-आईआईटी कानपुर के 51वें दीक्षांत समारोह में पत्नी सविता कोविंद के साथ पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

-छात्रों को सफल होने के बाद भी घमंड से दूर रहकर देश और समाज के लिए कार्य करने के लिए कहा

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KANPUR : सफलता केवल डिग्री लेने या नौकरी लग जाने से ही पूरी नहीं हो जाती है। बल्कि इसके बाद हमारी समाजिक जिम्मेदारी शुरू होती है। इसलिए समाज के प्रति संवेदनशील बनें। पढ़ाई पूरी होने के बाद पैसे और शोहरत के आगे इस देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को न भूले। देश और समाज को आपके योगदान की जरूरत है। यह सलाह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आईआईटी कानपुर के 51वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को डिग्री प्रदान करने के बाद अपने संबोधन में कही।

1576 स्टूडेंट को डिग्री

राष्ट्रपति सुबह 10:30 बजे आईआईटी ऑडिटोरियम में पहुंचे। उन्होंने 5 छात्रों को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने 993 स्टूडेंट को डिग्री दी गई। इस कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति आउटरीच में सीएसआरएल के सुपर-100 बच्चों से मिले और उन्हें सम्मानित किया। कनवाकेशन के दौरान तीनों सेशन मिलाकर कुल 1576 स्टूडेंट को डिग्री प्रदान की गई।

भरपूर मौके साथ चुनाैतियां भी

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अमृत मिशन, दीनदयाल ग्राम ज्योति उपाध्याय योजना, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और स्वच्छ भारत मिशन में देश के इंजीनियर अपना योगदान दे रहे हैं और आगे भी दे सकते हैं। इसमें करियर बनाने के साथ ही देश की तरक्की में भी भागीदार बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि 20वीं सेंचुरी में मैंने भी यहां स्टूडेंट रहकर कॉलेज लाइफ पूरी की है। ग्रेजुएट छात्रों को संबोधित करते हुए देश के प्रथम नागरिक कोविंद ने कहा कि आप जिस जेनरेशन में हैं, वहां एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी चैलेंचेज आपके सामने आएंगे, इसके साथ ही आपको मौके भी भरपूर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि पढ़ाई पूरी करने के बाद अब वे गृहस्थ जीवन के साथ सामाजिक जीवन में प्रवेश कर रहे हैं।

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कानपुर को बनाएं कॉमर्शियल हब

राष्ट्रपति ने अपने छात्र जीवन की यादें साझा करते हुए कहा कि जब वह कानपुर में पढ़ते थे तब कानपुर को मैनेचस्टर ऑफ ईस्ट भी कहा जाता था। टेक्सटाइल मिल इसकी पहचान हुआ करती थीं। नमामि गंगे योजना की तारीफ करते हुए कोविंद बोले कि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से गंगा में इंडस्ट्रियल वेस्ट और प्रदूषित होने से बचाया है। गंगा के पानी का विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए और गंगा बेसिन को यहां विकसित किया जाना चाहिए। इस कार्य में सरकार, नागरिक, उद्योग और शिक्षाविद् महत्वूपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। आज जब डिजिटल इकोनॉमी का जमाना आ गया है तब जरूरत है कानपुर को इंडस्ट्रियल और कॉमर्शियल हब बनाने की।

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सफलता के दिए 4 मंत्र

1. प्रेरित रहें- जीवन में हमेशा अच्छी चीजों से प्रेरणा लें। सफलता और असफलता कुछ न कुछ सिखाती है। इससे हम सभी को सबक लेते रहना होगा।

2. बड़ा सोचें- देश में शिक्षा के हालात अब अच्छे हो रहे हैं। गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले बच्चे विपरित परिस्थितियों में आगे बढ़ते हुए सफलता हासिल कर रहे हैं। इनसे हमें सीखना चाहिए। जिंदगी में कभी भी छोटा नहीं सोचना चाहिए।

3. अनुशासित रहें- अपने आपको किए जाने वाले कार्य के प्रति समर्पित कर देना चाहिए। पढ़ाई के दौरान भी परिवार, दोस्तों, म्यूजिक और स्पो‌र्ट्स को नहीं छोड़ना चाहिए। अनुशासित होकर सभी कार्य करने चाहिए।

4. विनम्र और संवेदनशील बनें- जीवन में के हर फ्रंट पर सफलता हासिल करो। हमेशा याद रखो कि जितना भी ज्ञान आपने अर्जित किया है उसको इंसानियत और देश के सेवा में जरूर लाना चाहिए।

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पे्रसीडेंट ने दिया सम्मान

प्रेसीडेंट गोल्ड मेडल- सक्षम शर्मा, बीटेक (सीएसई)

डायरेक्टर गोल्ड मेडल- कनुप्रिया अग्रवाल, बीएस (मैथ्स), एमटेक (सीएसई)

डायरेक्टर गोल्ड मेडल- सिमरत सिंह, बीटेक (इलेक्ट्रिक)

रतन स्वरूप मेमोरियल मेडल- श्रुति अग्रवाल, बीटेक (सीएसई)

डॉ। शंकर दयाल शर्मा मेडल- अर्जक भट्टाचार्य, एमटेक (मैटेरियल साइंस)

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गोपाल दास मेमोरियल डिस्टिंग्विश्ड टीचर अवॉर्ड- प्रो। सागर चक्रवर्ती

Posted By: Inextlive