सदियों से भारत में बाल विवाह की परंपरा रही थी। हालाकि स्‍वतंत्र भारत में इस प्रथा को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया लेकिन अब भी कई जातियों और अशिक्षित लोगों के बीच अक्‍सर ये प्रथा दिखाई पड़ जाती है। हालाकि ना सिर्फ कानून बल्‍कि विज्ञान और भारतीय पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भी कम उम्र में विवाह करना अनुचित कहा गया है। आइये जाने कि क्‍यों बाल विवाह या कम उम्र में शादी करना विज्ञान और पुराणों में है वर्जित।

आयुर्वेद कहता है 25 में ही हो शादी
अगर चार भारतीय वेदों में से आयुर्वेद की माने तो उसने माना  है कि मनुष्य की आयु लगभग 100 वर्ष होती हे और उसके आधार पर ही उसके जीवन को चार भागों में बांटा गया जिन्हें आश्रम कहते हैं। ये हैं ब्रह्म्चर्य आश्रम, ग्रहस्थ आश्रम, वानप्रस्थ आश्रम और सन्यास आश्रम। इनमें हरेक को 25 वर्ष की आयु में बांटा गया है। पहले आश्रम ब्रहम्चर्य के अनुसार हरेक को 25 वर्ष की आयु में ही विवाह करना चाहिए क्योंकि तभी उसका शरीर शादीशुदा जिंदगी का आनंद लेने योग्य होता है और तभी वो उसके कमिटमेंट पूरे कर सकता है।
कम उम्र में प्रजनन क्षमता ज्यादा होने की बात गलत
जो लोग बाल विवाह का सर्मथन करते हैं उनका ये कहना होता है कि कम उम्र में शारीरिक संबंध बनाने में आसानी होती है और प्रजनन क्षमता बेहतर होती है। लेकिन आयुर्वेद और चिकित्सा विज्ञान के अनुसार पूर्णत गलत और भ्रामक जानकारी है। इसके विपरीत कम उम्र में शरीर ऐसे संबंधों के लिए तैयार नहीं होता।

यौन समस्याओं के पैदा होने की संभावना
विज्ञान और शास्त्र कहते हैं कि 25 की उम्र आते आते ही स्त्री पुरुष का शरीर यौन संबंधों के लिए परिपक्व हो पाता है इससे पहले शादी करने या दैहिक संबंध बनाने से कई यौन विकृतियां पैदा हो सकती हैं।
जल्दी आता है बुढ़ापा
चिकित्सा विज्ञान के अनुसार समय से पहले यानि 25 का होने से पूर्व ही यौन संबंध बनाने वाले लोगों को बुढ़ापा भी जल्दी आता है। और तो और बहुत कम उम्र में वैवाहिक संबंध बनाने वाले लोग मानसिक रूप से भी कमजोर हो सकते हैं।

इंपोटैंसी का खतरा
डाक्टर्स का तो यहां तक मानना है कि 25 की उम्र से पहले अगर कोई व्यक्ति शारीरिक संबंधों में जरूरत से ज्यादा लिप्त होता है तो उसके आगे जीवन में उसे कई तरह की बीमारियों के अलावा नपुंसकता यानि इंपोटेंसी का भी समना करना पड़ सकता है।

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Posted By: Molly Seth