बुढ़ाना गेट स्थित धर्मेश्वर मंदिर में फूलों से बनाई जा रही खाद

कंपोस्टिंग प्लांट में 20 से 25 दिन की प्रक्रिया में बनाई जा रही खाद

Meerut। शहर के मंदिरों में चढ़ने वाले फूल व पूजन सामग्री का उपयोग खाद बनाने में किया जा रहा है। इसके तहत शहर के बुढ़ाना गेट स्थित धर्मेश्वर मंदिर में प्लांट संचालित किया जा रहा है। मंदिर परिसर में फूलों और पूजन सामग्री का उपयोग कंपोस्ट खाद बनाने में हो रहा है। साथ ही शहर के बाकी सभी मंदिरों में भी इसके लिए अपने मंदिर से उपयोग हुए फूल व फलों के छिलके को एकत्र करके बुढाना गेट स्थित धर्मेश्वर महादेव मंदिर में भेजा जा रहा है।

चल रही प्रक्रिया

गौरतलब है कि बुढ़ाना गेट स्थित धर्मेश्वर मंदिर में बीते डेढ़ माह से फूलों से खाद बनाने का कार्य चल रहा है। इसके लिए मंदिर परिसर में दो मशीनें लगाई गई हैं। इसमें पहले फूल- पत्तियों को पीसकर एक बड़े से ड्रम में डाला जाता है। इसमें एक प्रतिशत पहले पाउडर डाला जाता है। जिससे खाद बनने में सरलता हो सके।

निगम से करेंगे डिमांड

मंदिर समिति के सदस्य व पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने बताया कि फूलों से बनने वाली खाद के लिए जल्द ही निगम से कूड़ा गाड़ी की मांग करेंगे। इसके बाद एक रूट चार्ट बनाकर शहर के बाकी मंदिरों से फूलों और पूजन सामग्री को मंगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस समय तीन चार दिनों में बनने वाली खाद को चेक करेंगे।

20 से 25 दिन की प्रक्रिया

पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई ने बताया कि इस प्रक्रिया से अच्छी खाद बनाने में तकरीबन 25 दिन का समय लगता है। उन्होंने बताया कि इस तरीके से बनी खाद पौधों के लिए लाभप्रद है तो वहीं इससे अच्छी सुगंध भी आएगी।

कई दिनों से प्रयास था कि मंदिरों में चढ़ने वाले फूल-पत्तियों को बाहर फेंका न जाए। मंदिर में निगम की ओर से ही पायलट कंपोस्टिंग प्लांट लगाया गया है। सफल प्रयोग होने पर इसे बाकी मंदिरों में भी लगाया जाएगा।

डॉ। लक्ष्मीकांत बाजपेयी, सदस्य धर्मेश्वर मंदिर समिति

शहर के कुछ मंदिर कमेटियों से हमारी बात हो चुकी है। लेकिन वे कब कंपोस्टिंग खाद शुरू करेंगे, ये उनका खुद का निर्णय है। निगम की ओर से सुविधाएं दी जाएंगी।

मनोज त्रिपाठी नोडल अधिकारी

Posted By: Inextlive