ज्यादा नजरोटा तैयार करने के इलाकों में पटेल नगर शुमार किया जाता है। नींबू-मिर्च बेचने वाले कुनाल का कहना है कि इस कारोबार में करीब ढाई सौ से अधिक महिला-पुरुष जुटे होते हैं। सब्जी मंडी से नींबू मिर्च की खरीद चार रुपया पड़ती है और वे क्0 रुपए में बिक्री करते हैं। अकेले देहरादून में एक अनुमान के मुताबिक लगभग तीन से चार हजार तक नजरोटा हर शनिवार को सुबह-सुबह बिकते हैं। इससे साफ है कि अंधी आस्था के नाम पर यह अच्छा खासा कारोबार शहर में संचालित हो रहा है।

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शनिदान के नाम पर लेते हैं पैसे

हर शनिवार को सिटी में शनिदान के नाम पर धर्म का खेल शुरू हो जाता है। शनिदान मांगने वाले तेल, लोहा और धन की ही डिमांड करते हैं। सुबह-सुबह पर गेट भी खटखटाने लग जाते हैं। खासकर चौराहों पर तक शनिदान की मांग आम बात है। कनक चौक, दर्शन लाल चौक, सर्वे चौक, धर्मपुर चौक प्रमुख चौक हैं, जहां शनिदेव के नाम पर मांगने वाले सैटरडे को सबसे ज्यादा दिखते हैं।

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दीवार पर टंगे हुए थे गणेश जी

पीके को कौलागढ़ रोड पर भी सैटरडे को सड़क पर बस यूं ही भगवान पड़े नजर आए। गणेशी जी दीवार पर टंगे हुए थे। किसी ने अपनी दुकान चलाने के लिए गणेश जी सहारा लिया था, लेकिन दुकानदार सैटरडे को नहीं दिखे। ऐसा ही कुछ एफआरआई के गेट के सामने कौलागढ़ रोड भी देखने को मिला, जहां पीपल के पेड़ के नीचे भगवान जी उपेक्षित नजर आए। पास में एक कुत्ते ने पीपल के पेड़ के नीचे गणेश जी के बगल पर अपना आशियाना बनाया हुआ था।

Posted By: Inextlive